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ट्रांसजेंडर पर भी कोरोना की मार,नहीं मिल रहा काम

कोरोना महामारी से ट्रांसजेंडर भी बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इनके काम धंधे बंद होने से ये लोग वित्तीय कठिनाइयों से जूझ रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

ट्रांसजेंडर पर भी कोरोना की मार
ट्रांसजेंडर पर भी कोरोना की मार
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Published : Jul 30, 2020, 12:04 PM IST

भद्रक, ओडिशाः कोरोना महामारी से ट्रांसजेंडर समाज भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ये लोग वित्तीय कठिनाइयों से जूझ रहे हैं. उनका कहना है कि इस संकट की घड़ी में उनके पास कोई काम नहीं है.

अर्द्ध नारीश्वर किन्नर महासभा, भद्रक की सचिव सुनीता ने कहा कि केवल हम हीं जानते हैं कि हम कैसे जी रहे हैं. हमें विरोध प्रदर्शन करना होगा. अगर सरकार हमारी समस्याओं को नहीं सुनेगी तो और कौन सुनेगा?

हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने इस समुदाय के विकास पर जोर दिया लेकिन बहुत ही कम ट्रांसजेंडर को इसका लाभ मिला है.

एक अन्य ट्रांसजेंडर, संजना ने दावा किया कि हालांकि सरकार ने उनके समुदाय को वोटर कार्ड, आधार कार्ड आदि प्रदान किए हैं, लेकिन उन्हें अब तक कोई सहायता नहीं मिली है. संजना ने कहा, "हम बहुत बुरी स्थिति में हैं और हमें कोई मदद भी नहीं मिली है. हमारे पास खाना नहीं है, रहने के लिए जगह नहीं है और इस संकट के बीच आय का स्रोत भी बंद हो गया है. सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए नहीं तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे.

आतिश बेहरा एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो यहां के ट्रांसजेंडर समुदाय की मदद करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि "सरकार ने कहा है कि इस संकट के बीच किसी को भी भूखा नहीं रहना देंग, इसका मतलब इन लोगों के लिए भी है. वे कभी-कभी दिन में केवल एक बार भोजन करते हैं. सरकार को उनके खाते में या कम से कम राशन के लिए पैसा देना चाहिए

यह भी पढें - पिछले 24 घंटे में 52,123 नए मामले, 10 लाख से ज्यादा स्वस्थ

भद्रक, ओडिशाः कोरोना महामारी से ट्रांसजेंडर समाज भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ये लोग वित्तीय कठिनाइयों से जूझ रहे हैं. उनका कहना है कि इस संकट की घड़ी में उनके पास कोई काम नहीं है.

अर्द्ध नारीश्वर किन्नर महासभा, भद्रक की सचिव सुनीता ने कहा कि केवल हम हीं जानते हैं कि हम कैसे जी रहे हैं. हमें विरोध प्रदर्शन करना होगा. अगर सरकार हमारी समस्याओं को नहीं सुनेगी तो और कौन सुनेगा?

हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने इस समुदाय के विकास पर जोर दिया लेकिन बहुत ही कम ट्रांसजेंडर को इसका लाभ मिला है.

एक अन्य ट्रांसजेंडर, संजना ने दावा किया कि हालांकि सरकार ने उनके समुदाय को वोटर कार्ड, आधार कार्ड आदि प्रदान किए हैं, लेकिन उन्हें अब तक कोई सहायता नहीं मिली है. संजना ने कहा, "हम बहुत बुरी स्थिति में हैं और हमें कोई मदद भी नहीं मिली है. हमारे पास खाना नहीं है, रहने के लिए जगह नहीं है और इस संकट के बीच आय का स्रोत भी बंद हो गया है. सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए नहीं तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे.

आतिश बेहरा एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो यहां के ट्रांसजेंडर समुदाय की मदद करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि "सरकार ने कहा है कि इस संकट के बीच किसी को भी भूखा नहीं रहना देंग, इसका मतलब इन लोगों के लिए भी है. वे कभी-कभी दिन में केवल एक बार भोजन करते हैं. सरकार को उनके खाते में या कम से कम राशन के लिए पैसा देना चाहिए

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