नई दिल्ली : शिरोमणि अकादी दल ( शिअद) और भाजपा दोनों पंजाब के सबसे पुराने गठबंधन सहयोगी हैं. यह गठबंधन अटल बिहारी बाजपेयी और अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल की वजह से वजूद में आया था, जिसके बाद पंजाब में इनकी सरकार बनी थी.
आपकों बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी जब 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तो सरकार गठित करने के लिए बनाये गये राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में उनका सबसे पहला सहयोगी शिरोमणि अकाली दल बना था. अकाली दल के प्रधान प्रकाश सिंह बादल ने दिल्ली जाकर उन्हें बिना शर्त सहयोग देने का वादा किया था.
गौरतलब है कि हरियाणा में 2014 के विधानसभा चुनाव में अकाली दल और आईएनएलडी ने एक साथ चुनाव लड़ा था और इस बार भी दोनों दल एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं.
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को कहा था कि भाजपा की सिरसा, फतेहाबाद और रोहतक में लहर नहीं है. यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है शिअद और भाजपा पंजाब में एक साथ चुनाव लड़ते हैं. इसके अलावा शिअद की हरसिमरत कौर केन्द्र सरकार में मंत्री भी हैं.
सुखबीर बादल के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तरुण चुग ने कहा , 'भाजपा सरकार हरियाणा विधानसभा चुनाव में 75 से ज्यादा सीटें जीतेगी और सरकार बनाएगी'. साथ ही उन्होंने यह भी कहा, 'शपथ ग्रहण समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में सुखवीर सिंह बादल भी शामिल होंगे. ऐसा हमें पूरा विश्वास है.'
आपको बता दें कि हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने एक चुनावी भाषण में कहा, 'ये लोग सारे देश में घूमने लगे कि कांग्रेस के लिए एक राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाए. घूमते-घूमते तीन महीने बीता दिए और तीन महीने बाद भी कौन बना... सोनिया गांधी. फिर वही गांधी परिवार, यानी खोदा पहाड़ निकली चुहिया, वो भी मरी हुई.'
खट्टर के इस बयान पर तरुण चुग ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं की सोनिया गांधी इटली की नागरिक हैं और इसे पूरा देश जानता है. इनता ही नहीं उन्होंने राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह अभी-अभी बैंकाक से छुट्टियां मनाकर वापस आ रहे हैं.
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने हरियाणा में पार्टी के एकमात्र विधायक के बीजेपी में शामिल होने के बाद कहा कि बीजेपी ने जो किया है, वह अनैतिक और दुर्भाग्यपूर्ण है.
बादल ने कहा , 'हर रिश्ते की एक मर्यादा होती है और अकाली दल के मौजूदा विधायक को अपने खेमे में शामिल करने से उनके गठबंधन की मर्यादा का उल्लंघन हो रहा है'.
ये भी पढ़ें : हरियाणा चुनावः टूटी भाषा की मर्यादा, 'चुहिया vs खच्चर' का वार-प्रतिवार
बादल ने अमृतसर में कहा, ‘रिश्ते की एक मर्यादा होती है. हमारे मौजूदा विधायक को अपने खेमे में शामिल करना अनैतिक है और मर्यादा तोड़ने वाला है.
कालांवाली के विधायक बलकौर सिंह सिंतबर में भाजपा में शामिल हो गए थे. जहां उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की राज्य को 'ईमानदार' सरकार देने के लिए प्रशंसा की थी.
आपकों बता दें कि हरियाणा विधानसभा के लिए चुनाव 21 अक्टूबर को होने है, जिसके बाद 24 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएं.