नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने ग्राम न्यायलय के गठन में टालमटोल पर सख्त रुख अपनाते हुए एक केंद्रशासित प्रदेश समेत आठ राज्यों को कड़ी फटकार लगाई है और इन सभी प्रदेशों को एक-एक लाख रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया है.
जस्टिस एन.वी. रमना की पीठ ने सुनवाई के दौरान सभी आठ राज्यों को चार हफ्ते के अंदर ग्राम न्यायालय का गठन करने और नोटिफाई करने का आदेश दिया है.
असम, चंडीगढ़, गुजरात, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल पर यह जुर्माना लगाया गया है, साथ ही एक महीने के अंदर इन राज्यों को न्यायालय स्थापित करने का आदेश दिया गया है.
आपको बता दें कि संसद ने 2008 में एक कानून परित किया था, जिसके तहत जमीनी स्तर पर ग्राम न्यायालय बनाने का प्रावधान किया गया था, ताकि लोगों को न्याय मिलने में हो रही देरी को कम किया जा सके. लेकिन कई राज्यों ने इस कानून के क्रियान्वयन में टालमटोल की नीति अपना रखी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन राज्यों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है.
इससे पहले सितंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
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गौरतलब है कि वर्तमान में कुल 209 ग्राम न्यायालय ही देश में काम कर रहे हैं, जबकि लक्ष्य पांच हजार ग्राम न्यायालय बनाने का था.