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शरजील इमाम के समर्थन में नारेबाजी, एलजीबीटी समुदाय ने की 51 लोगों की रिहाई की मांग

पिछले हफ्ते मुंबई में एलजीबीटी एलजीबीटी प्राइड परेड के दौरान देशद्रोह के आरोपी शरजील इमाम के समर्थन में नारेबाजी की गई थी. इस मामले में पुलिस ने 51 लोगों को गिरफ्तार किया था. एलजीबीटी समुदाय ने सभी 51 लोगों को खिलाफ दर्ज मामला रद करने की मांग की है. पढ़ें विस्तार से

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रे आर
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Published : Feb 7, 2020, 9:32 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 1:55 PM IST

नई दिल्ली : एक फरवरी को मुंबई में आयोजित एलजीबीटी प्राइड परेड के दौरान देशद्रोह के आरोपी शरजील इमाम के समर्थन में नारेबाजी करने वाले 51 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुंबई पुलिस ने मामला दर्ज किया. एलबीटी समुदाय ने सभी 51 लोगों को रिहा करने और मामला रद करने की मांग की है.

इस पूरे मामले पर दिल्ली में रहने वाली ट्रांसजेंडर महिला और डीयू में लॉ की छात्रा रे आर ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने उस कार्यक्रम के बारे में बताया. उन्होंने बातचीत में कहा, 'उस कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई थी और सीएए और एनआरसी के खिलाफ नारे लगाए गए थे. वहां मौजूद लोगों ने रोहित वेमुला के पक्ष में एकजुटता जाहिर की थी और साथ ही शरजील इमाम के समर्थन में भी नारे लगाए थे, लेकिन उस कार्यक्रम के पूरे वीडियो में से कुछ नारों को लेकर उसे मुद्दा बना दिया गया है.'

कानून की पढ़ाई कर रहीं रे आर ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगों ने दिल्ली चुनाव के मद्देनजर इसे बड़ा मुद्दा बनाया है.

रे आर से बातचीत

JNU में शरजील की रिहाई की मांग को लेकर छात्रों ने किया प्रदर्शन, बताया निर्दोष

उन्होंने आगे कहा कि पुलिस द्वारा लगाए गए आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो पाएंगे क्योंकि उस कार्यक्रम में किसी भी तरह के भड़काउ नारे नहीं लगाए गए थे और न ही कोई ऐसे नारे लगाए गए थे जो कि गैरकानूनी हों.

नई दिल्ली : एक फरवरी को मुंबई में आयोजित एलजीबीटी प्राइड परेड के दौरान देशद्रोह के आरोपी शरजील इमाम के समर्थन में नारेबाजी करने वाले 51 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुंबई पुलिस ने मामला दर्ज किया. एलबीटी समुदाय ने सभी 51 लोगों को रिहा करने और मामला रद करने की मांग की है.

इस पूरे मामले पर दिल्ली में रहने वाली ट्रांसजेंडर महिला और डीयू में लॉ की छात्रा रे आर ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने उस कार्यक्रम के बारे में बताया. उन्होंने बातचीत में कहा, 'उस कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई थी और सीएए और एनआरसी के खिलाफ नारे लगाए गए थे. वहां मौजूद लोगों ने रोहित वेमुला के पक्ष में एकजुटता जाहिर की थी और साथ ही शरजील इमाम के समर्थन में भी नारे लगाए थे, लेकिन उस कार्यक्रम के पूरे वीडियो में से कुछ नारों को लेकर उसे मुद्दा बना दिया गया है.'

कानून की पढ़ाई कर रहीं रे आर ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगों ने दिल्ली चुनाव के मद्देनजर इसे बड़ा मुद्दा बनाया है.

रे आर से बातचीत

JNU में शरजील की रिहाई की मांग को लेकर छात्रों ने किया प्रदर्शन, बताया निर्दोष

उन्होंने आगे कहा कि पुलिस द्वारा लगाए गए आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो पाएंगे क्योंकि उस कार्यक्रम में किसी भी तरह के भड़काउ नारे नहीं लगाए गए थे और न ही कोई ऐसे नारे लगाए गए थे जो कि गैरकानूनी हों.

Intro:New Delhi: LABIA - A Queer Feminist LBT Collective, today expressed solidarity with the 51 persons who were charged with sedition for raising slogans in support of Jawaharlal Nehru University (JNU) student Sharjeel Imam at Mumbai Pride Solidarity gathering held on February 1 and demanded that the charges against them be dropped immediately as it is baseless and unconstitutional.


Body:On February 1, 2020, QAM (Queer Azaadi Mumbai, the organising body of the pride march) organised a Pride Solidarity gathering at Mumbai's Azad Maidan, in lieu of the annual pride march.

Ray R, a trans woman law student of Delhi University, while explaining the timeline of events that made Mumbai Police to file a sedition case against 51 persons, said, "during the gathering several people raised slogans, when we got time me and other queer activist Kris Chudawala, the person being held responsible for giving anti-national slogans was called on to read the Preamble of the Constitution and also raised multiple slogans against the CAA and NRC, Rohit Vemula and also mentioned Sharjeel Imam but that particular part of the video was taken out of the context."

Ray further claimed that the edited video was picked by people belonging right wing and then ex-BJP MP Kirit Somaiya and former chief minister of Maharashtra, Devendra Fadnavis shared it by amplifying the narrative of vilification with direct appeals to the Mumbai Police to act on the same.



Conclusion:Taking note of all this the Azad Maidan police file charges including that of sedition against Kris Chudawala and 50 others unnamed people alleged to have taken part in the said sloganeering. As on February 5, 2020, the Sessions Court in Mumbai has denied anticipatory bail to the person first named (Kris Chudawala).

According to R Ray, the slogans raised for Sharjeel Imam was not the case of sedition because Kedarnath judgement of the Supreme Court had said that some kind of speech act has to create a tendency to insight violence.

Claiming the sedition charges baseless, Ray said, the controversial claimed to be anti-national- "Sharjeel Imam hum aapke sapnon ko manzil tak pahunchayenge" (we will convert your dreams into reality) was taken out of context as it against the sedition charges that was filed against him.

Sharjeel Imam was arrested from Bihar on January 28 for his alleged remarks during the anti-CAA protests at Aligarh and Delhi.
Last Updated : Feb 29, 2020, 1:55 PM IST
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