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असम के लोगों को पूर्व सीएम तरुण गोगोई का साथ, NRC के प्रकाशन से पहले दिया आश्वासन

असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि वह सरकार से त्रुटि-मुक्त एनआरसी की मांग करते हैं. वास्तविक नागरिकों को कानूनी सहायता की पेशकश की है और कहा कि हम उनकी मदद के लिए साथ खड़े हैं.

तरुण गोगोई.
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Published : Aug 30, 2019, 9:26 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 9:57 PM IST

गुवाहाटीः विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रर के प्रकाशित होने में कुछ घंटे शेष हैं. प्रकाशन होने से पहले असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से अपील की है कि एनआरसी में राज्य के सभी वास्तविक नागरिकों के नाम त्रुटि-मुक्त शामिल किए जाए. इससे विवादास्पद रजिस्ट्रर में उनके नाम को पता लगाने में असानी होगी.

ईटीवी भारत से बात करते हुए गोगोई ने कहा कि एनआरसी प्रकाशन के बाद हजारों लोग अनिश्चित भविष्य की ओर देखते हैं. हम चाहते हैं कि सरकार इस अनिश्चितता को दूर करे. असम में रहने वाले वास्तविक भारतीय नागरिकों को भी एनआरसी में अपना नाम खोजना होगा.

असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से बातचीत

असम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी एनआरसी को छोड़कर सभी वास्तविक नागरिकों को कानून और नैतिक सहायता देने के लिए आगे आए हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उनके (वास्तविक नागरिकों) के मामले को उठाएंगे. चाहे वह विदेशी न्यायाधिकरण में हो या उच्च न्यायालय में हो. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में भी हो तो हम वहां भी जाएंगे. हम हर भारतीय नागरिकों के समर्थन के लिए हैं, चाहे वे हिंदू हों या मुस्लिम,असमिया हो बंगाली हो हम हर धर्म के लोगों के साथ हैं.

पढ़ेंः NRC: जिनके नाम छूट गए, वे लोग अब तक 7836 करोड़ खर्च कर चुके हैं

गोगोई ने कहा कि कुछ लोग एनआरसी का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर सकते हैं. यदि सरकार स्थिति से ठीक से निपटती है, तो मुद्दे के राजनीतिकरण की होने की बहुत कम गुंजाइश है. यदि सरकार वास्तव में ईमानदार है तो त्रुटि रहित एनआरसी को लागू करने में राजनीतिकरण की गुंजाइश कम होगी.

गुवाहाटीः विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रर के प्रकाशित होने में कुछ घंटे शेष हैं. प्रकाशन होने से पहले असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से अपील की है कि एनआरसी में राज्य के सभी वास्तविक नागरिकों के नाम त्रुटि-मुक्त शामिल किए जाए. इससे विवादास्पद रजिस्ट्रर में उनके नाम को पता लगाने में असानी होगी.

ईटीवी भारत से बात करते हुए गोगोई ने कहा कि एनआरसी प्रकाशन के बाद हजारों लोग अनिश्चित भविष्य की ओर देखते हैं. हम चाहते हैं कि सरकार इस अनिश्चितता को दूर करे. असम में रहने वाले वास्तविक भारतीय नागरिकों को भी एनआरसी में अपना नाम खोजना होगा.

असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से बातचीत

असम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी एनआरसी को छोड़कर सभी वास्तविक नागरिकों को कानून और नैतिक सहायता देने के लिए आगे आए हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उनके (वास्तविक नागरिकों) के मामले को उठाएंगे. चाहे वह विदेशी न्यायाधिकरण में हो या उच्च न्यायालय में हो. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में भी हो तो हम वहां भी जाएंगे. हम हर भारतीय नागरिकों के समर्थन के लिए हैं, चाहे वे हिंदू हों या मुस्लिम,असमिया हो बंगाली हो हम हर धर्म के लोगों के साथ हैं.

पढ़ेंः NRC: जिनके नाम छूट गए, वे लोग अब तक 7836 करोड़ खर्च कर चुके हैं

गोगोई ने कहा कि कुछ लोग एनआरसी का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर सकते हैं. यदि सरकार स्थिति से ठीक से निपटती है, तो मुद्दे के राजनीतिकरण की होने की बहुत कम गुंजाइश है. यदि सरकार वास्तव में ईमानदार है तो त्रुटि रहित एनआरसी को लागू करने में राजनीतिकरण की गुंजाइश कम होगी.

Last Updated : Sep 28, 2019, 9:57 PM IST
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