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डॉक्टरों को क्वारंटाइन सुविधा पर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र से मांगा विवरण - डॉक्टरों को क्वारंटाइन सुविधा

डॉक्टरों को अस्पतालों के बाहर क्वारंटाइन के लिए दी गई व्यवस्था पर सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अगले सप्ताह केंद्र सरकार से पूरा विवरण मांगा है. डॉक्टरों के लिए क्वारंटाइन सुविधाओं पर दायर याचिका पर आज सुनवाई के बाद शीर्ष न्यायालय ने यह आदेश दिया है. जानें विस्तार से...

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सर्वोच्च न्यायालय
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Published : May 15, 2020, 8:02 PM IST

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कोरोना के उपचार से जुड़े डॉक्टरों को अस्पतालों के बाहर क्वारंटाइन के लिए दी गई व्यवस्था पर एक सप्ताह में केंद्र सरकार से पूरा विवरण मांगा है.

न्यायाधीश एल.नागेश्वर राव, न्यायाधीश एस.के. कौल और न्यायाधीश बी.आर. गवई की पीठ ने डॉक्टरों के लिए क्वारंटाइन सुविधाओं पर दायर की गई याचिका पर सुनवाई की.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ को बताया कि अपनी ड्यूटी करने के बाद सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में होना चाहिए, लेकिन एक ही अस्पताल में एक ही कमरे में एक बाथरूम साझा करने की सुविधा के साथ डॉक्टरों को रखा जा रहा है. सरकार उन्हें ठहराने के लिए बेहतर जगह उपलब्ध कराए.

वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, '27 अप्रैल को राज्यों को निर्देश दिया गया था कि वे आवश्यक होटलों का अधिग्रहण करें. मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने पीएम के साथ एक विस्तृत बैठक की. इसके बाद निर्देश जारी किए गया था. हम पूरी तरह से सचेत हैं. जो हम कर सकते हैं वह सब कुछ किया जाएगा और किया भी जाना चाहिए. यदि कोई दिक्कत है तो उसे सरकार के नोटिस में लाया जाना चाहिए और यह किया जाना चाहिए. अध्यादेश लाया गया है.'

पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट सख्त : ढेरों याचिकाएं लगाने वाले वकील पर एक लाख रुपये जुर्माना

इस पर पीठ ने यह भी पूछा है कि अस्पताल के पास अन्य स्थानों पर यह सुविधा दी जा सकती है.

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यह एक अच्छा सुझाव है और इस पर विचार किया जाएगा. पीठ ने उन्हें एक सप्ताह में केंद्र से निर्देंश लाने के लिए कहा है.

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कोरोना के उपचार से जुड़े डॉक्टरों को अस्पतालों के बाहर क्वारंटाइन के लिए दी गई व्यवस्था पर एक सप्ताह में केंद्र सरकार से पूरा विवरण मांगा है.

न्यायाधीश एल.नागेश्वर राव, न्यायाधीश एस.के. कौल और न्यायाधीश बी.आर. गवई की पीठ ने डॉक्टरों के लिए क्वारंटाइन सुविधाओं पर दायर की गई याचिका पर सुनवाई की.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ को बताया कि अपनी ड्यूटी करने के बाद सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में होना चाहिए, लेकिन एक ही अस्पताल में एक ही कमरे में एक बाथरूम साझा करने की सुविधा के साथ डॉक्टरों को रखा जा रहा है. सरकार उन्हें ठहराने के लिए बेहतर जगह उपलब्ध कराए.

वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, '27 अप्रैल को राज्यों को निर्देश दिया गया था कि वे आवश्यक होटलों का अधिग्रहण करें. मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने पीएम के साथ एक विस्तृत बैठक की. इसके बाद निर्देश जारी किए गया था. हम पूरी तरह से सचेत हैं. जो हम कर सकते हैं वह सब कुछ किया जाएगा और किया भी जाना चाहिए. यदि कोई दिक्कत है तो उसे सरकार के नोटिस में लाया जाना चाहिए और यह किया जाना चाहिए. अध्यादेश लाया गया है.'

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इस पर पीठ ने यह भी पूछा है कि अस्पताल के पास अन्य स्थानों पर यह सुविधा दी जा सकती है.

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यह एक अच्छा सुझाव है और इस पर विचार किया जाएगा. पीठ ने उन्हें एक सप्ताह में केंद्र से निर्देंश लाने के लिए कहा है.

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