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वर्जिन पीक चोटी फतह करने वाली देश की पहली ट्रांसजेंडर बनीं सौरव - Minister Kiran Rijiju

सौरव किट्टू टांक वर्जिन पीक चोटी फतह करने वाली पहली ट्रांसजेंडर बन गईं हैं. जिसके चलते केंद्रीय खेल राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने उनका सम्मान किया. इसके अलावा सौरव किट्टू टांक ने लोगों को 'नर, नारी, किन्नर एक समान' का संदेश दिया.

सौरव किट्टू टांक
सौरव किट्टू टांक
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Published : Oct 6, 2020, 10:57 PM IST

भोपाल : मध्य प्रदेश के ट्रांसजेंडर सौरव किट्टू टांक ने 6 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित हिमाचल प्रदेश की वर्जिन पीक चोटी फतह कर ली है. यह उपलब्धि हासिल करने वाली वो देश के पहली ट्रांसजेंडर हैं. उनकी इस उपलब्धि पर केंद्रीय खेल राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने दिल्ली में उनका सम्मान किया है.

किट्टू ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन इस माउंटेन पीक को फतह किया. किट्टू भारत की पहली ट्रांसजेंडर हैं, जिन्होंने आईएमएफ (इंडियन मांउटेनिंग फेडरेशन) द्वारा परमिट माउंटेन एक्सपीडिशन में हिस्सा लिया. ये वर्जिन पीक हिमाचल प्रदेश की स्पिति वैली में है. यहां का औसतन तापमान माइनस 15 डिग्री सेल्सियस रहता है.

वर्जिन पीक चोटी फतह करने वाली देश की पहली ट्रांसजेंडर

मंत्री किरण रिजिजू ने उन्हें बधाई देने के साथ ही उनका सम्मान भी किया. किट्टू के साथ उनकी कोच मेघा परमार भी मौजूद थीं. वर्जिन पीक खतरों से भरी है. यहां कभी भी एवलांच आना आम बात है. इस पीक को फतह करना अपने आप में काफी बहादुरी का काम है.

पढ़ें :- विशेष : नाहिदा मंजूर ने हौसलों की उड़ान से फतह किया एवरेस्ट

किट्टू का कहना है कि उन्हें माउंट क्लाइंबिंग करने की प्रेरणा मध्य प्रदेश की पहली महिला एवरेस्ट फतेह करने वाली मेघा परमार से मिली. जब उन्हें मेघा परमार के बारे में पता चला, तो वो उनसे बहुत ज्यादा प्रभावित हुईं, उन्होंने सोचा कि, जब मेघा अपनी पीठ में 3 फ्रेक्चर होने के बाद भी माउंट एवरेस्ट फतह कर सकती हैं, तो वे क्यों नहीं कर सकतीं.

इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने मेघा से ही ट्रेनिंग ली और उन्हें अपना शिक्षक बनाया. किट्टू ने कहा कि ये लड़ाई सिर्फ नर-नारी की समानता की नहीं है, बल्कि ये ट्रांसजेंडर के सम्मान की लड़ाई है. उन्होंने पीक पर पहुंचते ही नारा दिया 'नर, नारी, किन्नर एक समान.'

भोपाल : मध्य प्रदेश के ट्रांसजेंडर सौरव किट्टू टांक ने 6 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित हिमाचल प्रदेश की वर्जिन पीक चोटी फतह कर ली है. यह उपलब्धि हासिल करने वाली वो देश के पहली ट्रांसजेंडर हैं. उनकी इस उपलब्धि पर केंद्रीय खेल राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने दिल्ली में उनका सम्मान किया है.

किट्टू ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन इस माउंटेन पीक को फतह किया. किट्टू भारत की पहली ट्रांसजेंडर हैं, जिन्होंने आईएमएफ (इंडियन मांउटेनिंग फेडरेशन) द्वारा परमिट माउंटेन एक्सपीडिशन में हिस्सा लिया. ये वर्जिन पीक हिमाचल प्रदेश की स्पिति वैली में है. यहां का औसतन तापमान माइनस 15 डिग्री सेल्सियस रहता है.

वर्जिन पीक चोटी फतह करने वाली देश की पहली ट्रांसजेंडर

मंत्री किरण रिजिजू ने उन्हें बधाई देने के साथ ही उनका सम्मान भी किया. किट्टू के साथ उनकी कोच मेघा परमार भी मौजूद थीं. वर्जिन पीक खतरों से भरी है. यहां कभी भी एवलांच आना आम बात है. इस पीक को फतह करना अपने आप में काफी बहादुरी का काम है.

पढ़ें :- विशेष : नाहिदा मंजूर ने हौसलों की उड़ान से फतह किया एवरेस्ट

किट्टू का कहना है कि उन्हें माउंट क्लाइंबिंग करने की प्रेरणा मध्य प्रदेश की पहली महिला एवरेस्ट फतेह करने वाली मेघा परमार से मिली. जब उन्हें मेघा परमार के बारे में पता चला, तो वो उनसे बहुत ज्यादा प्रभावित हुईं, उन्होंने सोचा कि, जब मेघा अपनी पीठ में 3 फ्रेक्चर होने के बाद भी माउंट एवरेस्ट फतह कर सकती हैं, तो वे क्यों नहीं कर सकतीं.

इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने मेघा से ही ट्रेनिंग ली और उन्हें अपना शिक्षक बनाया. किट्टू ने कहा कि ये लड़ाई सिर्फ नर-नारी की समानता की नहीं है, बल्कि ये ट्रांसजेंडर के सम्मान की लड़ाई है. उन्होंने पीक पर पहुंचते ही नारा दिया 'नर, नारी, किन्नर एक समान.'

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