नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश तथा चुनावी बॉण्ड के मुद्दों पर आरबीआई की आपत्ति पर चर्चा करने की मांग कर रहे वाम तथा कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक बृहस्पतिवार को शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया.
सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए.
इसके बाद उन्होंने बताया कि कांग्रेस के मोहम्मद अली खान, बी के हरिप्रसाद और वाम दलों के सदस्यों के के रागेश, इलामारम करीम तथा टी के रंगराजन आदि ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश तथा चुनावी बॉण्ड के मुद्दे पर आरबीआई की आपत्ति चर्चा करने के लिए कार्य स्थगन नोटिस दिये हैं.
सभापति ने कहा कि उन्होंने इन नोटिस को स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि इन नोटिस की वजह से कार्यस्थगन कर अन्य (मुद्दों) को प्राथमिकता नहीं दी जा सकती.
नायडू की इस बात पर कांग्रेस सदस्यों तथा वाम सदस्यों ने विरोध जाहिर किया और शून्यकाल स्थगित कर अपने अपने मुद्दों पर चर्चा के लिए जोर देने लगे. कांग्रेस सदस्यों ने चुनावी बॉण्ड पर आरबीआई की आपत्ति तथा वाम दलों के सदस्यों ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिए थे.
सभापति ने चर्चा की मांग कर रहे सदस्यों से शून्यकाल चलने देने की अपील की और कांग्रेस की विप्लव ठाकुर से उनका शून्यकाल के लिए सूचीबद्ध मुद्दा उठाने को कहा.
इसी दौरान सदन में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा अपने स्थान से कुछ कहते नजर आए लेकिन हंगामे की वजह से उनकी बात सुनी नहीं जा सकी.
नायडू ने सदस्यों से कहा कि अगर जरूरी विषय हो तो सदस्य उनके कक्ष में आ कर उनसे मिल सकते हैं.
उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया लेकिन हंगामा थमते न देख सभापति ने 11 बज कर करीब 10 मिनट पर ही बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी.