नई दिल्ली : दिल्ली हिंसा की जांच के लिए कांग्रेस की ओर से गठित पांच सदस्यीय टीम आज अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी है. लगभग एक हफ्ते के समय में तैयार की गई इस रिपोर्ट में कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार के साथ साथ दिल्ली सरकार को भी दिल्ली में हुए दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
इस कमेटी में मुकुल वासनिक, शक्तिसिंह गोहिल, कुमारी शैलजा, तारिक अनवर और सुष्मिता देव शामिल थे, जिन्होंने उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में जाकर इस पूरे मामले की जांच पड़ताल की.
मीडिया से बातचीत के दौरान शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, 'दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, उसके लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है, जिसके नेताओं ने इस पूरे मुद्दे का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की.
उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन कुछ नेताओं ने वहां के लोगों को अपने भाषणों से भड़काने का काम किया. इसके अलावा वहां के लोगों ने ये भी बताया कि उस दौरान दौरान ढेरों अफवाहें फैलाने की कोशिश की गईं, जिसके चलते दिल्ली में हिंसा और भड़क गई.'
अपनी रिपोर्ट में कांग्रेस ने मांग की है कि दिल्ली दंगों को भड़काने के लिए भाजपा के नेता कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.
इसके साथ कांग्रेस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह निशाना साधते हुए यह भी कहा अगर वह चाहते तो दिल्ली हिंसा को रोक सकते थे, लेकिन उनकी लापरवाही के कारण दिल्ली का माहौल बिगड़ गया. इस लापरवाही के चलते कांग्रेस जांच कमेटी ने अमित शाह का इस्तीफा भी मांगा है.
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भाजपा सरकार के साथ-साथ दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी तीखा निशाना साधते हुए शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि यह उनकी लापरवाही ही है, जो इतने दिनों तक दिल्ली में दंगों का माहौल बनता हुआ वह नहीं देख पाए.
उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ-साथ आम आदमी पार्टी भी वोट बैंक की राजनीति करती है. इस रिपोर्ट में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं.