नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को जमानत देने के मामले में आदेश को आज सुरक्षित रख लिया. प्रजापति एक नाबालिग और उसकी मां से बलात्कार के मामले में आरोपी है. 2017 में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर प्रजापति को गिरफ्तार किया गया था. इस साल 21 सितंबर को अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत पर रोक लगा दी थी, जिसे मेडिकल ग्राउंड्स पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया था. एएसजी ने आज अदालत को सूचित किया कि मेडिकल बोर्ड ने कहा है कि गायत्री प्रजापति का इलाज जेल में ही किया जा सकता है. अस्पताल में भर्ती करने की स्थिति नहीं है.
वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन हुए प्रजापति की ओर से पेश
प्रजापति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने अदालत को बताया कि उनकी बीमारी को दर्शाती 8 रिपोर्ट हैं. गायत्री प्रजापति मधुमेह के रोगी हैं, सांस की समस्या है, गुर्दे की समस्या है और गंभीर रूप से बीमार हैं. अभियोजक चाहते हैं कि प्रजापति जेल के अस्पताल में जाएं, लेकिन इस अस्पताल में सुविधाएं नहीं हैं.
धवन ने अदालत को सूचित किया कि उनकी नियमित जमानत को 3 साल से नहीं तय किया गया है और उच्च न्यायालय फैसला करने से परहेज कर रहा है. बता दें कि नियमित जमानत को योग्यता के आधार पर सुना जाता है, अदालत ने अवलोकन किया और अपने आदेश सुरक्षित रखे.