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उच्चतम न्यायालय ने एनजीटी के आदेश को लेकर आरओ निर्माताओं से सरकार के पास जाने को कहा - SC to ro manufactureres

खनिज रहित जल के दुष्प्रभावों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पानी शुद्ध करने वाले संयंत्र- आरओ बनाने वाली कंपनियों को निर्देश दिए हैं. जानें न्यायालय ने अपने आदेश में क्या कुछ कहा...

न्यायालय ने एनजीटी के आदेश को लेकर आरओ निर्माताओं से सरकार के पास जाने को कहा
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Published : Nov 23, 2019, 12:13 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को आरओ निर्माता संघ से कहा कि वह पानी में कुल घुलनशील ठोस पदार्थ (टीडीएस) 500 मिलिग्राम प्रति लीटर से कम होने पर आरओ के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के संबंध में सरकार से संपर्क करे.

RO निर्माताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे भारत जल गुणवत्ता संघ ने याचिका दायर कर एनजीटी के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसने सरकार को प्यूरीफायरों का इस्तेमाल नियमित करने और लोगों को खनिज रहित जल के दुष्प्रभाव के बारे में बताने का निर्देश दिया है.

न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि संघ इस संबंध में प्रासंगिक सामग्रियों के साथ 10 दिन में संबंधित मंत्रालय के पास जा सकता है और सरकार एनजीटी के आदेशानुसार अधिसूचना जारी करने से पहले इन पर विचार करेगी.

पढ़ें : जल संकट के कगार पर विश्वभर के विकसित महानगर

सुनवाई के दौरान संघ के वकील ने देशभर के विभिन्न शहरों में जल मानकों पर बीआईएस की हालिया रिपोर्ट का जिक्र किया और कहा कि यह दिल्ली में भूजल में भारी धातुओं की मौजूदगी की ओर इशारा करती है.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को आरओ निर्माता संघ से कहा कि वह पानी में कुल घुलनशील ठोस पदार्थ (टीडीएस) 500 मिलिग्राम प्रति लीटर से कम होने पर आरओ के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के संबंध में सरकार से संपर्क करे.

RO निर्माताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे भारत जल गुणवत्ता संघ ने याचिका दायर कर एनजीटी के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसने सरकार को प्यूरीफायरों का इस्तेमाल नियमित करने और लोगों को खनिज रहित जल के दुष्प्रभाव के बारे में बताने का निर्देश दिया है.

न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि संघ इस संबंध में प्रासंगिक सामग्रियों के साथ 10 दिन में संबंधित मंत्रालय के पास जा सकता है और सरकार एनजीटी के आदेशानुसार अधिसूचना जारी करने से पहले इन पर विचार करेगी.

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सुनवाई के दौरान संघ के वकील ने देशभर के विभिन्न शहरों में जल मानकों पर बीआईएस की हालिया रिपोर्ट का जिक्र किया और कहा कि यह दिल्ली में भूजल में भारी धातुओं की मौजूदगी की ओर इशारा करती है.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 12:13 HRS IST




             
  • न्यायालय ने एनजीटी के आदेश को लेकर आरओ निर्माताओं से सरकार के पास जाने को कहा



नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को आरओ निर्माता संघ से कहा कि वह पानी में कुल घुलनशील ठोस पदार्थ (टीडीएस) 500 मिलिग्राम प्रति लीटर से कम होने पर आरओ के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के संबंध में सरकार से संपर्क करे।



आरओ निर्माताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे भारत जल गुणवत्ता संघ ने याचिका दायर कर एनजीटी के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसने सरकार को प्यूरीफायरों का इस्तेमाल नियमित करने और लोगों को खनिज रहित जल के दुष्प्रभाव के बारे में बताने का निर्देश दिया है।



न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि संघ इस संबंध में प्रासंगिक सामग्रियों के साथ 10 दिन में संबंधित मंत्रालय के पास जा सकता है और सरकार एनजीटी के आदेशानुसार अधिसूचना जारी करने से पहले इन पर विचार करेगी।



सुनवाई के दौरान संघ के वकील ने देशभर के विभिन्न शहरों में जल मानकों पर बीआईएस की हालिया रिपोर्ट का जिक्र किया और कहा कि यह दिल्ली में भूजल में भारी धातुओं की मौजूदगी की ओर इशारा करती है।


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