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एम्स अस्पताल प्रशासन के सामने पेश हों सज्जन कुमार : सुप्रीम कोर्ट

1984 सिख विरोधी दंगा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी सज्जन कुमार को कल एम्स अस्पताल बोर्ड के सामने पेश होने का आदेश दिया है.

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Published : Mar 4, 2020, 12:26 PM IST

Updated : Mar 4, 2020, 3:02 PM IST

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सज्जन कुमार

नई दिल्ली : 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी सज्जन कुमार को कल एम्स अस्पताल बोर्ड के सामने पेश होने का आदेश दिया है.

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सात दिन में विस्तृत रिपोर्ट दर्ज करने के लिए अस्पताल के अधिकारियों को भी निर्देश जारी किए हैं.

इसके पूर्व उच्चतम न्यायालय ने सज्जन कुमार को 2018 में अग्रिम जमानत देने के खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) की याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने से सोमवार को इनकार कर दिया था.

प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा, 'शीघ्र सुनवाई का आवेदन खारिज किया जाता है.'

पढ़ें : 1984 सिख दंगा : अस्वस्थ सज्जन ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी जमानत, कल होगी सुनवाई

'पीठ ने यह आवेदन खारिज करते हुए एसआईटी से सवाल किया कि 'क्या वह जेल के अंदर हैं या नहीं.

'पीठ उस मामले का जिक्र कर रही थी, जिसमें इस पूर्व कांग्रेस नेता को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है और वह इस समय जेल में बंद हैं.

विशेष जांच दल ने सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगों से संबंधित दो मामलों में अग्रिम जमानत देने का निचली अदालत का 21 दिसंबर, 2016 का आदेश बरकरार रखने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के 22 फरवरी, 2018 के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी. उच्च न्यायालय ने कहा था कि उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार वह जांच के दौरान बराबर उपलब्ध थे.

सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगों से संबंधित दो मामलों में उच्च न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है.

ये मामले एक और दो नवंबर, 1984 को दिल्ली छावनी के राजनगर पार्ट-1 इलाके में पांच सिखों की हत्या और राजनगर पार्ट-II में एक गुरुद्वारा जलाने से संबंधित हैं.

सज्जन कुमार ने उच्च न्यायालय के पिछले साल 17 दिसंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दे रखी है.

उच्च न्यायालय ने इन मामलों में सज्जन कुमार को बरी करने का निचली अदालत का 2010 का फैसला निरस्त कर दिया था.

नई दिल्ली : 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी सज्जन कुमार को कल एम्स अस्पताल बोर्ड के सामने पेश होने का आदेश दिया है.

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सात दिन में विस्तृत रिपोर्ट दर्ज करने के लिए अस्पताल के अधिकारियों को भी निर्देश जारी किए हैं.

इसके पूर्व उच्चतम न्यायालय ने सज्जन कुमार को 2018 में अग्रिम जमानत देने के खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) की याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने से सोमवार को इनकार कर दिया था.

प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा, 'शीघ्र सुनवाई का आवेदन खारिज किया जाता है.'

पढ़ें : 1984 सिख दंगा : अस्वस्थ सज्जन ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी जमानत, कल होगी सुनवाई

'पीठ ने यह आवेदन खारिज करते हुए एसआईटी से सवाल किया कि 'क्या वह जेल के अंदर हैं या नहीं.

'पीठ उस मामले का जिक्र कर रही थी, जिसमें इस पूर्व कांग्रेस नेता को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है और वह इस समय जेल में बंद हैं.

विशेष जांच दल ने सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगों से संबंधित दो मामलों में अग्रिम जमानत देने का निचली अदालत का 21 दिसंबर, 2016 का आदेश बरकरार रखने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के 22 फरवरी, 2018 के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी. उच्च न्यायालय ने कहा था कि उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार वह जांच के दौरान बराबर उपलब्ध थे.

सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगों से संबंधित दो मामलों में उच्च न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है.

ये मामले एक और दो नवंबर, 1984 को दिल्ली छावनी के राजनगर पार्ट-1 इलाके में पांच सिखों की हत्या और राजनगर पार्ट-II में एक गुरुद्वारा जलाने से संबंधित हैं.

सज्जन कुमार ने उच्च न्यायालय के पिछले साल 17 दिसंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दे रखी है.

उच्च न्यायालय ने इन मामलों में सज्जन कुमार को बरी करने का निचली अदालत का 2010 का फैसला निरस्त कर दिया था.

Last Updated : Mar 4, 2020, 3:02 PM IST
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