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स्वदेशी जागरण मंच ने पटाखों पर प्रतिबंध को ठहराया अनुचित

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Published : Nov 7, 2020, 8:51 PM IST

कई राज्य सरकारों ने दीपावली से पहले पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. राज्य सरकारों ने यह फैसला कोरोना के बढ़ते प्रकोप और वायु प्रदूषण को देखते हुए लिया है. वहीं, स्वदेशी जागरण मंच ने दिल्ली, राजस्थान, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकार से फैसले को वापस लेने की मांग की है.

swadeshi jagran manch demanded lifting ban on firecrackers
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अश्विनी महाजन ने सरकारों से की मांग

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने दीपावली से पूर्व पटाखों पर प्रतिबंध को अनुचित बताया है. बता दें, प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दीपावली से पहले पटाखों पर प्रतिबंध की घोषणा की है.

राज्यों को पटाखों पर नहीं लगाना चाहिए पूर्ण प्रतिबंध

स्वदेशी जागरण मंच ने शनिवार को मांग करते हुए कहा कि राज्यों को पटाखे जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध से बचना चाहिए. स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि बिना किसी तथ्यात्मक जानकारी के राज्य सरकारें पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रही हैं जो उचित नहीं है. स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि प्रदूषण का मुख्य कारण चीन से आयातित पटाखें हैं. जो गैर कानूनी रूप से भारत आते थे. चीन से आयातित पटाखों में पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर होने के चलते ये प्रदूषण का मुख्य कारण बनते हैं. स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि भारत में बन रहे ग्रीन पटाखों में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बहुत कम होती है. वैज्ञानिक रूप से भी यह प्रमाणित हो चुका है कि भारत में बने पटाखे 30% तक कम प्रदूषण फैलाते हैं.

केंद्र सरकार से की मांग

स्वदेशी जागरण मंच का कहना है कि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल समेत देश के कई भागों में लाखों लोगों की आजीविका पटाखा उद्योग पर आश्रित है और इस क्षेत्र में काम कर रहे लोग साल भर दीपावली का इंतजार करते हैं. इस मंच ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल(NGT) के सामने ये तथ्य रखे. अश्विनी महाजन ने कहा कि पंजाब, हरियाण और दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में पराली जलाने की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है और यही कारण है कि प्रदूषण का स्तर लगातार दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता जा रहा है.

पढ़ें: जानिए, क्यों इन राज्यों में नहीं होगी धमाकेदार दीपावली

फैसले को वापस लेने की मांग की
बता दें, सर्वोच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2018 में दिये अपने आदेश में दीपावली पर पटाखे जलाने और पटाखा उद्योग में लगे लाखों लोगों की जीविका को देखते हुए पर्व के अवसर पर दो घंटे तक पटाखे जलाने की अनुमति दी है. स्वदेशी जागरण मंच ने दिल्ली, राजस्थान, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकार से मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और लाखों लोगों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए पटाखों पर पूर्णतः प्रतिबंध के निर्णय को वापस ले.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने दीपावली से पूर्व पटाखों पर प्रतिबंध को अनुचित बताया है. बता दें, प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दीपावली से पहले पटाखों पर प्रतिबंध की घोषणा की है.

राज्यों को पटाखों पर नहीं लगाना चाहिए पूर्ण प्रतिबंध

स्वदेशी जागरण मंच ने शनिवार को मांग करते हुए कहा कि राज्यों को पटाखे जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध से बचना चाहिए. स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि बिना किसी तथ्यात्मक जानकारी के राज्य सरकारें पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रही हैं जो उचित नहीं है. स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि प्रदूषण का मुख्य कारण चीन से आयातित पटाखें हैं. जो गैर कानूनी रूप से भारत आते थे. चीन से आयातित पटाखों में पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर होने के चलते ये प्रदूषण का मुख्य कारण बनते हैं. स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि भारत में बन रहे ग्रीन पटाखों में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बहुत कम होती है. वैज्ञानिक रूप से भी यह प्रमाणित हो चुका है कि भारत में बने पटाखे 30% तक कम प्रदूषण फैलाते हैं.

केंद्र सरकार से की मांग

स्वदेशी जागरण मंच का कहना है कि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल समेत देश के कई भागों में लाखों लोगों की आजीविका पटाखा उद्योग पर आश्रित है और इस क्षेत्र में काम कर रहे लोग साल भर दीपावली का इंतजार करते हैं. इस मंच ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल(NGT) के सामने ये तथ्य रखे. अश्विनी महाजन ने कहा कि पंजाब, हरियाण और दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में पराली जलाने की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है और यही कारण है कि प्रदूषण का स्तर लगातार दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता जा रहा है.

पढ़ें: जानिए, क्यों इन राज्यों में नहीं होगी धमाकेदार दीपावली

फैसले को वापस लेने की मांग की
बता दें, सर्वोच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2018 में दिये अपने आदेश में दीपावली पर पटाखे जलाने और पटाखा उद्योग में लगे लाखों लोगों की जीविका को देखते हुए पर्व के अवसर पर दो घंटे तक पटाखे जलाने की अनुमति दी है. स्वदेशी जागरण मंच ने दिल्ली, राजस्थान, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकार से मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और लाखों लोगों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए पटाखों पर पूर्णतः प्रतिबंध के निर्णय को वापस ले.

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