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तेलंगाना विधानसभा ने पारित किया टीएस-बीपास विधेयक

तेलंगाना विधानसभा ने टीएस बीपास बिल को पारित कर दिया, जिसका उद्देश्य राज्य में बिल्डिंग परमिशन हासिल करने में आ रही समस्याओं को खत्म करना है.

ts bpass bill
टीएस बीपास विधेयक
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Published : Sep 18, 2020, 10:17 AM IST

Updated : Sep 18, 2020, 2:03 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना में अब घर बनाने के आवेदन पर बिना किसी परेशानी के स्वीकृति प्राप्त की जा सकती है. राज्य की विधानसभा ने तेलंगाना राज्य भवन अनुमतियां अनुमोदन एवं स्व प्रमाणन प्रणाली विधेयक यानी तेलंगाना स्टेट बिल्डिंग परमिशंस एप्रूवल एंड सेल्फ सर्टिफिकेशन सिस्टम (टीएस-बीपास) बिल सोमवार को पारित कर दिया. मंत्री केटी रामाराव ने इस विधेयक को सदन में पेश किया था.

सितंबर के अंत तक ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (जीएचएमसी) सहित सभी नगरपालिकाएं इसे लागू करेंगी. इससे पहले तेलंगाना में टीएस आईपास की शुरुआत की गई थी जो उद्योगों और सेवाओं के लिए राज्य सरकार के साथ काम का एकल तंत्र है.

ऊंचे घर के निर्माण के लिए इजाजत की जरूरत नहीं
टीएस बीपास बिल के अनुसार 75 वर्ग गज से कम क्षेत्रफल वाले भू-खंड में सात मीटर तक ऊंचे घर के निर्माण के लिए किसी की इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी. प्रदेश के लोग 75 से 600 वर्ग गज के भूखंड में निर्माण शुरू करने के लिए खुद ही प्रमाणपत्र जारी करके स्वीकृति पा सकते हैं.

21 दिनों के भीतर जांच के बाद अनुमति जारी
यहां तक की 600 वर्ग गज से अधिक के भूखंड और 10 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली इमारतों का नक्शा पारित करने के लिए एकल खिड़की की व्यवस्था रहेगी. नगर निगम के अधिकारी आवेदन के 21 दिनों के भीतर दस्तावेजों की जांच करके आवश्यक अनुमति जारी कर देंगे.

पढ़ें: हरसिमरत का इस्तीफा किसानों को मूर्ख बनाने की एक और 'नौटंकी': अमरिंदर

नौकरशाही से छुटकारा
टीएस-आईपास की तरह इस विधेयक से मकान बनाने की इजाजत और अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने के लिए अब लोगों को अंतहीन प्रतीक्षा करने और नौकरशाही से छुटकारा पा सकेंगे. नया विधेयक सिंचाई, अग्नि, राजस्व आदि जैसे सभी संबंधित विभागों स्वत: आवेदन भेजने का आदेश देता है.

15 दिनों के भीतर देनी होगी अपनी टिप्पणी
संबंधित विभागों को सात से 15 दिनों के भीतर अपनी टिप्पणी देनी होगी या अनापत्ति प्रमाण-पत्र भेजना होगा. अधिकारियों के हस्ताक्षर के साथ 22वें दिन आवेदक को प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा.

सिंगल विंडो सिस्टम के तहत हो प्रस्ताव
सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक राज्य-स्तरीय टीएस-बीपास- चेज़िंग सेल स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है ताकि सभी प्रस्ताव सिंगल विंडो सिस्टम के तहत हो.

पढ़ें: पीएम मोदी ने ट्वीट कर बर्थडे पर मांगा गिफ्ट

सिंगल विंडो सिस्टम के तहत प्रस्ताव:-

टीएस-बीपास बिल की कुछ निम्नलिखित अनूठी विशेषताएं हैं :

  • शहरी क्षेत्रों में भवन निर्माण की अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम यानी एकल खिड़की व्यवस्था के जरिए सारे काम.
  • नागरिक मोबाइल ऐप, टीएस-बीपीएएस वेबसाइट, मी सेवा कियोस्क, शहरी स्थानीय निकाय और जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से अनुमति के लिए आवेदन किए जा सकते हैं.
  • मास्टरप्लान और क्षेत्रीकरण के दिशानिर्देशों से विचलन या गलत सूचना देने के मामले में दी गई स्वीकृति को अनुमोदन के 21 दिनों के भीतर रद किया जा सकता है. खुद प्रमाणित करके अनुमोदन लेने के मामले में 21 दिन बाद निर्माण कार्य अनिवार्य रूप से शुरू हो जाना चाहिए. इन 21 दिनों के भीतर निरीक्षण का काम पूरा कर लिया जाएगा. जांच समिति की अध्यक्षता जिलों में कलेक्टर और आयुक्त (जीएचएमसी में ) के स्तर से की जाती है.
  • स्व-प्रमाणन के माध्यम से अनुमोदित सभी भवनों का विवरण टीएस-बीपास की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा.
  • नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा या इमारत को ध्वस्त या जब्त किया जाएगा.
  • आवेदक को स्व-प्रमाणन रूप में घोषित करना होगा कि अगर यह नियमों के खिलाफ पाया जाता है तो बिना किसी पूर्व सूचना के इमारत को ध्वस्त किया जा सकता है.
  • स्वीकृति मिलने में देरी होने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक या जुर्माना लगाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.

हैदराबाद : तेलंगाना में अब घर बनाने के आवेदन पर बिना किसी परेशानी के स्वीकृति प्राप्त की जा सकती है. राज्य की विधानसभा ने तेलंगाना राज्य भवन अनुमतियां अनुमोदन एवं स्व प्रमाणन प्रणाली विधेयक यानी तेलंगाना स्टेट बिल्डिंग परमिशंस एप्रूवल एंड सेल्फ सर्टिफिकेशन सिस्टम (टीएस-बीपास) बिल सोमवार को पारित कर दिया. मंत्री केटी रामाराव ने इस विधेयक को सदन में पेश किया था.

सितंबर के अंत तक ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (जीएचएमसी) सहित सभी नगरपालिकाएं इसे लागू करेंगी. इससे पहले तेलंगाना में टीएस आईपास की शुरुआत की गई थी जो उद्योगों और सेवाओं के लिए राज्य सरकार के साथ काम का एकल तंत्र है.

ऊंचे घर के निर्माण के लिए इजाजत की जरूरत नहीं
टीएस बीपास बिल के अनुसार 75 वर्ग गज से कम क्षेत्रफल वाले भू-खंड में सात मीटर तक ऊंचे घर के निर्माण के लिए किसी की इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी. प्रदेश के लोग 75 से 600 वर्ग गज के भूखंड में निर्माण शुरू करने के लिए खुद ही प्रमाणपत्र जारी करके स्वीकृति पा सकते हैं.

21 दिनों के भीतर जांच के बाद अनुमति जारी
यहां तक की 600 वर्ग गज से अधिक के भूखंड और 10 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली इमारतों का नक्शा पारित करने के लिए एकल खिड़की की व्यवस्था रहेगी. नगर निगम के अधिकारी आवेदन के 21 दिनों के भीतर दस्तावेजों की जांच करके आवश्यक अनुमति जारी कर देंगे.

पढ़ें: हरसिमरत का इस्तीफा किसानों को मूर्ख बनाने की एक और 'नौटंकी': अमरिंदर

नौकरशाही से छुटकारा
टीएस-आईपास की तरह इस विधेयक से मकान बनाने की इजाजत और अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने के लिए अब लोगों को अंतहीन प्रतीक्षा करने और नौकरशाही से छुटकारा पा सकेंगे. नया विधेयक सिंचाई, अग्नि, राजस्व आदि जैसे सभी संबंधित विभागों स्वत: आवेदन भेजने का आदेश देता है.

15 दिनों के भीतर देनी होगी अपनी टिप्पणी
संबंधित विभागों को सात से 15 दिनों के भीतर अपनी टिप्पणी देनी होगी या अनापत्ति प्रमाण-पत्र भेजना होगा. अधिकारियों के हस्ताक्षर के साथ 22वें दिन आवेदक को प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा.

सिंगल विंडो सिस्टम के तहत हो प्रस्ताव
सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक राज्य-स्तरीय टीएस-बीपास- चेज़िंग सेल स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है ताकि सभी प्रस्ताव सिंगल विंडो सिस्टम के तहत हो.

पढ़ें: पीएम मोदी ने ट्वीट कर बर्थडे पर मांगा गिफ्ट

सिंगल विंडो सिस्टम के तहत प्रस्ताव:-

टीएस-बीपास बिल की कुछ निम्नलिखित अनूठी विशेषताएं हैं :

  • शहरी क्षेत्रों में भवन निर्माण की अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम यानी एकल खिड़की व्यवस्था के जरिए सारे काम.
  • नागरिक मोबाइल ऐप, टीएस-बीपीएएस वेबसाइट, मी सेवा कियोस्क, शहरी स्थानीय निकाय और जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से अनुमति के लिए आवेदन किए जा सकते हैं.
  • मास्टरप्लान और क्षेत्रीकरण के दिशानिर्देशों से विचलन या गलत सूचना देने के मामले में दी गई स्वीकृति को अनुमोदन के 21 दिनों के भीतर रद किया जा सकता है. खुद प्रमाणित करके अनुमोदन लेने के मामले में 21 दिन बाद निर्माण कार्य अनिवार्य रूप से शुरू हो जाना चाहिए. इन 21 दिनों के भीतर निरीक्षण का काम पूरा कर लिया जाएगा. जांच समिति की अध्यक्षता जिलों में कलेक्टर और आयुक्त (जीएचएमसी में ) के स्तर से की जाती है.
  • स्व-प्रमाणन के माध्यम से अनुमोदित सभी भवनों का विवरण टीएस-बीपास की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा.
  • नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा या इमारत को ध्वस्त या जब्त किया जाएगा.
  • आवेदक को स्व-प्रमाणन रूप में घोषित करना होगा कि अगर यह नियमों के खिलाफ पाया जाता है तो बिना किसी पूर्व सूचना के इमारत को ध्वस्त किया जा सकता है.
  • स्वीकृति मिलने में देरी होने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक या जुर्माना लगाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
Last Updated : Sep 18, 2020, 2:03 PM IST
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