नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बाल यौन अपराध संरक्षण नियम, 2020 को अधिसूचित कर दिया है, जिससे इस कानून में हाल ही में किए संशोधन लागू किए जा सकेंगे. इसके तहत बच्चों के साथ यौन शोषण के लिए सजा के प्रावधानों को और सख्त कर दिया गया है.
नए नियमों में स्कूलों तथा देखभाल केंद्रों में कर्मचारी का अनिवार्य रूप से पुलिस सत्यापन कराना, यौन शोषण वाली सामग्री (पोर्नोग्राफी) को रिपोर्ट करने की प्रक्रिया, उचित आयु पर बाल अधिकार शिक्षा देने के प्रावधान शामिल हैं.
इन नियमों के तहत राज्य सरकारों को बच्चों के खिलाफ हिंसा को बिल्कुल भी बर्दाश्त न करने के सिद्धांत पर आधारित बाल संरक्षण नीति बनाने के लिए कहा गया है, जिसे बच्चों के संबंध में काम कर रहे सभी संस्थानों, संगठनों या अन्य एजेंसी को लागू करना होगा.
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केंद्र और राज्य सरकारों को आयु के अनुसार शैक्षिक सामग्री और बच्चों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कहा गया है, जिनमें बच्चों को निजी सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी जाए. साथ ही इसमें टोल फ्री नंबर 1098 के जरिए चाइल्डलाइन हेल्पलाइन सेवाओं की जानकारी देने के लिए भी कहा गया है.
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नए नियमों के तहत स्कूलों, क्रैच, खेल अकादमियों या बच्चों के लिए किसी अन्य केंद्र समेत बच्चों के नियमित संपर्क में आने वाले किसी भी संस्थान को हर कर्मचारी का पुलिस सत्यापन कराना होगा.