पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन की बीच कांटे की टक्कर हुई. यह अलग बात है कि राज्य की जनता ने एनडीए को बहुमत दिया है लेकिन महागठबंधन पर भी लोगों ने भरोसा जताया है. चुनाव में एनडीए की 125 सीटें तो महागठबंधन की 110 सीटों पर जीत हुई.
पार्टी की नीतियों पर सवाल
महागठबंधन की हार के बाद जारी आरोपों की राजनीति के बीच कांग्रेस नेता ने अपनी ही पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाया है. तारिक अनवर ने ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने सीधे तोर पर कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राज्य की जनता परिवर्तन चाहती थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. और इसके पीछे की वजह है कांग्रेस. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि ''हमें सच को स्वीकार करना चाहिए. कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के कारण महागठबंधन की सरकार से बिहार महरूम रह गया. कांग्रेस को इस विषय पर आत्म चिंतन ज़रूर करना चाहिए कि उससे कहां चूक हुई'' ?
'ओवैसी की पार्टी से चिंता'
उन्होंने अपने ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का जिक्र किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि बिहार में MIM की बिहार में एंट्री शुभ संकेत नहीं है. बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी की पांच सीटों पर जीत हुई है. जिसे लेकर कांग्रेस के नेता लगातार ओवैसी पर सियासी हमला बोल रहे हैं.
'परिवर्तन चाहती थी जनता'
तारिक अनवर ने ना सिर्फ अपनी पार्टी को नसीहत दी बल्कि उन्होंने एनडीए की जीत पर तंज भी कसा है. उन्होंने कहा कि 'बिहार चुनाव भले ही भाजपा गठबंधन येन केन प्रकारेण से जीत गया,परन्तु सही में देखा जाए तो चुनाव हार गया. क्योंकि इस बार बिहार परिवर्तन चाहता था. 15 वर्षों की निकम्मी सरकार से छुटकारा-बदहाली से निजात चाहता था'.
नीतीश कुमार पर तंज
अगले ट्वीट में कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने राज्य के सीएम नीतीश कुमार पर सियासी हमला बोला है. उन्होंने कहा कि ''भाजपा की मेहरबानी रही तो नीतीश जी इस बार अंतिम रूप से मुख्यमंत्री की थपथ लेंगे. देखते हैं 'बकरे की माँ कब तक खैर मनाएँगी.'
बिहार विधानसभा चुनाव में वोटिंग खत्म होने के बाद से मतगणना के दिन तक ऐसा लगा रहा था कि इस बार महागठबंधन की सरकार बनेगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका. जाहिर है इसे लेकर कांग्रेस पर आरोप लगे. लोगों ने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस की वजह से तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नहीं बन पाए. अगर कांग्रेस कम सीटों पर चुनाव लड़ती तो शायद आज तस्वीर दूसरी होती. इन सब के बीच कांग्रेस के ही नेता ने यह स्वीकार कर स्पष्ट कर दिया कि आज अगर महागठबंधन की सरकार नहीं बन रही तो इसकी पीछे कांग्रेस की जिद है.
तारिक अनवर के बाद माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्या ने भी कांग्रेस को घेरा है. राबड़ी आवास पर महागठबंधन की बैठक से पहले उन्होंने कहा कि काग्रेस से 70 सीटें नहीं संभल पायी. अगर वाम दल को और सीटें मिलती तो आंकड़ा कुछ और ही होता.
''जाहिर सी बात है, कांग्रेस की स्ट्राइक रेट अच्छा नहीं रहा. शायद 70 सीटें संभाल पाना कांग्रेस के लिए मुश्किल साबित हुई. कांग्रेस कुछ कम सीटों पर लड़ती, उसके बदले राजद को, माले को या अन्य वाम घटक दल को देती तो शायद फर्क पड़ जाता. खैर अब जो हो गया सो हो गया.''
माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्या
एनडीए को पूर्ण बहुमत
बता दें कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए ने कुल 125 सीटों पर जीत हासिल की है. एनडीए में शामिल भाजपा को 74, जेडीयू को 43, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (सेक्युलर) तथा विकासशील इंसान पार्टी को चार-चार सीटें मिली हैं.