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महाराष्ट्र में फंसे तेलंगाना के छात्र लॉकडाउन में योग सीख रहे

लॉकडाउन लागू होने के बाद महाराष्ट्र में फंसे कृषि महाविद्यालय के छात्रों का एक समूह नांदेड़ जिले में एक संस्थान में योग सीख रहा है. यह सभी छात्र तेलंगाना के रहने वाले हैं.

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Published : Apr 6, 2020, 1:24 PM IST

लॉकडाउन
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औरंगाबाद : लॉकडाउन लागू होने के बाद महाराष्ट्र में फंसे कृषि महाविद्यालय के छात्रों का एक समूह नांदेड़ जिले में एक संस्थान में योग सीख रहा है. यह सभी छात्र तेलंगाना के रहने वाले हैं.

पिछले महीने से प्रभावी 21 दिन के राष्ट्रव्यापी बंद के बाद, महाराष्ट्र के लातूर जिले के दो कृषि महाविद्यालयों के 29 छात्रों ने अपने गृह राज्य लौटने का फैसला किया था.

वह 60 किलोमीटर तक पैदल चले और 30 मार्च को नांदेड़ पहुंचे जहां जिला प्रशासन ने उनकी काउंसलिंग की.

देगलूर तहसील के तहसीलदार अरविंद बोलंगे ने बताया कि अधिकारियों ने महाराष्ट्र-तेलंगाना सीमा पर स्थित जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर तहसील में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भवन में उनके 14 दिन ठहरने की व्यवस्था की.

उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों की मदद से वे संस्थान में योग सीख रहे हैं जो इंटरनेट, टेलीविजन और अन्य सुविधाओं से लैस है.

तहसीलदार ने कहा, 'छात्र अब शिविर में रहने जैसे जीवन का अनुभव कर रहे हैं. सुबह जल्दी उठने के बाद वे योग करते हैं और फिर निर्धारित समय पर नाश्ता, दोपहर और रात का भोजन करते हैं. वे संस्थान में उपलब्ध टीवी और इंटरनेट की सुविधाओं के जरिए विश्व से जुड़े हुए हैं.'

बोलंगे ने कहा कि 29 में से केवल तीन छात्र हिंदी बोल सकते हैं, लेकिन भाषा उनके लिए किसी तरह की रुकावट नहीं बनी है और सभी को जरूरी देखभाल एवं सहायता मुहैया कराई जा रही है.

भाजपा स्थापना दिवस : प्रधानमंत्री बोले- कोरोना के खिलाफ जीत ही देश का लक्ष्य

उन्होंने बताया, 'छात्र किसी भी कीमत पर 30 मार्च को रुकने के लिए तैयार नहीं थे. अब, उनमें से कोई नहीं कहता कि उसे घर जाना है. हमने इन सभी छात्रों के लिए जरूरी प्रबंध किए हैं. देगलूर सीमा पर है और हमारे कुछ अधिकारी जो तेलुगु बोल सकते हैं वे छात्रों से बात करते हैं.'

औरंगाबाद : लॉकडाउन लागू होने के बाद महाराष्ट्र में फंसे कृषि महाविद्यालय के छात्रों का एक समूह नांदेड़ जिले में एक संस्थान में योग सीख रहा है. यह सभी छात्र तेलंगाना के रहने वाले हैं.

पिछले महीने से प्रभावी 21 दिन के राष्ट्रव्यापी बंद के बाद, महाराष्ट्र के लातूर जिले के दो कृषि महाविद्यालयों के 29 छात्रों ने अपने गृह राज्य लौटने का फैसला किया था.

वह 60 किलोमीटर तक पैदल चले और 30 मार्च को नांदेड़ पहुंचे जहां जिला प्रशासन ने उनकी काउंसलिंग की.

देगलूर तहसील के तहसीलदार अरविंद बोलंगे ने बताया कि अधिकारियों ने महाराष्ट्र-तेलंगाना सीमा पर स्थित जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर तहसील में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भवन में उनके 14 दिन ठहरने की व्यवस्था की.

उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों की मदद से वे संस्थान में योग सीख रहे हैं जो इंटरनेट, टेलीविजन और अन्य सुविधाओं से लैस है.

तहसीलदार ने कहा, 'छात्र अब शिविर में रहने जैसे जीवन का अनुभव कर रहे हैं. सुबह जल्दी उठने के बाद वे योग करते हैं और फिर निर्धारित समय पर नाश्ता, दोपहर और रात का भोजन करते हैं. वे संस्थान में उपलब्ध टीवी और इंटरनेट की सुविधाओं के जरिए विश्व से जुड़े हुए हैं.'

बोलंगे ने कहा कि 29 में से केवल तीन छात्र हिंदी बोल सकते हैं, लेकिन भाषा उनके लिए किसी तरह की रुकावट नहीं बनी है और सभी को जरूरी देखभाल एवं सहायता मुहैया कराई जा रही है.

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उन्होंने बताया, 'छात्र किसी भी कीमत पर 30 मार्च को रुकने के लिए तैयार नहीं थे. अब, उनमें से कोई नहीं कहता कि उसे घर जाना है. हमने इन सभी छात्रों के लिए जरूरी प्रबंध किए हैं. देगलूर सीमा पर है और हमारे कुछ अधिकारी जो तेलुगु बोल सकते हैं वे छात्रों से बात करते हैं.'

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