लखनऊ : राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में प्रमुख मुस्लिम पक्षकार रहे उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की मंगलवार को महत्वपूर्ण बैठक होगी. बैठक में अयोध्या मसले पर उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले के अनुपालन पर विस्तृत चर्चा होगी.
सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूकी ने सोमवार को बताया कि बोर्ड की बैठक में अन्य सामान्य कार्यों के अलावा अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का अनुपालन कैसे किया जाए, इस पर भी चर्चा होगी.
जफर फारूकी ने बताया कि बैठक में इस बात पर विचार-विमर्श होगा कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए या नहीं और मस्जिद के बदले जमीन देने के अदालत के आदेश पर क्या कदम उठाया जाए.
हालांकि खुद फारूकी पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से यह कहते हुए पहले ही मना कर चुके हैं कि वह बोर्ड के फैसले खुद ही लेने को स्वतंत्र हैं. लेकिन यदि बोर्ड के किसी सदस्य को इस पर ऐतराज है तो वह 26 नवम्बर की बैठक में अपनी बात रख सकता है.
फारूकी ने स्पष्ट किया कि बैठक के बाद कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं होगी. मीडिया को विज्ञप्ति के जरिये जानकारी दी जाएगी.'
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मालूम हो कि अयोध्या मामले में गत नौ नवम्बर को उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष पीठ ने विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था.
सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष फारूकी उसी दिन से कह रहे हैं कि बोर्ड न्यायालय के निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा.
अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष का संरक्षण कर रहे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने गत 17 नवम्बर को अपनी वर्किंग कमेटी की आपात बैठक में न्यायालय के निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने और मस्जिद के बदले कहीं भी जमीन न लेने का फैसला करते हुए उम्मीद जाहिर की थी कि सुन्नी वक्फ बोर्ड भी उसके फैसले का सम्मान करेगा. लेकिन फारूकी ने तब भी कहा था कि वह याचिका न दाखिल करने के अपने फैसले पर कायम हैं.