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निर्भया केस : जल्लाद को फांसी के तीन दिन पहले करना होगा रिपोर्ट - 2012 को दक्षिणी दिल्ली

2012 को दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों को फांसी देने के लिए जेल अधिकारियों ने जल्लाद को तीन दिन पहले रिपोर्ट करने के लिए कहा है, ताकि जल्लाद के आने के बाद फिर से डमी का संचालन किया जा सके.

तिहाड़ जेल
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Published : Mar 15, 2020, 6:48 PM IST

नई दिल्ली : बहुचर्चित निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में जेल प्रशासन ने दोषियों को फांसी देने के लिए जल्लाद को फांसी के लिए निर्धारित तारीख से तीन दिन पहले रिपोर्ट करने के लिए कहा है.

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की एक अदालत के द्वारा दिए आदेश के अनुसार, मामले के चार दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे एक साथ फांसी दी जानी है.

मृत्युदंड के दोषियों में मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) के नाम शामिल हैं.

कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने में देरी के कारण उनके मृत्यु वारंट निष्पादन तीन बार पहले ही टाल दिया गया है.

ताजा मृत्यु वारंट जारी होने के बाद, तिहाड़ जेल अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश में अपने समकक्षों को पत्र लिखकर जेल के एक अधिकारी, जल्लाद पवन जल्लाद की सेवा के लिए अनुरोध किया है.

संदीप गोयल, डीजी (जेल) ने बताया कि फांसी की निर्धारित तारीख से तीन दिन पहले है मेरठ के पवन जल्लाद, को 17 मार्च को तिहाड़ जेल में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है.

जेल अधिकारियों के अनुसार, जल्लाद के आने के बाद फिर से डमी का संचालन किया जाएगा.

फिलहाल दोषियों के स्वास्थ्य की जांच हर रोज की जी रही है. साथ ही उनकी नियमित रूप से काउंसलिंग भी की जा रही है.

चार दोषियों में से मुकेश, पवन और विनय ने अपने-अपने परिवारों के साथ आमने-सामने की मुलाकात की हैं. अधिकारियों ने अक्षय के परिवार को निष्पादन की निर्धारित तिथि से पहले अंतिम मुलाकात की तारीख के बारे में लिखा है.

पढ़ें- निर्भया मामला : दोषियों के साक्षात्कार को लेकर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

बता दें कि एक 23 वर्षीय फिजियोथेरेपी इंटर्न, जिसे 'निर्भया' (निडर) के रूप में जाना जाता है, 16 दिसंबर 2012 को दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार और उसे निरवस्त्र चलती बस से फेंक दिया गया था. हालांकि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.

इस मामले में चार दोषियों और एक किशोर सहित छह लोगों को आरोपी बनाया गया था. छठे आरोपी राम सिंह ने मुकदमा शुरू होने के कुछ दिनों बाद तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी, जबकि नाबालिग युवक को 2015 में सुधारक घर में तीन साल बिताने के बाद रिहा कर दिया गया था.

नई दिल्ली : बहुचर्चित निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में जेल प्रशासन ने दोषियों को फांसी देने के लिए जल्लाद को फांसी के लिए निर्धारित तारीख से तीन दिन पहले रिपोर्ट करने के लिए कहा है.

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की एक अदालत के द्वारा दिए आदेश के अनुसार, मामले के चार दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे एक साथ फांसी दी जानी है.

मृत्युदंड के दोषियों में मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) के नाम शामिल हैं.

कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने में देरी के कारण उनके मृत्यु वारंट निष्पादन तीन बार पहले ही टाल दिया गया है.

ताजा मृत्यु वारंट जारी होने के बाद, तिहाड़ जेल अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश में अपने समकक्षों को पत्र लिखकर जेल के एक अधिकारी, जल्लाद पवन जल्लाद की सेवा के लिए अनुरोध किया है.

संदीप गोयल, डीजी (जेल) ने बताया कि फांसी की निर्धारित तारीख से तीन दिन पहले है मेरठ के पवन जल्लाद, को 17 मार्च को तिहाड़ जेल में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है.

जेल अधिकारियों के अनुसार, जल्लाद के आने के बाद फिर से डमी का संचालन किया जाएगा.

फिलहाल दोषियों के स्वास्थ्य की जांच हर रोज की जी रही है. साथ ही उनकी नियमित रूप से काउंसलिंग भी की जा रही है.

चार दोषियों में से मुकेश, पवन और विनय ने अपने-अपने परिवारों के साथ आमने-सामने की मुलाकात की हैं. अधिकारियों ने अक्षय के परिवार को निष्पादन की निर्धारित तिथि से पहले अंतिम मुलाकात की तारीख के बारे में लिखा है.

पढ़ें- निर्भया मामला : दोषियों के साक्षात्कार को लेकर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

बता दें कि एक 23 वर्षीय फिजियोथेरेपी इंटर्न, जिसे 'निर्भया' (निडर) के रूप में जाना जाता है, 16 दिसंबर 2012 को दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार और उसे निरवस्त्र चलती बस से फेंक दिया गया था. हालांकि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.

इस मामले में चार दोषियों और एक किशोर सहित छह लोगों को आरोपी बनाया गया था. छठे आरोपी राम सिंह ने मुकदमा शुरू होने के कुछ दिनों बाद तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी, जबकि नाबालिग युवक को 2015 में सुधारक घर में तीन साल बिताने के बाद रिहा कर दिया गया था.

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