नई दिल्ली : उन्नाव दुष्कर्म मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह को सजा सुनाई है. इस पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाते ने कहा कि कांग्रेस इस फैसले का स्वागत करती है, साथ ही हम उस पीड़िता के लिए संवेदना और अपना समर्थन व्यक्त करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि जब कुलदीप सिंह सेंगर का पूरा मामला सामने आया तो जिस तरह से योगी सरकार, अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की तमाम महिला नेताओं ने चुप्पी साधी थी, जिससे सवाल उठता है कि इनकी भूमिका संरक्षण की थी. भाजपा की भूमिका चुप्पी साधने की थी तो फिर यह पाप के भागीदार थे.
उन्होंने कहा, 'एक औरत होने के नाते मैं पूछती हूं कि क्या यह सजा काफी है. यह सवाल इसलिए है कि यह दोषी आम नागरिक नहीं है. जनप्रतिनिधि है. इन्हें रक्षक होना चाहिए था न कि भक्षक.'
उन्होंने कहा कि कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि सेंगर ने पीड़िता के परिवार को डराने-धमकाने के लिए सब कुछ किया है जो वह कर सकते हैं. लोगों ने उन पर अपना विश्वास जताया, वो जनप्रतिनिधि है. उन्होंने उसके साथ विश्वासघात किया था और दोषी पाए गए, इसलिए उन्हें सजा मिली है.
श्रीनाते ने बताया है कि कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जो कि प्रधानमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करती है और भारत की सबसे विश्वसनीय एजेंसी कही जाती है, लेकिन उसने चार्जशीट फाइल करने में एक साल का समय लगाया और इसीलिए ट्रायल में रुकावट आई, ट्रायल देर से हुआ.
उन्होंने कहा कि यह जांच निष्पक्ष नहीं हुई, इस बात को लेकर भी संदेह है. सीबीआई ने जांच के दौरान नियमों का उल्लघंन किया है. पॉक्सो एक्ट 24 कहता है कि जांच के लिए एक महिला अधिकारी होनी चाहिए थी. वहां पर वह भी नहीं थी. बार-बार पीड़िता को सीबीआई के मुख्यालय बुलाया जाता था और बयान लिया जाता था. कहीं पर यह संवेदनशील था. कहीं न कहीं उसे यह प्रताड़ना, पीड़ा दोबारा झेलना पड़ता है.
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उन्होंने नागरिक संशोंधन कानून पर कहा कि जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और उनका जो नेतृत्व कर रहे हैं, वह कहीं न कहीं युवा हैं और छात्र हैं.