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राजस्थान : कोविड-19 ट्रांसमिशन पर डॉक्टरों का नया खुलासा

राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज और जेकेलोन हॉस्पिटल की ओर से बच्चों में कोविड-19 के ट्रांसमिशन पर स्टडी के बाद एक खुलासा किया गया है. चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण संपर्क से ही नहीं बल्कि अन्य तरीकों से भी फैल सकता है. जानें क्या कहता है शोध...

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Published : May 30, 2020, 2:46 PM IST

जयपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज और जेकेलोन हॉस्पिटल की ओर से बच्चों में कोविड-19 के ट्रांसमिशन पर स्टडी के बाद एक खुलासा किया गया है. इसके तहत अन्य तरीकों से भी कोरोना वायरस का संक्रमण बच्चों और अन्य लोगों में फैल रहा है. हालांकि, अभी तक सबसे अधिक मामले बच्चों के ही देखने को मिले हैं.

बता दें कि सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज और जेके लोन अस्पताल ने हाल ही में बच्चों में कोविड-19 के ट्रांसमिशन को लेकर एक स्टडी की है. ऐसा इसलिए क्योंकि जितने भी बच्चे अभी तक इस वायरस के शिकार हुए हैं, उनमें से किसी भी बच्चे की कोई ट्रैवल हिस्ट्री सामने नहीं आई है.

देखें ईटीवी भारत की रिपोर्ट

चिकित्सकों का कहना है कि इस स्टडी से यह खुलासा हुआ है कि गुदाद्वार और पाचन तंत्र के माध्यम से संक्रमण का प्रसार हो रहा है और यह संक्रमण काफी घातक बताया जा रहा है. वहीं, अभी तक इसके कारण तीन बच्चों की मौत का दावा भी किया गया है.

71 बच्चों में पाया गया कोरोना वायरस

जयपुर की बात करें तो अब तक 71 बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण देखने को मिले हैं. इसमें 40 लड़के और 31 लड़कियां शामिल हैं.

इनमें एक न्यूबॉर्न, एक से छह माह का एक बच्चा, एक से तीन साल तक के छह बच्चे, तीन से छह साल के पांच बच्चे, छह से 10 साल के 24 और 10 साल से ज्यादा के 34 बच्चे और एक अन्य शामिल हैं.

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संबंधित जानकारी

इन बच्चों को लेकर जब स्टडी की गई तो पाया गया कि इनमें से किसी भी बच्चे कि कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है.

इनमें से 70 बच्चे तो ऐसे हैं, जिनके परिवार में किसी को संक्रमण हुआ जिससे यह बच्चे संक्रमित हुए. वहीं 59 बच्चे ऐसे थे जिनमें वायरस तो था लेकिन लक्षण दिखाई नहीं दे रहे थे और अन्य 12 बच्चों में कोरना के लक्षण दिखाई दे रहे थे.

स्वच्छता से ही बचाव

जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक गुप्ता का कहना है कि यह शोध सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज और जेके लोन हॉस्पिटल की ओर से किया गया है.

यहां यह सामने आया है कि संपर्क से ही नहीं बल्कि अन्य तरीकों से भी कोविड-19 का संक्रमण फैल सकता है और स्वच्छता ही इस संक्रमण से बचा जा सकती है.

डॉ. गुप्ता ने यह भी कहा कि यह शोध आने वाले समय में काफी मददगार भी साबित होगा. इससे पता लग सकेगा कि अन्य किन तरीकों से इस वायरस का फैलाव संभव है.

जयपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज और जेकेलोन हॉस्पिटल की ओर से बच्चों में कोविड-19 के ट्रांसमिशन पर स्टडी के बाद एक खुलासा किया गया है. इसके तहत अन्य तरीकों से भी कोरोना वायरस का संक्रमण बच्चों और अन्य लोगों में फैल रहा है. हालांकि, अभी तक सबसे अधिक मामले बच्चों के ही देखने को मिले हैं.

बता दें कि सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज और जेके लोन अस्पताल ने हाल ही में बच्चों में कोविड-19 के ट्रांसमिशन को लेकर एक स्टडी की है. ऐसा इसलिए क्योंकि जितने भी बच्चे अभी तक इस वायरस के शिकार हुए हैं, उनमें से किसी भी बच्चे की कोई ट्रैवल हिस्ट्री सामने नहीं आई है.

देखें ईटीवी भारत की रिपोर्ट

चिकित्सकों का कहना है कि इस स्टडी से यह खुलासा हुआ है कि गुदाद्वार और पाचन तंत्र के माध्यम से संक्रमण का प्रसार हो रहा है और यह संक्रमण काफी घातक बताया जा रहा है. वहीं, अभी तक इसके कारण तीन बच्चों की मौत का दावा भी किया गया है.

71 बच्चों में पाया गया कोरोना वायरस

जयपुर की बात करें तो अब तक 71 बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण देखने को मिले हैं. इसमें 40 लड़के और 31 लड़कियां शामिल हैं.

इनमें एक न्यूबॉर्न, एक से छह माह का एक बच्चा, एक से तीन साल तक के छह बच्चे, तीन से छह साल के पांच बच्चे, छह से 10 साल के 24 और 10 साल से ज्यादा के 34 बच्चे और एक अन्य शामिल हैं.

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इन बच्चों को लेकर जब स्टडी की गई तो पाया गया कि इनमें से किसी भी बच्चे कि कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है.

इनमें से 70 बच्चे तो ऐसे हैं, जिनके परिवार में किसी को संक्रमण हुआ जिससे यह बच्चे संक्रमित हुए. वहीं 59 बच्चे ऐसे थे जिनमें वायरस तो था लेकिन लक्षण दिखाई नहीं दे रहे थे और अन्य 12 बच्चों में कोरना के लक्षण दिखाई दे रहे थे.

स्वच्छता से ही बचाव

जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक गुप्ता का कहना है कि यह शोध सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज और जेके लोन हॉस्पिटल की ओर से किया गया है.

यहां यह सामने आया है कि संपर्क से ही नहीं बल्कि अन्य तरीकों से भी कोविड-19 का संक्रमण फैल सकता है और स्वच्छता ही इस संक्रमण से बचा जा सकती है.

डॉ. गुप्ता ने यह भी कहा कि यह शोध आने वाले समय में काफी मददगार भी साबित होगा. इससे पता लग सकेगा कि अन्य किन तरीकों से इस वायरस का फैलाव संभव है.

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