नई दिल्ली : राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय की ओर से शनिवार सुबह सुनाए जाने वाले फैसले के मद्देनजर अयोध्या और उसके आस-पास के क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और प्रशासन उत्तर प्रदेश के 31 जिलों में विशेष सतर्कता बरत रहा है.
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में अस्थायी जेल बनाई है जबकि कुछ स्थानों पर इंटरनेट सेवाओं पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है ताकि सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें ना फैलाईं जाए.
उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारी आशुतोष ने कहा कि अयोध्या में सुरक्षा की दृष्टिकोण से करीब 60 कंपनियां लगाई है. जिसमें पैरामिलिट्री , रैपिड एक्शन फोर्स , 20 डिप्टी एसपी, दो एसी, 1200 कांसेटेबल, 35 सीसीटीवी कमरे, 10 ड्रोन लगाए गए है. इसके साथ ही मजबूत बैरिकेटिंग बनाई गई है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्री और राज्य सरकार के बीच नियमित संवाद जारी है और केंद्रीय अर्धसैनिक बल के 4,000 जवान उत्तर प्रदेश में तैनात किए गए हैं.
अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर 670 लोगों पर विशेष तौर पर नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित की जा सकती हैं.
अयोध्या और उसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. वहीं राज्य के हर जिले में अस्थायी जेल बनाए गए हैं.
राज्य सरकार ने 31 जिलों को संवेदनशील बताया है. पूरे उत्तर प्रदेश में पहले ही सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है, जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध है.
अयोध्या पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां यह विवादित ढांचा बना है. सुरक्षा की विभिन्न श्रेणी बनाई गई है और हर एक आगंतुक की जांच की जा रही है.