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भारत-नेपाल सीमा विवाद पर सुषमा स्वराज के पति ने मनीषा कोइराला को दिया जवाब - नेपाल के नए नक्शे में कालापानी

भारत और नेपाल के बीच लिपुलेख और कालापानी में सीमा विवाद पर बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने नेपाल के नए नक्शे में कालापानी को शामिल किए जाने पर खुशी जाहिर की. अपने ट्वीट में उन्होंने चीन का भी जिक्र किया था. मनीषा के ट्वीट पर स्वराज कौशल ने प्रतिक्रिया दी है. पढ़ें पूरी खबर...

स्वराज कौशल
स्वराज कौशल
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Published : May 21, 2020, 5:31 PM IST

Updated : May 21, 2020, 9:36 PM IST

नई दिल्ली : भारत और नेपाल के बीच लिपुलेख और कालापानी में सीमा विवाद पर बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने ट्वीट कर नेपाल के नए नक्शे में कालापानी को शामिल किए जाने पर खुशी जाहिर की थी. साथ ही चीन का भी जिक्र किया. मनीषा के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया में प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई थी. इसी बीच देश की विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज के पति और पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के बीच कोई गंभीर दिक्कत हो सकती है, लेकिन यह भारत और नेपाल के बीच है. आप चीन को बीच में कैसे ले आईं? स्वराज ने कहा कि यह भारत के लिए भी बुरा है और नेपाल के लिए भी.

बात दें कि स्वराज कौशल ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर मनीषा कोइराला को जवाब दिया है. इस दौरान उन्होंने मनीषा कोइराला को अपनी बेटी जैसा बताया. उन्होंने कहा कि मैं आपसे बहस नहीं कर सकता. मैंने हमेशा आपको अपनी बेटी माना है. 27 साल पहले जब आपने हमें 1942-ए लव स्टोरी के प्रीमियर के लिए आमंत्रित किया था, तो मैं पूरी फिल्म नहीं देख सका था. हां, उस दौरान आपकी गोद में 'बंसुरी' (स्वराज की बेटी) थी. 1977 में आप साकेत में एपीजे स्कूल में पढ़ने लगी थीं और साउथ एक्सटेंशन में रहती थीं. आपके पिता प्रकाश कोइराला मेरे भाई की तरह हैं और आपकी मां सुषमा कोइराला भाभी और एक दोस्त जैसी. हमने कठिन परिस्थितियों को एक साथ देखा है.

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स्वराज कौशल द्वारा किए गए ट्वीट (पेज-1)

जिस दिन एम्स में आपके दादा बीपी कोइराला के कैंसर का पता चला मैं उनके साथ था. मुझे याद है कि बीपी मुझे बता रहे थे कि यह कैंसर का एक आखिरी चरण है और मेरे पास जीने के लिए सिर्फ छह महीने हैं. मैं उदास था, लेकिन उसके चेहरे पर मायूसी के कोई निशान नहीं थे.

स्वराज कौशल ने कहा कि मैं आपके परिवार की गौरवशाली परंपराओं को जानता हूं. आपके दादा बीपी कोइराला, उनके भाई और फिर सबसे छोटे भाई जीपी कोइराला तीनों नेपाल के प्रधानमंत्री बने. आपकी बुआ और मेरी मित्र शैलजा आचार्य नेपाल की उप प्रधानमंत्री थीं.

यह भी जान लीजिए कि आपके परिवार ने कितना संघर्ष किया है. आपके दादा बीपी कोइराला 18 साल तक जेल में रहे. उनका जीवन बख्श दिया गया, क्योंकि तब नेपाल में एक हिंदू राज्य था और वहां किसी ब्राह्मण को फांसी नहीं होती थी. 26 साल की उम्र में आपकी बुआ शैलजा (बीपी की बहन की बेटी) को आठ साल की जेल हुई थी.

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स्वराज कौशल द्वारा किए गए ट्वीट (पेज-2)

स्वराज कौशल ने कहा कि अब मैं आपके पिता प्रकाश कोइराला के संघर्ष के विषय में बताता हूूं. उनके संघर्ष में नेपाली कांग्रेस के साथ कौन था? मुझे लगता है कि हम सभी जेपी, लोहिया, चंद्रशेखर जी और जॉर्ज फर्नांडीस. इनमें से चंद्रशेखर जी ने सबसे ज्यादा काम किया. 1973 में मैं भी कई सप्ताह नेपाल में रहा.

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स्वराज कौशल द्वारा किए गए ट्वीट (पेज-3)

लोकतंत्र के संघर्ष में हम आपके साथ थे. भारत या भारतीयों के लिए कुछ भी नहीं था. जब हमने एक सांसद के रूप में आपके विचारों को जाना, तो हम परेशान हो गए. हमने सोचा कि यह नेपाली राजनीति की मजबूरी थी.

पढ़ें - कालापानी और लिपुलेख पर नेपाल का दावा झूठा, सरकारी दस्तावेज दे रहे गवाही

उन्होंने कहा कि भारतीयों को पता होना चाहिए कि दुनिया में एकमात्र हिंदू राष्ट्र को समाप्त करने की साजिश चल रही थी. साजिश करने वाले माओवादियों से मिले हुए थे. साजिशकर्ताओं ने एकमात्र हिंदू राज्य को नष्ट कर दिया. उनका मिशन पूरा हुआ.

इसका परिणाम यह हुआ कि कम्युनिस्ट चीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर रहे हैं या यूं कहें कि नेपाल का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर रहे हैं. पारंपरिक रूप से भारत के साथ चीन की सीमा हिमालय तक थी. अब भारत के साथ चीन की सीमा महज बीरगंज में है.

भारत को नेपाल से शिकायत हो सकती है या नेपाल के भारत के साथ गंभीर मुद्दे हो सकते हैं. वह भारत और नेपाल के बीच की बात है. आप इस मामले में चीन को बीच में क्यों लाती हैं? यह हमारे लिए बुरा है और यह नेपाल के लिए भी अच्छा नहीं है.

नई दिल्ली : भारत और नेपाल के बीच लिपुलेख और कालापानी में सीमा विवाद पर बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने ट्वीट कर नेपाल के नए नक्शे में कालापानी को शामिल किए जाने पर खुशी जाहिर की थी. साथ ही चीन का भी जिक्र किया. मनीषा के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया में प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई थी. इसी बीच देश की विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज के पति और पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के बीच कोई गंभीर दिक्कत हो सकती है, लेकिन यह भारत और नेपाल के बीच है. आप चीन को बीच में कैसे ले आईं? स्वराज ने कहा कि यह भारत के लिए भी बुरा है और नेपाल के लिए भी.

बात दें कि स्वराज कौशल ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर मनीषा कोइराला को जवाब दिया है. इस दौरान उन्होंने मनीषा कोइराला को अपनी बेटी जैसा बताया. उन्होंने कहा कि मैं आपसे बहस नहीं कर सकता. मैंने हमेशा आपको अपनी बेटी माना है. 27 साल पहले जब आपने हमें 1942-ए लव स्टोरी के प्रीमियर के लिए आमंत्रित किया था, तो मैं पूरी फिल्म नहीं देख सका था. हां, उस दौरान आपकी गोद में 'बंसुरी' (स्वराज की बेटी) थी. 1977 में आप साकेत में एपीजे स्कूल में पढ़ने लगी थीं और साउथ एक्सटेंशन में रहती थीं. आपके पिता प्रकाश कोइराला मेरे भाई की तरह हैं और आपकी मां सुषमा कोइराला भाभी और एक दोस्त जैसी. हमने कठिन परिस्थितियों को एक साथ देखा है.

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स्वराज कौशल द्वारा किए गए ट्वीट (पेज-1)

जिस दिन एम्स में आपके दादा बीपी कोइराला के कैंसर का पता चला मैं उनके साथ था. मुझे याद है कि बीपी मुझे बता रहे थे कि यह कैंसर का एक आखिरी चरण है और मेरे पास जीने के लिए सिर्फ छह महीने हैं. मैं उदास था, लेकिन उसके चेहरे पर मायूसी के कोई निशान नहीं थे.

स्वराज कौशल ने कहा कि मैं आपके परिवार की गौरवशाली परंपराओं को जानता हूं. आपके दादा बीपी कोइराला, उनके भाई और फिर सबसे छोटे भाई जीपी कोइराला तीनों नेपाल के प्रधानमंत्री बने. आपकी बुआ और मेरी मित्र शैलजा आचार्य नेपाल की उप प्रधानमंत्री थीं.

यह भी जान लीजिए कि आपके परिवार ने कितना संघर्ष किया है. आपके दादा बीपी कोइराला 18 साल तक जेल में रहे. उनका जीवन बख्श दिया गया, क्योंकि तब नेपाल में एक हिंदू राज्य था और वहां किसी ब्राह्मण को फांसी नहीं होती थी. 26 साल की उम्र में आपकी बुआ शैलजा (बीपी की बहन की बेटी) को आठ साल की जेल हुई थी.

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स्वराज कौशल द्वारा किए गए ट्वीट (पेज-2)

स्वराज कौशल ने कहा कि अब मैं आपके पिता प्रकाश कोइराला के संघर्ष के विषय में बताता हूूं. उनके संघर्ष में नेपाली कांग्रेस के साथ कौन था? मुझे लगता है कि हम सभी जेपी, लोहिया, चंद्रशेखर जी और जॉर्ज फर्नांडीस. इनमें से चंद्रशेखर जी ने सबसे ज्यादा काम किया. 1973 में मैं भी कई सप्ताह नेपाल में रहा.

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स्वराज कौशल द्वारा किए गए ट्वीट (पेज-3)

लोकतंत्र के संघर्ष में हम आपके साथ थे. भारत या भारतीयों के लिए कुछ भी नहीं था. जब हमने एक सांसद के रूप में आपके विचारों को जाना, तो हम परेशान हो गए. हमने सोचा कि यह नेपाली राजनीति की मजबूरी थी.

पढ़ें - कालापानी और लिपुलेख पर नेपाल का दावा झूठा, सरकारी दस्तावेज दे रहे गवाही

उन्होंने कहा कि भारतीयों को पता होना चाहिए कि दुनिया में एकमात्र हिंदू राष्ट्र को समाप्त करने की साजिश चल रही थी. साजिश करने वाले माओवादियों से मिले हुए थे. साजिशकर्ताओं ने एकमात्र हिंदू राज्य को नष्ट कर दिया. उनका मिशन पूरा हुआ.

इसका परिणाम यह हुआ कि कम्युनिस्ट चीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर रहे हैं या यूं कहें कि नेपाल का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर रहे हैं. पारंपरिक रूप से भारत के साथ चीन की सीमा हिमालय तक थी. अब भारत के साथ चीन की सीमा महज बीरगंज में है.

भारत को नेपाल से शिकायत हो सकती है या नेपाल के भारत के साथ गंभीर मुद्दे हो सकते हैं. वह भारत और नेपाल के बीच की बात है. आप इस मामले में चीन को बीच में क्यों लाती हैं? यह हमारे लिए बुरा है और यह नेपाल के लिए भी अच्छा नहीं है.

Last Updated : May 21, 2020, 9:36 PM IST
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