हैदराबाद : नई दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात का धार्मिक आयोजन अब कोरोना वायरस का सुपर स्प्रेडर (सामूहिक संक्रमण) बन गया है.
सुपर स्प्रेडर क्या है:-
किसी भी महामारी के दौरान जब एक रोगी बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित करता है तो उसे सुपर-स्प्रेडर कहा जाता है. हालांकि कुछ लोग अनजाने में इसकी पहचान नहीं कर पाते हैं, फिर भी वह अंततः रोग फैलाने में मुख्य कारक बनते हैं.
कुछ रोग वाहक दो या तीन से अधिक से व्यक्तियों को संक्रमित करते हैं, लेकिन सुपर-स्प्रेडर अपने संपर्क द्वारा 100 या 1,000 से भी अधिक संक्रमित हो सकते हैं.
सुपर स्प्रेडर्स का रिकॉर्ड
सुपर-स्प्रेडर्स (सामुहिक संक्रमण) 'शब्दावली' 1900 के दशक की शुरुआत में आया था, जब एक महिला ने टाइफाइड से 51 लोगों को संक्रमित किया था. आयरिश कुक मैरी मेलन (1869-1938), का उपनाम 'टाइफाइड मैरी' रख दिया गया था, क्योंकि सैकड़ों लोगों को उनके संपर्क में आने पर टाइफाइड बुखार हो गया था.
टाइफाइड मैरी ने निर्वासन में दशकों का समय बिताया, जब तक वह मर नहीं गई. वह इस बात से अनभिज्ञ थीं कि वह जीवाणु संक्रमण फैला रही हैं और 1907 में वह संयुक्त राज्य में पहली शख्स थीं जिसे टाइफाइड रोग से जुड़े बैक्टीरिया के वाहक के रूप में पहचाना गया था.
• तब तक दुर्भाग्य से कई लोगों में टाइफाइड फैल चुका था, जिससे कई मौतें हुईं.
• 1998 में फिनलैंड के एक हाई स्कूल में एक छात्र ने 22 अन्य लोगों को खसरे से संक्रमित किया, हालांकि उनमें से आठ को टीका लगाया गया.
• माना जाता है कि दो लोगों ने 1995 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में इबोला के साथ 50 अन्य लोगों को संक्रमित किया है.
• 2002-03 सरस महामारी में ज्यादातर लोग बहुत संक्रामक नहीं थे, लेकिन सिंगापुर में कुछ सुपर-स्प्रेडर ने वायरस को 10 से अधिक लोगों तक पहुंचाया.
दुनियाभर में सुपर स्प्रेडर्स के ऐसे तमाम उदाहरण हैं, जिन्होंने कोरोना वायरस को फैलाया है. कुछ देशों में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है.
दक्षिण कोरिया के सुपर स्प्रेडर की पहचान 'सुपर 31' के रूप किया गया. यह स्प्रेडर- एक फ्रिंज चर्च का एक सदस्य था, जोकि कथित तौर पर देश में कोरोना वायरस की मामलों में बढ़ोतरी का कारण बना. रोगी-31 ने दक्षिण कोरिया में बड़े पैमाने पर यात्रा की. यहां तक कि डॉक्टरों ने संक्रमित होने के बाद उसे सुझाव दिया था कि वह खुद को अलग रखे.
कोरियन सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (KCDC) ने पाया कि अंततः उसने लगभग 1,160 लोगों के साथ संपर्क किया. इससे एक दिन में दक्षिण कोरिया में संक्रमण का विस्फोटक वृद्धि देखा गया.
इटली के अधिकारियों का मानना है कि देश में अभी भी एक सुपरस्प्रेडर इसका स्रोत बना देश में घूम रहा है. कोविड-19 के मामलों में सबसे बड़ी छलांग लोम्बार्डी में दर्ज की गई, जोकि वित्तीय राजधानी मिलान में है. इसमें लगभग 100 पुष्ट मामले सामने आए. कोरोना वायरस से संक्रमित रोगी शून्य, जैसा कि वे उस व्यक्ति को उपनाम दिए हैं वह अज्ञात है.
यूके (ब्रिटेन)- स्टीव वॉल्श कोरोना वायरस सुपर स्प्रेडर्स के बीच अब तक का सबसे हाई प्रोफाइल मामला है. यह माना जा रहा है कि वाल्श सिंगापुर में वायरस से संक्रमित था. फिर भी उसने लंबी यात्रा की और रास्ते में लगभग 11 लोगों को संक्रमित किया. वह ठीक हो गया, लेकिन 11 अन्य लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित कराने में वह भी मुख्य कारण रहा.
भारत में सुपर स्प्रेडर्स
मुंबई, महाराष्ट्र
मुंबई में एक 65 वर्षीय महिला मार्केट में दोपहर का भोजन किया. इसका बाद में कोविड-19 का सकारात्मक परीक्षण आया. उसके पूरे परिवार और सैकड़ों लोग जिसने साथ में दोपहर का भोजन किया था. उन्हें क्वारंटाइन कस्तूरबा अस्पताल में किया गया.
दिल्ली
पूर्वी दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक (स्थानीय क्लिनिक) का एक डॉक्टर सऊदी अरब से लौटे एक कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आया, जिसके बाद डॉक्टर के साथ प्राथमिक संपर्क में आए सौ लोग फिलहाल क्वारंटाइन में हैं और उनका परीक्षण किया जा रहा है.
भीलवाड़ा, राजस्थान
भीलवाड़ा में एक डॉक्टर, जिसने कथित तौर पर सऊदी अरब से आए रिश्तेदारों को रखा था. डॉक्टर कोरोना जांच में पॉजिटिव आया. डॉक्टर ने उसी अस्पताल में 16 अन्य लोगों को संक्रमित किया, जहां उसने काम किया था. डॉक्टर के साथ प्राथमिक संपर्क में आए 8,000 से अधिक लोग अब क्वारंटाइन में हैं.
पंजाब
पंजाब के नवांशहर जिले के निवासी बलदेव सिंह गुरुद्वारा के ग्रन्थि (उपदेशक) थे. उन्होंने पड़ोसी गांव के अपने दो साथियों के साथ जर्मनी और इटली की धार्मिक यात्रा की थी. वह सात मार्च को भारत लौटे थे.
उन्होंने भारत लौटने के बाद क्वारंटाइन के आदेश का उल्लंघन किया. उन्होंने हजारों लोगों के उत्सव में भाग लिया और आशीर्वाद देने के लिए घरों का दौरा किया. पंजाब में 33 मामलों में से 32 सीधे सिंह से जुड़े है. अब सिंह को भारत का सुपर स्प्रेडर कहा जा रहा है.
तबलीगी जमात निजामुद्दीन, दिल्ली
मार्च के पहले सप्ताह में तबलीगी जमात ने नई दिल्ली मुख्यालय में एक धार्मिक मण्डली का आयोजन किया. यहां 1,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया. वरिष्ठ प्रचारकों सहित कुछ प्रतिभागी सऊदी अरब, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों से आए थे, जहां कोविड-19 पहले ही फैल चुका था. तबलीगी जमात मण्डली से जुड़े कई लोग, जो दिल्ली के निजामुद्दीन में थे. इनमें कोरोनो वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण आया है. इस घटना से संबंधित लोगों की छह मौतें 31.03.2020 को तेलंगाना में हुई थीं. इस आयोजन के बाद मकरज के लोग विभिन्न राज्यों के लिए प्रस्थान किया है. इनमें से कुछ में बाद में कोविड-19 के लक्षण देखे गए. जमात में शामिल हुए जम्मू-कश्मीर के निवासी 65 वर्षीय व्यक्ति का गुरुवार को निधन हो गया. तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल, पश्चिम बंगाल राज्यों के लोग इस जमात में आए थे.