नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु विवाद को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनातनी ने उस समया फिर से एक गहन मोड़ ले लिया, जब पाकिस्तान ने पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव के लिए दूसरा कांसुलर एक्सेस देने ले इंकार कर दिया.
इस मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने आज प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस बात की लगातार कोशिशें करेगी, कि अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (ICJ) का फैसला पूरी तरह लागू हो.
रवीश ने कहा कि भारत कूटनीतिक माध्यमों से लगातार पाक के संपर्क में बने रहने की कोशिश करेगा.
बता दें कि अब तक, पाकिस्तान ने दो बार जाधव की पोस्ट इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले में कांसुलर एक्सेस की पेशकश की है. भारत ने पहली पेशकश को अस्वीकार कर दिया क्योंकि यह बहुत सारी शर्तों के साथ आया था जिसमें पाकिस्तानी अधिकारी की उपस्थिति और संपूर्ण की वीडियोग्राफी भी शामिल थी.
दूसरा प्रस्ताव 1 सितंबर को आया जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया. इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया ने 2 सितंबर को जाधव से मुलाकात की. भारत ने दावा किया कि जाधव पाकिस्तान के दबाव में थे.
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इसके अलावा करतारपुर कॉरिडोर के सवाल पर रवीश ने कहा कि हमने शुरुआत में श्रद्धालुओं की जिस संख्या का प्रस्ताव दिया था, उससे पाक असहमत है.
पाक ने संरचनात्मक बाधाओं का जिक्र किया है, लेकिन हमने उनसे कुछ रियायत की अपील की है.
जम्मू-कश्मीर के हालात पर रवीश ने कहा कि पूरे प्रदेश में दवाओं की कहीं भी कमी नहीं है. उन्होंने बताया कि 95 फीसदी स्वास्थ्यकर्मी अपनी ड्यूटी पर हैं. बैंकिंग में भी कोई परेशानी नहीं है. जम्मू-कश्मीर के 92 फीसदी हिस्सों में कोई प्रतिबंध नहीं है.