नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मध्य प्रदेश में एक जिला महिला न्यायाधीश की बहाली की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई की. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस के गंगेले ( अब सेवानिवृत्त ) पर पूर्व महिला एडीजे के यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद इस्तीफा देना पड़ा था. आरोप लगाने के बाद महिला जज ने भी इस्तीफा दे दिया था.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने पीठ की अध्यक्षता करते हुए पूर्व एडीजे की वकील वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह से पूछा कि क्या वह किसी अन्य राज्य में काम करने को तैयार हैं. यदि उन्हें दोबारा पद दिया जाए.
इस पर जयसिंह ने जवाब दिया कि वह देश के उत्तरी भाग में किसी भी राज्य को पसंद करेंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि कि पूर्व न्यायाधीश का कार्य त्रुटिहीन था. उन्हें जिला विशाखा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और 2011 और 2013 के बीच उनके काम की एक वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) ने उनके प्रदर्शन को उत्कृष्ट बताया था.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक दिख रही थी, लेकिन होली के बाद से सबरीमाला मामले पर सुनवाई होनी है.
जयसिंह ने न्यायालय को यह भी बताया कि पूर्व एडीजे पिछले कुछ वर्षों के पारिश्रमिक को वापस लेने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने अपनी वरिष्ठता बरकरार रखने की इच्छा जताई है.
न्यायाधीश ने कहा है कि न्यायाधीश के पेशे को आगे बढ़ाना और उसी जिंदगी के साथ आगे बढ़ना न्यायाधीश का मकसद है. सीजेआई ने इस पर सहमति व्यक्त की और कहा कि मुझे आपकी और आपके दृष्टिकोण की प्रशंसा करनी चाहिए. ऐसी स्थितियों में सही रवैया है. इन सबमें क्यों पड़ें?
मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि विवाद को अब शांतिपूर्ण निष्कर्ष पर लाया जा सकता है, क्योंकि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अब एक नए मुख्य न्यायाधीश हैं.
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के लिए पेश वरिष्ठ वकील आर श्रीवास्तव ने कहा कि इस बहाली के कुछ परिणाम हो सकते हैं. सीजेआई ने वकील से इस पर विचार करने के लिए कहा और कहा कि ऐसा बिना मौद्रिक लाभ के भी किया जा सकता है. उच्च न्यायालय के वकील को इस बिंदु पर निर्देश प्राप्त करने के लिए कहा गया है. कोर्ट ने कहा कि16 मार्च को इस मामले पर अगली सुनवाई होगी.