ETV Bharat / bharat

जूम एप के साथ आरएसएस लगा रही ई-शाखा, गृह मंत्रालय ने कहा सुरक्षित नहीं

जूम एप पर सुरक्षा कारणों से सवाल उठे हैं. गृह मंत्रालय ने चेतावनी जारी की है. यह चेतावनी देश के नोडल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी 'कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया' के द्वारा सचेत किए जाने के बाद सामने आई है.

जूम एप
जूम एप
author img

By

Published : Apr 17, 2020, 12:25 AM IST

नई दिल्ली : गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई एक एडवाइजरी में कहा गया है कि इन दिनों धड़ल्ले से देश भर में इस्तेमाल किया जा रहा जूम एप, जोकि एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म है वह इस्तेमाल के लिए सुरक्षित नहीं है और लोग सावधानी बरते.

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब जूम एप पर सुरक्षा कारणों से सवाल उठे हो. जर्मनी, सिंगापुर और ताइवान जैसे देशों में इस एप को पहले ही प्रतिबंधित किया जा चुका है, लेकिन आज विश्व भर में इसके 20 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं और भारत में भी आज करोड़ों की संख्या में लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.

कोरोना महामारी के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप का चलन पहले से कई गुना बढ़ गया है. आज जब ज्यादातर लोग घर से काम करने को मजबूर है ऐसे में इस तरह के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप्लीकेशन ही उनके लिए एकमात्र विकल्प के रूप में मौजूद है.

कंपनियों और गैर सरकारी संस्थाओं के अलावा देश और विश्व की सबसे बड़ी स्वयं सेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी इन दिनों जूम एप का प्रयोग कर ऑनलाइन शाखाओं का संचालन कर रहा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक लॉक डाउन के दौरान देशभर में संघ के स्वयंसेवक जूम ऐप का इस्तेमाल कर की शाखाएं लगा रहे हैं.

देश की राजधानी दिल्ली में ही इस तरह की लगभग 1200 शाखाएं लगाई जा रही है जिसमें 12000 से ज्यादा लोग भाग ले रहे हैं. इतना ही नहीं संघ के अलग-अलग इकाइयों द्वारा आयोजित शिविर और प्रतियोगिताएं भी ऑनलाइन ही आयोजित की जा रही है. ऐसे में सवाल उठने लाजमी है स्वदेशी का पक्षधर रहा संघ भी आज चीन में विकसित तकनीक को इस्तेमाल करने पर कैसे तैयार हो गया?

गृह मंत्रालय के द्वारा जारी गाइडलाइन के बाद संघ विचारक और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने ट्वीट किया और अपनी प्रतिक्रिय दी. ट्वीट में राकेश सिन्हा ने कहा है कि जूम एप चीन का है. यह कितना निर्दोष हो सकता है खुद सोचिए. हमारी हर जानकारी पर उसका नियंत्रण होगा अगर इसे उपयोग करते रहे. जानते समझते हुए भी गलती हो रही है. हर चीज पर प्रतिबंध लगे जरूरी नहीं है और संभव भी नहीं विवेक के उपयोग से भविष्य सुरक्षित करना चाहिए.

गृह मंत्रालय द्वारा यह चेतावनी देश के नोडल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी 'कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया' के द्वारा सचेत किए जाने के बाद सामने आई है.

हालांकि समय-समय पर यह सवाल उठते रहे हैं की जूम ऐप कितना सुरक्षित है लेकिन बावजूद इसके यूजर फ्रेंडली होने की वजह से इस एप की लोकप्रियता लगातार बढ़ती रही है. एक आंकड़े के मुताबिक 15 मार्च से 5 अप्रैल के बीच 1.6 करोड़ बार भारत में इस एप को डाउनलोड किया गया है.

जूम एप को मूल रूप से चीन के निवासी एरिक युहान ने विकसित किया था और इसका मुख्यालय कैलिफोर्निया में स्थित है. बहरहाल सरकार ने जूम एप पर प्रतिबंध लगाने जैसी कोई बात नहीं कही है, लेकिन इसके इस्तेमाल के दौरान कुछ सावधानियां बरतने को जरूर कहा है.

ऐसे में देखने वाली बात होगी कि स्वदेशी के पक्षधर संगठन लॉकडाउन के दौरान अपने कार्यो के संचालन के लिए आगे जूम एप का ही इस्तेमाल करते हैं या कोई अन्य विकल्प निकालते हैं.

नई दिल्ली : गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई एक एडवाइजरी में कहा गया है कि इन दिनों धड़ल्ले से देश भर में इस्तेमाल किया जा रहा जूम एप, जोकि एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म है वह इस्तेमाल के लिए सुरक्षित नहीं है और लोग सावधानी बरते.

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब जूम एप पर सुरक्षा कारणों से सवाल उठे हो. जर्मनी, सिंगापुर और ताइवान जैसे देशों में इस एप को पहले ही प्रतिबंधित किया जा चुका है, लेकिन आज विश्व भर में इसके 20 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं और भारत में भी आज करोड़ों की संख्या में लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.

कोरोना महामारी के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप का चलन पहले से कई गुना बढ़ गया है. आज जब ज्यादातर लोग घर से काम करने को मजबूर है ऐसे में इस तरह के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप्लीकेशन ही उनके लिए एकमात्र विकल्प के रूप में मौजूद है.

कंपनियों और गैर सरकारी संस्थाओं के अलावा देश और विश्व की सबसे बड़ी स्वयं सेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी इन दिनों जूम एप का प्रयोग कर ऑनलाइन शाखाओं का संचालन कर रहा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक लॉक डाउन के दौरान देशभर में संघ के स्वयंसेवक जूम ऐप का इस्तेमाल कर की शाखाएं लगा रहे हैं.

देश की राजधानी दिल्ली में ही इस तरह की लगभग 1200 शाखाएं लगाई जा रही है जिसमें 12000 से ज्यादा लोग भाग ले रहे हैं. इतना ही नहीं संघ के अलग-अलग इकाइयों द्वारा आयोजित शिविर और प्रतियोगिताएं भी ऑनलाइन ही आयोजित की जा रही है. ऐसे में सवाल उठने लाजमी है स्वदेशी का पक्षधर रहा संघ भी आज चीन में विकसित तकनीक को इस्तेमाल करने पर कैसे तैयार हो गया?

गृह मंत्रालय के द्वारा जारी गाइडलाइन के बाद संघ विचारक और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने ट्वीट किया और अपनी प्रतिक्रिय दी. ट्वीट में राकेश सिन्हा ने कहा है कि जूम एप चीन का है. यह कितना निर्दोष हो सकता है खुद सोचिए. हमारी हर जानकारी पर उसका नियंत्रण होगा अगर इसे उपयोग करते रहे. जानते समझते हुए भी गलती हो रही है. हर चीज पर प्रतिबंध लगे जरूरी नहीं है और संभव भी नहीं विवेक के उपयोग से भविष्य सुरक्षित करना चाहिए.

गृह मंत्रालय द्वारा यह चेतावनी देश के नोडल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी 'कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया' के द्वारा सचेत किए जाने के बाद सामने आई है.

हालांकि समय-समय पर यह सवाल उठते रहे हैं की जूम ऐप कितना सुरक्षित है लेकिन बावजूद इसके यूजर फ्रेंडली होने की वजह से इस एप की लोकप्रियता लगातार बढ़ती रही है. एक आंकड़े के मुताबिक 15 मार्च से 5 अप्रैल के बीच 1.6 करोड़ बार भारत में इस एप को डाउनलोड किया गया है.

जूम एप को मूल रूप से चीन के निवासी एरिक युहान ने विकसित किया था और इसका मुख्यालय कैलिफोर्निया में स्थित है. बहरहाल सरकार ने जूम एप पर प्रतिबंध लगाने जैसी कोई बात नहीं कही है, लेकिन इसके इस्तेमाल के दौरान कुछ सावधानियां बरतने को जरूर कहा है.

ऐसे में देखने वाली बात होगी कि स्वदेशी के पक्षधर संगठन लॉकडाउन के दौरान अपने कार्यो के संचालन के लिए आगे जूम एप का ही इस्तेमाल करते हैं या कोई अन्य विकल्प निकालते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.