नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को न्यायालय के समक्ष पेश किए जाने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से सोमवार को जवाब मांगा.
अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा रद्द किए जाने के बाद से कथित रूप से हिरासत में हैं.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे एवं न्यायमूर्ति एस ए नजीर की पीठ ने केंद्र और राज्य को नोटिस जारी किया है.
राज्यसभा सांसद एवं एमडीएमके नेता वाइको की याचिका पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की है.
दरअसल उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को पेश करने के लिए केंद्र को निर्देश दिए जाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान पूछा: क्या अब्दुल्ला किसी प्रकार की हिरासत में हैं?
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एमडीएमके के नेता वाइको के वकील ने न्यायालय से कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा था अब्दुल्ला किसी प्रकार की हिरासत में नहीं है, लेकिन हमें उनका पता ठिकाना मालूम नहीं है.
बता दें, वाइको ने कहा कि वह पिछले चार दशकों से अब्दुल्ला के निकट मित्र हैं.
वाइको ने दावा किया कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता को, 'बिना किसी कानूनी अधिकार के अवैध हिरासत में लेकर, उन्हें संविधान के तहत प्रदत्त अधिकारों से वंचित रखा गया.'