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तिब्बती डॉक्टर का दावा- ढूंढ निकाला कोरोना का आयुर्वेदिक इलाज - तिब्बती डॉक्टर ने ढूंढा इलाज

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में कोरोना वायरस की गोली बनाने का एक तिब्बती डॉक्टर ने दावा किया है. तिब्बत आयुर्वेदिक पद्दति से अरोमा थेरैपी के तहत एक दवाई तैयार की गई है.

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ढूंढ निकाला कोरोना का इलाज
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Published : Feb 14, 2020, 7:41 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 8:47 AM IST

धर्मशाला: दुनियाभर में इस वक्त कोरोना वायरस का कहर फैला हुआ है. पड़ोसी देश चीन की बात की जाए तो यहां पर कई लोगों की जान इससे हो जा चुकी है. देश और प्रदेश में भी कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है.

वहीं हिमाचल प्रदेश में स्थित मैक्लोडगंज में कोरोना वायरस से बचने के लिए एक तिब्बती डॉक्टर ने दवा बनाने का दावा किया है. मैक्लोडगंज स्थित तिब्बती मेडिकल कॉलेज (मेन-से-खंग) के एक शोधार्थी डॉ. तेंजिन येशी का दावा है कि काले कपड़े में बांधकर इस गोली को गले में पहनने से कोरोना वायरस शरीर पर असर नहीं करेगा.

देखें रिपोर्ट...

इसे भी पढ़ें- कोरोना वायरस : चीन में मरने वालों की संख्या 1500 के करीब पहुंची, नए मामलों में कमी

डॉक्टर तेंजिन यशी का कहना है कि तिब्बत आयुर्वेदिक पद्धति से अरोमा थेरैपी के तहत एक दवाई तैयार की गई है. पहले से ही तैयार की जाती रही है, लेकिन कोरोना वायरस के बाद इसकी मांग अधिक आ रही है.

इस दवाई को काले कपड़े में लपेट कर अपने गले मे बांधा जाता है. जिससे किसी भी प्रकार के वायरस से बचाव हो सकता है. डॉक्टर ने बताया अब इस दवाई को जल्द से जल्द देशभर में बांटने के लिए तैयार किया जा रहा है.

धर्मशाला: दुनियाभर में इस वक्त कोरोना वायरस का कहर फैला हुआ है. पड़ोसी देश चीन की बात की जाए तो यहां पर कई लोगों की जान इससे हो जा चुकी है. देश और प्रदेश में भी कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है.

वहीं हिमाचल प्रदेश में स्थित मैक्लोडगंज में कोरोना वायरस से बचने के लिए एक तिब्बती डॉक्टर ने दवा बनाने का दावा किया है. मैक्लोडगंज स्थित तिब्बती मेडिकल कॉलेज (मेन-से-खंग) के एक शोधार्थी डॉ. तेंजिन येशी का दावा है कि काले कपड़े में बांधकर इस गोली को गले में पहनने से कोरोना वायरस शरीर पर असर नहीं करेगा.

देखें रिपोर्ट...

इसे भी पढ़ें- कोरोना वायरस : चीन में मरने वालों की संख्या 1500 के करीब पहुंची, नए मामलों में कमी

डॉक्टर तेंजिन यशी का कहना है कि तिब्बत आयुर्वेदिक पद्धति से अरोमा थेरैपी के तहत एक दवाई तैयार की गई है. पहले से ही तैयार की जाती रही है, लेकिन कोरोना वायरस के बाद इसकी मांग अधिक आ रही है.

इस दवाई को काले कपड़े में लपेट कर अपने गले मे बांधा जाता है. जिससे किसी भी प्रकार के वायरस से बचाव हो सकता है. डॉक्टर ने बताया अब इस दवाई को जल्द से जल्द देशभर में बांटने के लिए तैयार किया जा रहा है.

Intro:धर्मशाला- दुनिया भर में इस वक्त कोरोना वायरस का कहर फैला हुआ है वहीं पड़ोसी देश चीन की बात की जाए तो यहां पर कई लोगों की जान इस वायरस की वजह से जा चुकी है। वही देश और प्रदेश में भी कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट का दौर जारी है।

Body:मैक्लोडगंज स्थित कोरोना वायरस से बचने के लिए तिब्बतियन डॉक्टर ने दवा बनाने का दावा किया है। मैक्लोडगंज स्थित तिब्बतियन मेडिकल कॉलेज (मेन-से-खंग) के एक शोधार्थी डॉ. तेंजिन येशी का दावा है कि काले कपड़े में बांधकर इस गोली को गले में पहनने से कोरोना वायरस शरीर पर असर नहीं करेगा।
Conclusion:वही मेन-से-खंग तिब्बतियन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर तेंजिन यशी का कहना है कि तिब्बतियन आयुर्वेदिक पद्दति से अरोमा थेरैपी के तहत एक दवाई तैयार की गई है जो पहले से ही तैयार की जाती है लेकिन कोरोना वायरस के बाद इसकी मांग अधिक आ रही है। इस दवाई को काले कपड़े में लपेट कर अपने गले मे बांधा जाता है जिससे किसी भी प्रकार के वायरस से बचाव हो सकता है डॉ ने बताया कि अब इस दवाई को जल्द से जल्द देश भर में बांटने के लिए तैयार किया जा रहा है इसकी एक गोली मात्र 10 रुपये की है ।
Last Updated : Mar 1, 2020, 8:47 AM IST
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