मुंबई : महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच एक बार फिर मतभेद सामने आया है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंदिरों को खोले जाने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने चिट्ठी भी लिखी है. जिसके जवाब में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि लोगों का जीवन बचाना सरकार का प्रथम कर्तव्य है.
राज्यपाल ने ठाकरे से एक स्पष्ट सवाल पूछा आप हिंदुत्व के एक मजबूत मतदाता रहे हैं. क्या आपने खुद को धर्मनिरपेक्ष बना लिया है? जिस शब्द से आपको नफरत थी? कोश्यारी ने बताया कि कैसे ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अयोध्या जाकर भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति को सार्वजनिक रूप से जाग्रत किया और बाद में एक जुलाई को आषाढ़ी एकादशी पर प्रसिद्ध पंढरपुर के भगवान विठ्ठल और देवी रुक्मिणी मंदिर में पूजा की.
महाराष्ट्र में राज्य सभा सदस्य छत्रपति उदयन राजे भोसले के शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मामले में हस्तक्षेप किया. राज्यपाल कोश्यारी ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर सांसदों और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों को शपथ-ग्रहण समारोह को पूरी तरह से पूरा करने के लिए एक सलाह जारी करने का अनुरोध किया. उन्होंने पत्र में उल्लेख किया कि संसद और राज्य विधानसभाओं के कुछ सदस्य शपथग्रहण सत्र के दौरान निर्धारित प्रारूप का पालन नहीं कर रहे हैं.
पढ़ें : राज्यपाल से मुलाकात के बाद बोलीं कंगना- उम्मीद है जल्द मिलेगा न्याय
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कंगना रनौत के मामले पर एक रिपोर्ट पेश करने के लिए मुख्यमंत्री के सलाहकार अजॉय मेहता को आमंत्रित किया. मुंबई पहुंचने के बाद कंगना ने राज्यपाल से 13 सितंबर को मुलाकात की. अभिनेत्री कंगना रनौत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया. अभिनेत्री कंगना रनौत के कार्यालय को एक दिन के नोटिस के साथ ध्वस्त करने के बाद राज्यपाल ने नाराजगी व्यक्त की. मुख्यमंत्री कार्यालय के सलाहकार अजॉय मेहता को राज्यपाल ने राजभवन में बुलाया था.