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यूएन से सम्मान मिलने के बाद मेजर सुमन ने कहा-'दक्षिण सूडान भेजने के लिए देश की शुक्रगुजार'

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से सम्मान मिलने के बाद मेजर सुमन गवानी ने कहा, 'मैं सम्मानित और गौरवान्वित महसूस करतr हूं कि मुझे यह अवसर दिया गया है और इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है.' मेजर सुमन ने कहा कि यह पुरस्कार मिलना एक बड़ी जिम्मेदारी भी है. उन्होंने कहा कि इस तरह के नेक काम के लिए मुझे दक्षिण सूडान भेजने के लिए मैं अपने देश की शुक्रगुजार हूं.'

major suman
मेजर सुमन गवानी
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Published : May 31, 2020, 7:28 AM IST

नई दिल्ली : उत्तराखंड के टिहरी की रहने वाली सुमन गवानी ने देश का नाम रोशन किया है. सुमन को संयुक्त राष्ट्र संघ में सैन्य जेंडर एडवोकेट अवॉर्ड से नवाजा गया है. इस अवॉर्ड के मिलने की खुशी उनके माता-पिता सहित सभी देशवासियों में हैं.

यूएन से सम्मान मिलने के बाद मेजर सुमन

सुमन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा, 'जब मैं दक्षिण सूडान में एक सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा कर रही थी, तो मैं ऐसी कई महिलाओं और बच्चों से मिली, जिन्हें अपने अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं थी.' सुमन ने बताया कि सूडान में संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा से संबंधित अत्याचार बहुत अधिक हैं. हमारा बल विशेष रूप से संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा (CRSV) पर एक कार्य योजना लॉन्च करना चाहता था और चाहता था कि दक्षिण सूडानी सरकार इस तरह की कार्य योजना लॉन्च करे.

यह भी पढ़ें: यूएन सैन्य जेंडर एडवोकेट सम्मान पाने वाली पहली भारतीय मेजर सुमन के परिवार से बातचीत

उन्होंने बताया, 'मैंने दक्षिण सूडान के सरकारी बलों को प्रशिक्षित करने के लिए चुना और उन्हें सीआरएसवी पर अपनी कार्य योजना शुरू करने में मदद की, क्योंकि मैं ऐसे लोगों से मिली, जिनके पास अपने अधिकारों की बुनियादी समझ का अभाव है.'

नई दिल्ली : उत्तराखंड के टिहरी की रहने वाली सुमन गवानी ने देश का नाम रोशन किया है. सुमन को संयुक्त राष्ट्र संघ में सैन्य जेंडर एडवोकेट अवॉर्ड से नवाजा गया है. इस अवॉर्ड के मिलने की खुशी उनके माता-पिता सहित सभी देशवासियों में हैं.

यूएन से सम्मान मिलने के बाद मेजर सुमन

सुमन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा, 'जब मैं दक्षिण सूडान में एक सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा कर रही थी, तो मैं ऐसी कई महिलाओं और बच्चों से मिली, जिन्हें अपने अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं थी.' सुमन ने बताया कि सूडान में संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा से संबंधित अत्याचार बहुत अधिक हैं. हमारा बल विशेष रूप से संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा (CRSV) पर एक कार्य योजना लॉन्च करना चाहता था और चाहता था कि दक्षिण सूडानी सरकार इस तरह की कार्य योजना लॉन्च करे.

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उन्होंने बताया, 'मैंने दक्षिण सूडान के सरकारी बलों को प्रशिक्षित करने के लिए चुना और उन्हें सीआरएसवी पर अपनी कार्य योजना शुरू करने में मदद की, क्योंकि मैं ऐसे लोगों से मिली, जिनके पास अपने अधिकारों की बुनियादी समझ का अभाव है.'

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