नैनीताल: साल 2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को लगने जा रहा है, जो भारत के तमिलनाडु समेत दक्षिण राज्यों से दिखाई देगा. सूर्य ग्रहण सुबह 9:00 से दोपहर 1:35 तक दिखाई देगा. नैनीताल एरीज के निदेशक दीपांकर बनर्जी ने बताया 26 दिसंबर को लगने वाले इस ग्रहण को लेकर देश भर के वैज्ञानिकों की नजर है.
नैनीताल से भी वैज्ञानिक तमिलनाडु जाएंगे और सूर्यग्रहण पर अध्ययन करेंगे. दीपांकर ने बताया कि इस बार सूर्य ग्रहण आग के छल्ले की तरह नजर आएगा, जिसका दृश्य बेहद दिलकश होगा.
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के निदेशक दीपांकर बनर्जी ने बताया कि वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण आग के छल्ले के समान होगा. 10 साल बाद इस तरह का अर्ध सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, जो दुर्लभ खगोलीय घटना है. इसको दक्षिण भारत के कुछ ही क्षेत्रों से देखा जा सकेगा, जबकि अन्य हिस्सों में इसका आंशिक सूर्य ग्रहण दिखेगा. अर्जित सूर्यग्रहण देखने में बेहद सुंदर नजर आता है. इसमें चंद्रमा सूर्य पूरी तरह ढक नहीं पाता और सूर्य का अंदरूनी भाग तो चंद्रमा में छिप जाता है, लेकिन सूर्य के बाहरी हिस्सा खुला रहता है. इसके चलते सूर्य आग के छल्ले के समान नजर आता है जो देखने में मनमोहक होता है. इस सूर्यग्रहण को रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है.
भारत में अर्ध सूर्य ग्रहण तमिलनाडु, मदुरई, कोझिकोड, केरल, कोयंबटूर, बेंगलुरू समेत अन्य जगहों से दिखाई देगा, जबकि सूर्य ग्रहण भारत के अन्य हिस्सों पर आंशिक रूप से नजर आएगा. एरिज के निदेशक बताते हैं कि चंद्रमा धरती के इतने करीब होगा, पूर्ण सूर्य ग्रहण की अवधि उतनी ही अधिक होगी.
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सूर्य ग्रहण चार प्रकार के होते हैं, आंशिक, पूर्ण, वलयाकार और हाइब्रिड सूर्य ग्रहण. अलग-अलग परिस्थितियों में यह सूर्यग्रहण बनते हैं. वैज्ञानिक दृष्टि से पूर्ण सूर्यग्रहण सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्य के रहस्य को वैज्ञानिक समझने के लिए कई वर्षों से अध्ययन कर रहे हैं.