चेन्नई: अभिनेता रजनीकांत ने गुरुवार को कहा कि किडनी का प्रतिरोपण कराने और कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर डॉक्टरों ने उन्हें राजनीति में प्रवेश नहीं करने की सलाह दी है. रजनीकांत ने कहा कि वह अपने संगठन ‘मंदरम’ के पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर उपयुक्त समय पर घोषणा करेंगे कि वह राजनीति में प्रवेश करेंगे या नहीं.
ट्विटर हैंडल पर दी सफाई
सुपरस्टार रजनीकांत ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि सोशल मीडिया पर आए एक बयान को उन्होंने जारी नहीं किया था, जिसमें संकेत दिया गया कि वह अपनी स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए राजनीति में प्रवेश करने पर फिर से विचार कर सकते हैं. हालांकि, अभिनेता ने कहा कि उनके स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जानकारी और डॉक्टरों द्वारा उनको दी गयी सलाह से संबंधित सूचना ‘सही थी.’
70 साल की उम्र में खतरा ज्यादा
दक्षिण भारत सिनेमा के सुपरस्टार ने कहा कि हर कोई जानता है कि यह मेरा बयान नहीं था. हालांकि मेरे स्वास्थ्य की स्थिति और डॉक्टरों की मुझे दी गई सलाह के बारे में सूचना सही थी. कथित ‘बयान’ में कहा गया था वर्ष 2016 में किडनी प्रतिरोपण कराने और कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के कारण डॉक्टरों ने रजनीकांत को राजनीति में प्रवेश नहीं करने की सलाह दी है. 'बयान’ में कहा गया डॉक्टरों ने उन्हें यह सलाह तब दी जब उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने के बारे में उनकी राय मांगी थी. बयान के मुताबिक डॉक्टरों ने उनसे कहा कि अब आप 70 साल के हो गए हैं. किडनी प्रतिरोपण के कारण दूसरों की तुलना में आपके शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र थोड़ा कमजोर हो गया है. इसलिए कोरोना वायरस से संक्रमित होने का काफी खतरा है.
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तमिलनाडु में लाना चाहते हैं राजनीतिक क्रांति
इन पहलुओं को देखते हुए डॉक्टरों ने रजनीकांत को महामारी के इन दिनों में राजनीति से दूर रहने की सलाह दी. बयान में कहा गया था कि उन्होंने किडनी से संबंधित दिक्कतों के समाधान के लिए 2011 में सिंगापुर के एक अस्पताल में उपचार कराया था और बाद में मई 2016 में अमेरिका के एक अस्पताल में किडनी प्रतिरोपण कराया. अभिनेता द्वारा ‘मंदरम’ संगठन की शुरुआत को राजनीति में प्रवेश से पहले की तैयारी के तौर पर देखा गया था. अभिनेता ने कहा था कि वह तमिलनाडु में राजनीतिक क्रांति लाना चाहते हैं और मुख्यमंत्री बनने की उनकी इच्छा नहीं है.