सिवनी : पेंच नेशनल पार्क की बाघिन के गले में रेडियो कॉलर आईडी होने के चलते इसे कॉलर वाली बाघिन नाम से जाना जाता है. टाइगर रिजर्व के टूरिस्ट एरिया के बीचो-बीच इस बाघिन की टेरेटरी होने के कारण ये पार्क में आने वाले पर्यटकों और प्रबंधन के लिए सबसे चहेती बाघिन है. शावकों को जन्म देने के साथ-साथ शावकों की परवरिश करने में कॉलर वाली बाघिन अन्य बाघिनों की अपेक्षा अधिक कुशल है और अब तक इससे डेढ़ दर्जन से ज्यादा टाइगर पेंच नेशनल पार्क में चहलकदमी करते नजर आते हैं.
16 साल की हो चुकी कॉलर वाली ये मादा बाघिन पेंच टाइगर रिजर्व की शान है. 2008 में इसने तीन शावकों को जन्म दिया था, लेकिन तीनों ही शावक मौत के शिकार हो गए थे, लेकिन इसके बाद भी इस बाघिन के नाम सर्वाधिक शावकों का रिकॉर्ड होने की बात की जाती है. इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इस बाघिन का सबसे महत्वपूर्ण योगदान ये है कि इसने मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का तमगा दिलाने में अहम योगदान दिया है और एक बार फिर ये बाघिन पेंच टाइगर रिजर्व में चहल कदमी करते हुए नजर आई और इसे कैमरे में कैद किया गया है.
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वाइल्ड लाइव फोटोग्राफर इमरान ने टी-सेवन बाघिन की कुछ फोटो निकालीं हैं, इससे ये साबित होता है कि वो कितनी कैमरा फ्रेंडली है.