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मिसाल : तिरुपति बालाजी के पुजारी ने दिव्यांग लड़की संग लिए सात फेरे

आधुनिक समय में जहां शादी से पहले लड़की के गुण और शैक्षिक योग्यता की जांच की जाती है और अगर वर पक्ष कन्या से संतुष्ट हो भी जाए तो सर्वप्रथम दहेज की मांग रखी जाती है. ऐसे में तिरुपति मंदिर के सेवारत पुजारी मदन मोहन सबके लिए प्रेरणास्त्रोत बनकर सामने आए हैं, जिन्होंने बिन किसी दहेज के शारीरिक रूप से दिव्यांग सौम्या को अपनी जीवनसंगिनी के तौर पर चुना.

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तिरुपति बालाजी के पुजारी हैं प्रेरणा
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Published : Dec 11, 2019, 4:13 PM IST

Updated : Dec 12, 2019, 1:26 PM IST

ब्रह्मपुर : तिरुपति बालाजी मंदिर के सेवारत पुजारी मदन मोहन ने ब्रह्मपुर की सौम्या को अपनी जीवनसंगिनी चुना, जो कि शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं. इतना ही नहीं उनके परिवार ने कन्यापक्ष से किसी प्रकार का दहेज भी नहीं लिया. दोनों का विवाह ओडिशा के ब्रह्मपुर में संपन्न हुआ.

गौरतलब है कि सौम्या ने ब्रेन मलेरिया से प्रभावित होने के बाद साल 2007 में अपनी आंखें खो दी थीं. सौम्या के परिवार वाले हमेशा से ही उसके भविष्य और शादी को लेकर परेशान रहते थे.

प्रेरणादायी शादी पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

हालांकि, कौन कल्पना कर सकता था कि उसकी शादी का प्रस्ताव जी वेंकटसिमाद्री के बेटे मदन और तिरुपति बालाजी मंदिर के एक सेवारत पुजारी से आएगा.

बिना किसी हिचकिचाहट के, दोनों परिवारों ने शादी के लिए अपनी सहमति दे दी.

पढ़ें : 'एक अलग पहचान' कर रही है अनोखा काम, बेसहारा अस्थियों को देती है 'सहारा'

दूसरी ओर मोहन को पूरा भरोसा है कि भगवान वेंकटेश्वर के आशीर्वाद से सौम्या की आंखें जल्द ही वापस आ जाएंगी और उसे एक नई जिंदगी मिल जाएगी.

आज के समय में लड़की के गुणों और शैक्षिक योग्यता के आधार पर ही विवाह सुनिश्चित किया जाता है. ऐसे में शारीरिक रूप से अक्षम लड़की को अपना जीवन साथी चुनने के मदन मोहन के फैसले ने सभी को एक आदर्श विवाह का संदेश दिया है.

ब्रह्मपुर : तिरुपति बालाजी मंदिर के सेवारत पुजारी मदन मोहन ने ब्रह्मपुर की सौम्या को अपनी जीवनसंगिनी चुना, जो कि शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं. इतना ही नहीं उनके परिवार ने कन्यापक्ष से किसी प्रकार का दहेज भी नहीं लिया. दोनों का विवाह ओडिशा के ब्रह्मपुर में संपन्न हुआ.

गौरतलब है कि सौम्या ने ब्रेन मलेरिया से प्रभावित होने के बाद साल 2007 में अपनी आंखें खो दी थीं. सौम्या के परिवार वाले हमेशा से ही उसके भविष्य और शादी को लेकर परेशान रहते थे.

प्रेरणादायी शादी पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

हालांकि, कौन कल्पना कर सकता था कि उसकी शादी का प्रस्ताव जी वेंकटसिमाद्री के बेटे मदन और तिरुपति बालाजी मंदिर के एक सेवारत पुजारी से आएगा.

बिना किसी हिचकिचाहट के, दोनों परिवारों ने शादी के लिए अपनी सहमति दे दी.

पढ़ें : 'एक अलग पहचान' कर रही है अनोखा काम, बेसहारा अस्थियों को देती है 'सहारा'

दूसरी ओर मोहन को पूरा भरोसा है कि भगवान वेंकटेश्वर के आशीर्वाद से सौम्या की आंखें जल्द ही वापस आ जाएंगी और उसे एक नई जिंदगी मिल जाएगी.

आज के समय में लड़की के गुणों और शैक्षिक योग्यता के आधार पर ही विवाह सुनिश्चित किया जाता है. ऐसे में शारीरिक रूप से अक्षम लड़की को अपना जीवन साथी चुनने के मदन मोहन के फैसले ने सभी को एक आदर्श विवाह का संदेश दिया है.

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Berhampur – Marriages are settled in heaven, which means that it is predetermined as to who will be whose life partner. The silk city has seen such a living example recently.



Madan Mohan of Tirupati has tied the knot and choose soumya, a physically challenged girl of Berhampur, as his life partner. More so, as the marriage was solemnized without any dowry, the happiness in the family of G.Narsimha Swamy, the father of the girl knows no bounds. Soumya had lost her vision in 2007 after being affected by brain malaria. The family was always worried about her future as well as marriage. However, who could have imagined that a proposal for her marriage would come from Madan, son of G. Venkatsimadri and a serving priest of Balaji Temple of Tirupati. Without any hesitation, both the families gave their consent for the marriage. On the other hand the husband madan Mohan has great hope that Soumya would certainly get back her vision by the blessings of Lord of Tirupati.



Madan Mohan’s action in choosing a physical challenged girl as his life partner has conveyed a message of an ideal marriage to others at a time when marriages are generally settled now a days after considering the educational qualification and other good qualities of the girl.  

 


Conclusion:
Last Updated : Dec 12, 2019, 1:26 PM IST
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