धर्मशाला: मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार चीनी नागरिक को लेकर जांच एजेसियों ने बड़ा खुलासा किया है. बताया गया है कि चीनी नागरिक चार्ली पेंग दिल्ली में कुछ तिब्बती लोगों के संपर्क में था. उसने दलाई लामा और उनके सहयोगियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत भी दी थी.
तिब्बत निर्वासित सरकार ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए निंदा की है. तिब्बत निर्वासित सरकार के डिप्टी स्पीकर आचार्य यशी ने कहा कि चीनी लोगों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए. वह व्यापार के माध्यम से यहां आया था और दो नंबर के काम कर रहा था.
यहां से दलाई लामा, तिब्बतियों और भारत की गोपनीय सूचनाएं चीन सरकार तक पहुंचाने के लिए मौके का फायदा उठा रहा था. आचार्य यशी ने कहा कि जो भी चीनी लोग भारत आते हैं, उनकी निगरानी रखनी चाहिए. ऐसे लोगों की जांच की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में आयोजन के दौरान चीनी लोग मीडिया के नाम से यहां आते हैं. इन्हें मना नहीं कर सकते, लेकिन इनका काम दूसरा है और नाम दूसरा है. यह मामला उजागर होने के बाद हमें और सतर्कता बरतने की जरूरत है.
आचार्य यशी ने बताया कि भारत सरकार, प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है. चीनी नागरिक के माध्यम से हमारी गतिविधियां कहां से कहां पहुंची होंगी, यह कोई नहीं जानता. ऐसे में हमें सतर्क रहना चाहिए और हर व्यक्ति की निगरानी करनी चाहिए.