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'शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र ही वायरस को कोशिकाओं में घुसने में कर सकता है मदद'

एक अध्ययन में दावा किया गया है, जो यह समझने में मदद कर सकता है क्यों कुछ लोग अन्य के मुकाबले कोविड-19 की चपेट में आने के लिहाज से अधिक संवेदनशील हैं।

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Published : Apr 22, 2020, 6:45 PM IST

बोस्टन : वायरल संक्रमण के खिलाफ मानव शरीर की मुख्य प्रतिरक्षा प्रणालियों में से एक प्रणाली कोरोना वायरस को और अधिक कोशिकाओं को संक्रमित करने में मदद कर सकती है.

पत्रिका सेल में प्रकाशित अध्ययन में एकल-कोशिका आरएनए अनुक्रम का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें यह पहचान की गई है कि किसी एक कोशिका में अनुमानित 20,000 जीन में कितने मौजूद होते हैं और इसमें पाया गया कि मानव श्वसन तंत्र और आंतों की कोशिकाओं की एक छोटी सी संख्या प्रोटीन बनाती है, जो विषाणु को मनुष्य कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है.

अमेरिका में बोस्टन चिल्ड्रेंस अस्पताल के अध्ययन के सह-लेखक जोस ओर्डोवास मोंटानिस ने कहा, 'हमने लक्षणों के आधार पर और जहां विषाणु का पता चला, वहां नाक के छिद्र, फेफड़ों और उदर की परत जैसे ऊतकों की कोशिकाओं का अध्ययन शुरू किया.'

मौजूदा अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह पाया कि कोशिकाओं का एक छोटा-सा हिस्सा या 10 प्रतिशत से कम हिस्सा ही एसीई2 और टीएमपीआरएसएस2 रिसेप्टर बनाते हैं, जो वायरस को शरीर में मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करते हैं.

बोस्टन : वायरल संक्रमण के खिलाफ मानव शरीर की मुख्य प्रतिरक्षा प्रणालियों में से एक प्रणाली कोरोना वायरस को और अधिक कोशिकाओं को संक्रमित करने में मदद कर सकती है.

पत्रिका सेल में प्रकाशित अध्ययन में एकल-कोशिका आरएनए अनुक्रम का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें यह पहचान की गई है कि किसी एक कोशिका में अनुमानित 20,000 जीन में कितने मौजूद होते हैं और इसमें पाया गया कि मानव श्वसन तंत्र और आंतों की कोशिकाओं की एक छोटी सी संख्या प्रोटीन बनाती है, जो विषाणु को मनुष्य कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है.

अमेरिका में बोस्टन चिल्ड्रेंस अस्पताल के अध्ययन के सह-लेखक जोस ओर्डोवास मोंटानिस ने कहा, 'हमने लक्षणों के आधार पर और जहां विषाणु का पता चला, वहां नाक के छिद्र, फेफड़ों और उदर की परत जैसे ऊतकों की कोशिकाओं का अध्ययन शुरू किया.'

मौजूदा अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह पाया कि कोशिकाओं का एक छोटा-सा हिस्सा या 10 प्रतिशत से कम हिस्सा ही एसीई2 और टीएमपीआरएसएस2 रिसेप्टर बनाते हैं, जो वायरस को शरीर में मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करते हैं.

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