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BJP की भूमिका कुलदीप सेंगर के संरक्षण की, सीबीआई जांच पर भी सवाल : कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाते ने कहा कि महिला होने के नाते मैं सवाल पूछना चाहती हूं. क्या कुलदीप सिंह सेंगर को दी गई सजा काफी है? यह आम नागरिक नहीं थे. यह जनप्रतिनिधि थे. इसीलिए कहीं न कही भाजपा ने इनके संरक्षण किया है. पढ़ें पूरी खबर...

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सुप्रिया श्रीनाते
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Published : Dec 21, 2019, 12:01 AM IST

नई दिल्ली : उन्नाव दुष्कर्म मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह को सजा सुनाई है. इस पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाते ने कहा कि कांग्रेस इस फैसले का स्वागत करती है, साथ ही हम उस पीड़िता के लिए संवेदना और अपना समर्थन व्यक्त करते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि जब कुलदीप सिंह सेंगर का पूरा मामला सामने आया तो जिस तरह से योगी सरकार, अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की तमाम महिला नेताओं ने चुप्पी साधी थी, जिससे सवाल उठता है कि इनकी भूमिका संरक्षण की थी. भाजपा की भूमिका चुप्पी साधने की थी तो फिर यह पाप के भागीदार थे.

उन्होंने कहा, 'एक औरत होने के नाते मैं पूछती हूं कि क्या यह सजा काफी है. यह सवाल इसलिए है कि यह दोषी आम नागरिक नहीं है. जनप्रतिनिधि है. इन्हें रक्षक होना चाहिए था न कि भक्षक.'

प्रेस कांफ्रेंस करती सुप्रिया श्रीनाते.

उन्होंने कहा कि कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि सेंगर ने पीड़िता के परिवार को डराने-धमकाने के लिए सब कुछ किया है जो वह कर सकते हैं. लोगों ने उन पर अपना विश्वास जताया, वो जनप्रतिनिधि है. उन्होंने उसके साथ विश्वासघात किया था और दोषी पाए गए, इसलिए उन्हें सजा मिली है.

श्रीनाते ने बताया है कि कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जो कि प्रधानमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करती है और भारत की सबसे विश्वसनीय एजेंसी कही जाती है, लेकिन उसने चार्जशीट फाइल करने में एक साल का समय लगाया और इसीलिए ट्रायल में रुकावट आई, ट्रायल देर से हुआ.

उन्होंने कहा कि यह जांच निष्पक्ष नहीं हुई, इस बात को लेकर भी संदेह है. सीबीआई ने जांच के दौरान नियमों का उल्लघंन किया है. पॉक्सो एक्ट 24 कहता है कि जांच के लिए एक महिला अधिकारी होनी चाहिए थी. वहां पर वह भी नहीं थी. बार-बार पीड़िता को सीबीआई के मुख्यालय बुलाया जाता था और बयान लिया जाता था. कहीं पर यह संवेदनशील था. कहीं न कहीं उसे यह प्रताड़ना, पीड़ा दोबारा झेलना पड़ता है.

पढ़ें : उन्नाव रेप केस: कुलदीप सेंगर को उम्रकैद, 25 लाख का जुर्माना

उन्होंने नागरिक संशोंधन कानून पर कहा कि जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और उनका जो नेतृत्व कर रहे हैं, वह कहीं न कहीं युवा हैं और छात्र हैं.

नई दिल्ली : उन्नाव दुष्कर्म मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह को सजा सुनाई है. इस पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाते ने कहा कि कांग्रेस इस फैसले का स्वागत करती है, साथ ही हम उस पीड़िता के लिए संवेदना और अपना समर्थन व्यक्त करते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि जब कुलदीप सिंह सेंगर का पूरा मामला सामने आया तो जिस तरह से योगी सरकार, अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की तमाम महिला नेताओं ने चुप्पी साधी थी, जिससे सवाल उठता है कि इनकी भूमिका संरक्षण की थी. भाजपा की भूमिका चुप्पी साधने की थी तो फिर यह पाप के भागीदार थे.

उन्होंने कहा, 'एक औरत होने के नाते मैं पूछती हूं कि क्या यह सजा काफी है. यह सवाल इसलिए है कि यह दोषी आम नागरिक नहीं है. जनप्रतिनिधि है. इन्हें रक्षक होना चाहिए था न कि भक्षक.'

प्रेस कांफ्रेंस करती सुप्रिया श्रीनाते.

उन्होंने कहा कि कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि सेंगर ने पीड़िता के परिवार को डराने-धमकाने के लिए सब कुछ किया है जो वह कर सकते हैं. लोगों ने उन पर अपना विश्वास जताया, वो जनप्रतिनिधि है. उन्होंने उसके साथ विश्वासघात किया था और दोषी पाए गए, इसलिए उन्हें सजा मिली है.

श्रीनाते ने बताया है कि कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जो कि प्रधानमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करती है और भारत की सबसे विश्वसनीय एजेंसी कही जाती है, लेकिन उसने चार्जशीट फाइल करने में एक साल का समय लगाया और इसीलिए ट्रायल में रुकावट आई, ट्रायल देर से हुआ.

उन्होंने कहा कि यह जांच निष्पक्ष नहीं हुई, इस बात को लेकर भी संदेह है. सीबीआई ने जांच के दौरान नियमों का उल्लघंन किया है. पॉक्सो एक्ट 24 कहता है कि जांच के लिए एक महिला अधिकारी होनी चाहिए थी. वहां पर वह भी नहीं थी. बार-बार पीड़िता को सीबीआई के मुख्यालय बुलाया जाता था और बयान लिया जाता था. कहीं पर यह संवेदनशील था. कहीं न कहीं उसे यह प्रताड़ना, पीड़ा दोबारा झेलना पड़ता है.

पढ़ें : उन्नाव रेप केस: कुलदीप सेंगर को उम्रकैद, 25 लाख का जुर्माना

उन्होंने नागरिक संशोंधन कानून पर कहा कि जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और उनका जो नेतृत्व कर रहे हैं, वह कहीं न कहीं युवा हैं और छात्र हैं.

Intro:New Delhi: As the Delhi High Court on Friday sentenced life imprisonment to the expelled BJP MLA Kuldeep Singh Senger, for raping a minor girl in Unnao area of Uttar Pradesh, Congress party believes that the punishment is not enough for the guilty.


Body:While addressing the press conference, Congress spokesperson Supriya Shrinate said, "After what has been a devastatingly long and hard fought battle for justice BJP MLA Kuldeep Singh Sengar has been sentenced to life imprisonment. Though we applaud the Judiciary for its actions we cannot forget the trauma and torture the rape survivor went through in her quest for justice and hence we believe that this punishment is not enough for the guilty."

She added, "Kuldeep Singh Sengar is not a common man, he has been elected by the people of India. Being a Member of Legislative Assembly, he should be the one who make rules, not the one who breaks it."

The Court has also imposed an exemplary fine of Rs 25 lakh on Senger and which has to be paid within a month. While declining the plea for lenient approach in sentencing him, the court said, "Sengar was a public servant and he betrayed people's faith."

Shrinate also slammed the BJP government and the Union Minister Smriti Irani for keeping mum over this matter. She said, "We want to know why there is a silence from the side of BJP government and its ministers. Why they are not saying a word on this matter? Does there role, as Ministers, is to be silent on such matters or were they a part of this crime?"


Conclusion:*On CAA protest*
Shrinate said, "I think these are everybody who believes in the Constitution of India, in unity, in our democratic rights that we can protest against the laws where we do not agree with the government, who are protesting on the streets. I think it is very unfair to the protesters by saying that this is a religious issue."

She further added, "These youngsters who are protesting against the Citizenship Amendment Act actually motivates us. I applause in silence at the sheer courage and determination of our youth. They are standing together, irrespective of caste, religion, and opposing something as draconian as this."

She also urged the protestors for not spreading violence I saying that "we will lose our fight if the path of violence is being used."
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