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झारखंड : CEC सुनील अरोरा बोले- वामपंथी उग्रवाद के आधार पर पांच चरण में चुनाव

अपने 2 दिनों के दौरे के संबंध में मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि पहले दिन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ उनकी बैठक हुई और दलों ने अपनी-अपनी बातें रखीं. केंद्र सरकार के एक उपक्रम में 47 पदों पर नियुक्ति संबंधी शिकायत पर उन्होंने कहा कि इस पर कार्रवाई की जा रही है और दिल्ली पहुंचते ही उस पर रिपोर्ट आते ही कार्रवाई की जाएगी.

सुनील अरोरा
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Published : Nov 22, 2019, 12:00 AM IST

रांची : ईटीवी भारत के सावाल पर देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि वामपंथ उग्रवाद को लेकर प्रशासनिक महकमे से मिली जानकारी के बाद राज्य में 5 चरण में चुनाव कराए जाने का फैसला लिया गया है. पांच चरण में चुनाव के सवाल पर अरोड़ा ने कहा कि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में यह स्पष्ट है कि प्रदेश के 24 में से 19 जिले नक्सल प्रभावित है. इसके साथ ही उन 19 में 13 अति नक्सल प्रभावित कैटेगरी में आते हैं.

स्पेशल असिस्टेंस में 775 करोड़ रुपए खर्च किए गए
सुनील अरोड़ा ने कहा कि देश में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए स्पेशल असिस्टेंस के मद में 775 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जिनमें झारखंड में अब तक 340 करोड़ और छत्तीसगढ़ को 200 करोड़ रुपए शामिल है. उन्होंने बताया कि यह आंकड़े पब्लिक डोमेन में साफ तौर पर रखे हुए हैं और कोई भी नहीं देख सकता है. संसद में सरकार द्वारा नक्सलियों के गतिविधि पर 45% लगाम लगाने के वक्तव्य पर उन्होंने कहा कि आयोग आंकड़ों के अनुसार अपनी बात रखता है और गृह मंत्रालय के आंकड़े में साफ लिखा है.

मीडिया को जानकारी देते सुनील अरोरा

राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि के साथ बैठक
अपने 2 दिनों के दौरे के संबंध में उन्होंने बताया कि पहले दिन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ उनकी बैठक हुई और दलों ने अपनी-अपनी बातें रखी. केंद्र सरकार के एक उपक्रम में 47 पदों पर नियुक्ति संबंधी शिकायत पर उन्होंने कहा कि इस पर कार्रवाई की जा रही है और दिल्ली पहुंचते ही उस पर रिपोर्ट आते ही कार्रवाई की जाएगी.

गंभीरता से देखा जाएगा वन अधिकार संशोधन अधिनियम
झारखंड मुक्ति मोर्चा की वन अधिकार संशोधन अधिनियम को लेकर उठाई बातों पर उन्होंने कहा कि इस पर भी अधिकारियों को रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया है. उसकी सारी प्रक्रिया पूरी कर इस मामले को भी गंभीरता से देखा जाएगा. चुनाव से जुड़ी तैयारियों को लेकर संतुष्टि व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह का प्रेजेंटेशन उनके समक्ष किया गया है उससे वह काफी संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा कि दिव्यांग और 80 साल से ऊपर के मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट व्यवस्था सात विधानसभा इलाकों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा. वहीं, गैर सरकारी संगठनों की फंडिंग को लेकर गृह मंत्रालय की गाइडलाइन बनी हुई है और उसी आधार पर काम किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि 2 दिनों की लगातार बैठकों में पहले दिन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से उनकी मुलाकात हुई. उसके बाद जिले के पुलिस अधीक्षकों समेत वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की गई. वहीं, गुरुवार को केंद्र सरकार के अधीन आयकर, रेलवे, पोस्टल डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ बैठक हुई साथ में स्टेट एक्साइज के अधिकारियों से भी फीडबैक लिया गया.

मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ भी बैठक
गुरुवार को ही मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ भी उनकी बैठक हुई है. बता दें कि चुनावों की घोषणा के पहले 17-18 अक्टूबर को 2 दिनों के दौरे पर चुनाव आयोग की टीम आई थी. उसके बाद 22-23 अक्टूबर को दिल्ली में झारखंड के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी. उन्होंने बताया कि देश के पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त अशोक कुमार सेन की याद में सालाना एक लेक्चर आयोजित किया जाएगा. यह संभवतः जनवरी में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के पहले आयोजित होगा. इस लेक्चर में लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन से जुड़े अति विशिष्ट अनुभूति को बुलाया जाएगा. इसके साथ ही पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन सेशन की याद में भी इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डेमोक्रेटिक मैनेजमेंट में एक मानद चेयर का गठन किया जाएगा और वहां मार्च 2020 से एकेडमिक सेशन शुरू होगा.

रांची : ईटीवी भारत के सावाल पर देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि वामपंथ उग्रवाद को लेकर प्रशासनिक महकमे से मिली जानकारी के बाद राज्य में 5 चरण में चुनाव कराए जाने का फैसला लिया गया है. पांच चरण में चुनाव के सवाल पर अरोड़ा ने कहा कि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में यह स्पष्ट है कि प्रदेश के 24 में से 19 जिले नक्सल प्रभावित है. इसके साथ ही उन 19 में 13 अति नक्सल प्रभावित कैटेगरी में आते हैं.

स्पेशल असिस्टेंस में 775 करोड़ रुपए खर्च किए गए
सुनील अरोड़ा ने कहा कि देश में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए स्पेशल असिस्टेंस के मद में 775 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जिनमें झारखंड में अब तक 340 करोड़ और छत्तीसगढ़ को 200 करोड़ रुपए शामिल है. उन्होंने बताया कि यह आंकड़े पब्लिक डोमेन में साफ तौर पर रखे हुए हैं और कोई भी नहीं देख सकता है. संसद में सरकार द्वारा नक्सलियों के गतिविधि पर 45% लगाम लगाने के वक्तव्य पर उन्होंने कहा कि आयोग आंकड़ों के अनुसार अपनी बात रखता है और गृह मंत्रालय के आंकड़े में साफ लिखा है.

मीडिया को जानकारी देते सुनील अरोरा

राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि के साथ बैठक
अपने 2 दिनों के दौरे के संबंध में उन्होंने बताया कि पहले दिन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ उनकी बैठक हुई और दलों ने अपनी-अपनी बातें रखी. केंद्र सरकार के एक उपक्रम में 47 पदों पर नियुक्ति संबंधी शिकायत पर उन्होंने कहा कि इस पर कार्रवाई की जा रही है और दिल्ली पहुंचते ही उस पर रिपोर्ट आते ही कार्रवाई की जाएगी.

गंभीरता से देखा जाएगा वन अधिकार संशोधन अधिनियम
झारखंड मुक्ति मोर्चा की वन अधिकार संशोधन अधिनियम को लेकर उठाई बातों पर उन्होंने कहा कि इस पर भी अधिकारियों को रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया है. उसकी सारी प्रक्रिया पूरी कर इस मामले को भी गंभीरता से देखा जाएगा. चुनाव से जुड़ी तैयारियों को लेकर संतुष्टि व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह का प्रेजेंटेशन उनके समक्ष किया गया है उससे वह काफी संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा कि दिव्यांग और 80 साल से ऊपर के मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट व्यवस्था सात विधानसभा इलाकों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा. वहीं, गैर सरकारी संगठनों की फंडिंग को लेकर गृह मंत्रालय की गाइडलाइन बनी हुई है और उसी आधार पर काम किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि 2 दिनों की लगातार बैठकों में पहले दिन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से उनकी मुलाकात हुई. उसके बाद जिले के पुलिस अधीक्षकों समेत वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की गई. वहीं, गुरुवार को केंद्र सरकार के अधीन आयकर, रेलवे, पोस्टल डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ बैठक हुई साथ में स्टेट एक्साइज के अधिकारियों से भी फीडबैक लिया गया.

मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ भी बैठक
गुरुवार को ही मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ भी उनकी बैठक हुई है. बता दें कि चुनावों की घोषणा के पहले 17-18 अक्टूबर को 2 दिनों के दौरे पर चुनाव आयोग की टीम आई थी. उसके बाद 22-23 अक्टूबर को दिल्ली में झारखंड के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी. उन्होंने बताया कि देश के पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त अशोक कुमार सेन की याद में सालाना एक लेक्चर आयोजित किया जाएगा. यह संभवतः जनवरी में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के पहले आयोजित होगा. इस लेक्चर में लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन से जुड़े अति विशिष्ट अनुभूति को बुलाया जाएगा. इसके साथ ही पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन सेशन की याद में भी इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डेमोक्रेटिक मैनेजमेंट में एक मानद चेयर का गठन किया जाएगा और वहां मार्च 2020 से एकेडमिक सेशन शुरू होगा.

Intro:इससे जुड़ा वीडियो लाइव व्यू से गया है

रांची। देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि गुरुवार को वामपंथ उग्रवाद को लेकर प्रशासनिक महकमे से मिली जानकारी के बाद राज्य में 5 चरण में चुनाव कराए जाने का फैसला लिया गया है। गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए अरोड़ा ने कहा कि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में यह स्पष्ट है कि प्रदेश के 24 से में से 19 जिले नक्सल प्रभावित है। साथ ही उन 19 में 13 अति नक्सल प्रभावित कैटिगरी में आते हैं। उन्होंने कहा कि देश में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए स्पेशल असिस्टेंस के मद में 775 करोड रुपए खर्च किए गए हैं। जिनमें झारखंड में अब तक 340 करोड़ और छत्तीसगढ़ को 200 करोड़ रुपए शामिल हैI उन्होंने बताया कि यह आंकड़े पब्लिक डोमेन में साफ तौर पर रखे हुए हैं और कोई भी नहीं देख सकता है।


Body:संसद में सरकार द्वारा नक्सलियों के गतिविधि पर 45% लगाम लगाने के वक्तव्य पर उन्होंने कहा कि आयोग आंकड़ों के अनुसार अपनी बात रखता है और गृह मंत्रालय के आंकड़े में साफ लिखा है।

अपने 2 दिनों के दौरे के संबंध में उन्होंने बताया कि पहले दिन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ उनकी बैठक हुई और दलों ने अपनी अपनी बातें रखी। केंद्र सरकार के एक उपक्रम में 47 पदों पर नियुक्ति संबंधी शिकायत उन्होंने कहा कि इस पर कार्रवाई की जा रही है और दिल्ली पहुंचते ही उस पर एक रिपोर्ट आते की कार्रवाई की जाएगी।
झारखंड मुक्ति मोर्चा की वन अधिकार संशोधन अधिनियम को लेकर उठाई बातों पर उन्होंने कहा कि इस पर भी अधिकारियों को रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया है। उसकी सारी प्रक्रिया पूरी कर इस मामले को भी गंभीरता से देखा जाएगा।

चुनाव से जुड़ी तैयारियों को लेकर संतुष्टि व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह का प्रेजेंटेशन उनके समक्ष किया गया है उससे वह काफी संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग और 80 साल से ऊपर के प्रति मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट व्यवस्था सात विधानसभा इलाकों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा। वही गैर सरकारी संगठनों की फंडिंग को लेकर गृह मंत्रालय की गाइडलाइन बनी हुई है और उसी आधार पर काम किया जाएगा।


Conclusion:उन्होंने बताया कि 2 दिनों की लगातार बैठकों में पहले दिन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से उनकी मुलाकात हुई।उसके बाद जिले के पुलिस अधीक्षको समेत वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की गई। वहीं गुरुवार को केंद्र सरकार के अधीन आयकर रेलवे पोस्टल डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। साथ में स्टेट एक्साइज के अधिकारियों से भी फीडबैक लिया गया।
गुरुवार को ही मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ भी उनकी बैठक हुई है। बता दें कि चुनावों की घोषणा के पहले 17-18 अक्टूबर को 2 दिनों के दौरे पर चुनाव आयोग की टीम आई थी। उसके बाद 22-23 अक्टूबर को दिल्ली में झारखंड के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी
उन्होंने बताया कि देश के पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त अशोक कुमार सेन की याद में सालाना एक लेक्चर आयोजित किया जाएगा। यह संभवतः जनवरी में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के पहले आयोजित होगा। इस लेक्चर में लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन से जुड़े अति विशिष्ट अनुभूति को बुलाया जाएगा। साथ ही पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन सेशन की याद में भी इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डेमोक्रेटिक मैनेजमेंट में एक मानद चेयर का गठन किया जाएगा और वहां मार्च 2020 से एकेडमिक सेशन शुरू होगा।
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