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तेलंगाना मुठभेड़ : शव को सुरक्षित रखने का अदालती फैसला जारी रहेगा

तेलगांना मुठभेड़ मामले पर उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मुठभेड़ में मारे गए आरोपियों के शव को सुरक्षित रखने के प्रदेश के उच्च न्यायालय का आदेश शीर्ष अदालत के अगले फैसले तक बरकरार रहेगा.

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Published : Dec 14, 2019, 12:06 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि तेलंगाना में एक पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार एवं उसकी हत्या के संबंध में मुठभेड़ में मारे गए आरोपियों के शव सुरक्षित रखने के प्रदेश के उच्च न्यायालय का आदेश शीर्ष अदालत के अगले फैसले तक बरकरार रहेगा.

शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि आयेाग की जांच के दौरान कोई अन्य अदालत और प्राधिकारी मामले में जांच नहीं करेगा. मुठभेड़ मामले की जांच के लिए शीर्ष अदालत ने तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया है जिसकी अगुवाई उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वी एस सिरपुरकर कर रहे हैं.

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े की अगुवाई वाली पीठ ने गुरुवार को दिये अपने फैसले में कहा, 'चार आरोपियों के शवों को संरक्षित रखने के मामले में उच्च न्यायालय का आदेश मामले में इस अदालत के अगले फैसले तक जारी रहेगा.'

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने नौ दिसंबर को अधिकारियों को 13 दिसंबर तक चारों शवों को संरक्षित करने का आदेश दिया था.

इससे पहले, उच्च न्यायालय ने छह दिसंबर को शवों को नौ दिसंबर को आठ बजे तक सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था.

शीर्ष अदालत ने गुरुवार को मामले में उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.

पीठ ने कहा था कि आयोग छह महीने में उच्चतम न्यायालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. आयोग में बाम्बे उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रेखा एस बालदोता और केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व प्रमुख डी आर कार्तिकेयन शामिल हैं.

उच्चतम न्यायालय में दो याचिका दायर कर मामले की कथित मुठभेड़ में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच की मांग की थी.

पीठ को बताया गया कि एक विशेष जांच दल चार लोगों के मारे जाने के मामले की जांच कर रहा है. ये चारों एक पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार एवं उसकी हत्या के मामले में आरोपी हैं और उनके खिलाफ उन पुलिस अधिकारियों को मारने का प्रयास करने के आरोप में मामला दर्ज कराया गया है जो उन्हें उस मौके पर ले जा रहे थे, जहां से महिला का जला शव बरामद किया गया था.

ये भी पढ़ें- तेलंगाना एनकाउंटर की जांच को SC ने गठित किया तीन सदस्यीय आयोग

तेलंगाना पुलिस ने इससे पहले कहा था कि छह दिसंबर को पुलिस के साथ मुठभेड़ में ये चारों मारे गए थे.

यह घटना सुबह साढ़े छह बजे हुई जब आरोपियों को मौके पर ले जाया जा रहा था.

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में चारों आरोपियों को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 के निकट गोली मार कर मौत के नींद सुला दिया गया था. यह वही राजमार्ग था जहां से 27 साल की चिकित्सक का जला शव बरामद किया गया था.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि तेलंगाना में एक पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार एवं उसकी हत्या के संबंध में मुठभेड़ में मारे गए आरोपियों के शव सुरक्षित रखने के प्रदेश के उच्च न्यायालय का आदेश शीर्ष अदालत के अगले फैसले तक बरकरार रहेगा.

शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि आयेाग की जांच के दौरान कोई अन्य अदालत और प्राधिकारी मामले में जांच नहीं करेगा. मुठभेड़ मामले की जांच के लिए शीर्ष अदालत ने तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया है जिसकी अगुवाई उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वी एस सिरपुरकर कर रहे हैं.

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े की अगुवाई वाली पीठ ने गुरुवार को दिये अपने फैसले में कहा, 'चार आरोपियों के शवों को संरक्षित रखने के मामले में उच्च न्यायालय का आदेश मामले में इस अदालत के अगले फैसले तक जारी रहेगा.'

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने नौ दिसंबर को अधिकारियों को 13 दिसंबर तक चारों शवों को संरक्षित करने का आदेश दिया था.

इससे पहले, उच्च न्यायालय ने छह दिसंबर को शवों को नौ दिसंबर को आठ बजे तक सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था.

शीर्ष अदालत ने गुरुवार को मामले में उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.

पीठ ने कहा था कि आयोग छह महीने में उच्चतम न्यायालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. आयोग में बाम्बे उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रेखा एस बालदोता और केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व प्रमुख डी आर कार्तिकेयन शामिल हैं.

उच्चतम न्यायालय में दो याचिका दायर कर मामले की कथित मुठभेड़ में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच की मांग की थी.

पीठ को बताया गया कि एक विशेष जांच दल चार लोगों के मारे जाने के मामले की जांच कर रहा है. ये चारों एक पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार एवं उसकी हत्या के मामले में आरोपी हैं और उनके खिलाफ उन पुलिस अधिकारियों को मारने का प्रयास करने के आरोप में मामला दर्ज कराया गया है जो उन्हें उस मौके पर ले जा रहे थे, जहां से महिला का जला शव बरामद किया गया था.

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तेलंगाना पुलिस ने इससे पहले कहा था कि छह दिसंबर को पुलिस के साथ मुठभेड़ में ये चारों मारे गए थे.

यह घटना सुबह साढ़े छह बजे हुई जब आरोपियों को मौके पर ले जाया जा रहा था.

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में चारों आरोपियों को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 के निकट गोली मार कर मौत के नींद सुला दिया गया था. यह वही राजमार्ग था जहां से 27 साल की चिकित्सक का जला शव बरामद किया गया था.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 21:51 HRS IST




             
  • तेलंगाना मुठभेड़ : शव को सुरक्षित रखने का अदालती फैसला जारी रहेगा



नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि तेलंगाना में एक पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार एवं उसकी हत्या के संबंध में मुठभेड़ में मारे गए आरोपियों के शव सुरक्षित रखने के प्रदेश के उच्च न्यायालय का आदेश शीर्ष अदालत के अगले फैसले तक बरकरार रहेगा ।



शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि आयेाग की जांच के दौरान कोई अन्य अदालत और प्राधिकारी मामले में जांच नहीं करेगा । मुठभेड़ मामले की जांच के लिए शीर्ष अदालत ने तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया है जिसकी अगुवाई उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वी एस सिरपुरकर कर रहे हैं ।



प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े की अगुवाई वाली पीठ ने गुरूवार को दिये अपने फैसले में कहा, ‘‘चार आरोपियों के शवों को संरक्षित रखने के मामले में उच्च न्यायालय का आदेश मामले में इस अदालत के अगले फैसले तक जारी रहेगा ।’’



तेलंगाना उच्च न्यायालय ने नौ दिसंबर को अधिकारियों को 13 दिसंबर तक चारों शवों को संरक्षित करने का आदेश दिया था ।



इससे पहले, उच्च न्यायालय ने छह दिसंबर को शवों को नौ दिसंबर को आठ बजे तक सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था ।



शीर्ष अदालत ने गुरुवार को मामले में उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।



पीठ ने कहा था कि आयोग छह महीने में उच्चतम न्यायालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा । आयोग में बाम्बे उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रेखा एस बालदोता और केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व प्रमुख डी आर कार्तिकेयन शामिल हैं ।



उच्चतम न्यायालय में दो याचिका दायर कर मामले की कथित मुठभेड़ में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच की मांग की थी ।



पीठ को बताया गया कि एक विशेष जांच दल चार लोगों के मारे जाने के मामले की जांच कर रहा है । ये चारों एक पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार एवं उसकी हत्या के मामले में आरोपी हैं और उनके खिलाफ उन पुलिस अधिकारियों को मारने का प्रयास करने के आरोप में मामला दर्ज कराया गया है जो उन्हें उस मौके पर ले जा रहे थे जहां से महिला का जला शव बरामद किया गया था।



तेलंगाना पुलिस ने इससे पहले कहा था कि छह दिसंबर को पुलिस के साथ मुठभेड़ में ये चारों मारे गए थे ।



यह घटना सुबह साढ़े छह बजे हुई जब आरोपियों को मौके पर ले जाया जा रहा था ।



तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में चारों आरोपियों को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 के निकट गोली मार कर मौत के नींद सुला दिया गया था । यह वही राजमार्ग था जहां से 27 साल की चिकित्सक का जला शव बरामद किया गया था ।


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