नई दिल्ली : तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार से (NEET) नीट 2020 को लेकर बात की है. राज्य सरकार का कहना है कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) 2020 को स्थगित करने की बढ़ती मांगों के बाद भी यदि परीक्षा होती है तो राज्य के छात्रों को इस परीक्षा में छूट दी जाए.
राज्य के शिक्षा मंत्री केए सेनगोट्टैयन ने केंद्र को पत्र लिखकर नीट 2020 परीक्षा को रद्द करने का अनुरोध किया है साथ ही कहा कि यदि परीक्षा स्थगित नहीं होती है तो तमिलनाडु के छात्रों को इस परीक्षा में उपस्थित नहीं होंगे.
तमिलनाडु राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से राज्य के छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए नीट 2020 से उन्हें वंचित रखने का अनुरोध किया है.
बता दें कि कोरोना महामारी के बीच जेईई मेन और नीट परीक्षा के आयोजन को लेकर डीएमके चीफ स्टालिन ने पहले भी राज्य सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया था. हाल ही में जारी एक बयान में, स्टालिन ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीसामी को कोरोना महामारी के दौरान नीट 2020 परीक्षाओं को स्थगित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की बात कही थी.
उन्होंने राज्य सरकार से एक प्रस्ताव अपनाने को कहा था जिसमें कक्षा 12वीं के अंकों के आधार पर छात्रों को स्नातक स्तर के चिकित्सा कार्यक्रमों में प्रवेश लेने की अनुमति हो.
राज्य शिक्षा मंत्री केए सेनगोट्टैयन ने यह भी बताया कि राज्य में स्कूलों को फिर से खोलने के संबंध में कोई भी निर्णय मुख्यमंत्री पलानीसामी द्वारा लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों की सुरक्षा, उनके स्वास्थ्य और कल्याण पर विचार करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.
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उन्होंने कोविड-19 महामारी के खत्म हो जाने के बाद या इसके प्रकोप के कम हो जाने के बाद स्कूलों को फिर से खोलने के संकेत दिए.
शिक्षण संस्थानों द्वारा ली जाने वाली फीस के मामले में उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश के अनुसार केवल 40 प्रतिशत फीस ही ली जाएगी. यदि कोई संस्थान लॉकडाउन के दौरान पूरी फीस वसूलता हो तो संस्थान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. ऐसे संस्थानों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.