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CAA प्रदर्शन : यूपी पुलिस की बर्बरता शर्मनाक, न्यायिक जांच की मांग - पुलिस की बर्बरता को बताया शर्मनाक

CAA और NRC के खिलाफ हुए प्रदर्शन में हुई हिंसा को लेकर भारत के एक दर्जन से ज्यादा विश्वविद्यालयों के छात्रों ने यूपी के विभिन्न शहरों का दौरा किया. साथ ही उन्होंने अपने अनुभवों को भी व्यक्त किया. जानें विस्तार से...

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छात्रों ने पुलिस की बर्बरता को बताया शर्मनाक
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Published : Jan 23, 2020, 9:27 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 4:12 AM IST

नई दिल्ली : CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन में हुई हिंसा को लेकर भारत के एक दर्जन से ज्यादा विश्वविद्यालयों के छात्रों ने यूपी के विभिन्न शहरों का दौरा किया. साथ ही पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों और लाठीचार्ज में हुए घायलों से मुलाकात की.

न्यायिक जांच की मांग
राजधानी के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेस वार्ता के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, आईआईटी दिल्ली, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय और दूसरे विश्वविद्यालय के छात्रों ने यूपी पुलिस की बर्बरता को शर्मनाक बताते हुए इसकी न्यायिक जांच की मांग की.

पुलिस ने ही सरकारी संपत्ति को पहुंचाया नुकसान
इस मौके पर डीयू की छात्रा अनन्या भारद्वाज ने बताया, 'हमारी टीम ने मेरठ के विभिन्न इलाकों का दौरा किया था, जिसमें पाया के लोगों में अब तक डर और खौफ है. करीब 240 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. हमने देखा कि यूपी पुलिस ने ही बहुत सी सरकारी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाया और इल्जाम प्रदर्शनकारियों पर लगा दिया.'

यूपी पुलिस की बर्बरता को लेकर दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र.

उन्होंने अफसोस के साथ बताया कि राष्ट्रपति से सम्मानित टीचर को भी यूपी पुलिस ने लाठी और डंडों से पीटा और मदरसे के बच्चों को जानवरों की तरह से मारा-पीटा. उनकी गलती यह थी के वे सड़कों पर उतर कर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे.

इसे भी पढ़ें- सीएए के नाम पर देश को बांटने की कोशिश कर रही केंद्र सरकार : दिग्विजय सिंह

पुलिस की गुंडागर्दी शर्मनाक
आईआईएमसी के छात्र आकाश पांडे ने बताया प्रिंट मीडिया फर्जी खबरें छाप कर पुलिस को खुश कर रहा है. जबकि वहां पुलिस की जो गुंडागर्दी हुई है, वह सबने देखी है. यूपी पुलिस द्वारा की गई गुंडागर्दी निंदनीय है.

उन्होंने बताया, 'हमारी टीम फिरोजाबाद गई थी, जहां हमने बहुत से घायलों से मुलाकात की. मगर उनमें पुलिस का इतना ज्यादा डर था कि वे कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि पुलिस उनके खिलाफ एफआईआर न दर्ज कर दे.'

तिरंगा लेकर प्रदर्शन करने वालों को गद्दार बताना अफसोसनाक
सुधांशु ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस की कार्रवाई अफसोसनाक है, जो लोग कानून की कॉपियां और तिरंगा लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, उन्हें गद्दार बताया गया यह शर्मनाक है.

उन्होंने कहा, 'आज हमें ऐसे समाज को तैयार करने की जरूरत है, जो अल्पसंख्यकों, दलितों और आदिवासियों ks हो रहे अत्याचारों पर आवाज बुलंद करें.'

नई दिल्ली : CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन में हुई हिंसा को लेकर भारत के एक दर्जन से ज्यादा विश्वविद्यालयों के छात्रों ने यूपी के विभिन्न शहरों का दौरा किया. साथ ही पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों और लाठीचार्ज में हुए घायलों से मुलाकात की.

न्यायिक जांच की मांग
राजधानी के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेस वार्ता के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, आईआईटी दिल्ली, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय और दूसरे विश्वविद्यालय के छात्रों ने यूपी पुलिस की बर्बरता को शर्मनाक बताते हुए इसकी न्यायिक जांच की मांग की.

पुलिस ने ही सरकारी संपत्ति को पहुंचाया नुकसान
इस मौके पर डीयू की छात्रा अनन्या भारद्वाज ने बताया, 'हमारी टीम ने मेरठ के विभिन्न इलाकों का दौरा किया था, जिसमें पाया के लोगों में अब तक डर और खौफ है. करीब 240 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. हमने देखा कि यूपी पुलिस ने ही बहुत सी सरकारी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाया और इल्जाम प्रदर्शनकारियों पर लगा दिया.'

यूपी पुलिस की बर्बरता को लेकर दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र.

उन्होंने अफसोस के साथ बताया कि राष्ट्रपति से सम्मानित टीचर को भी यूपी पुलिस ने लाठी और डंडों से पीटा और मदरसे के बच्चों को जानवरों की तरह से मारा-पीटा. उनकी गलती यह थी के वे सड़कों पर उतर कर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे.

इसे भी पढ़ें- सीएए के नाम पर देश को बांटने की कोशिश कर रही केंद्र सरकार : दिग्विजय सिंह

पुलिस की गुंडागर्दी शर्मनाक
आईआईएमसी के छात्र आकाश पांडे ने बताया प्रिंट मीडिया फर्जी खबरें छाप कर पुलिस को खुश कर रहा है. जबकि वहां पुलिस की जो गुंडागर्दी हुई है, वह सबने देखी है. यूपी पुलिस द्वारा की गई गुंडागर्दी निंदनीय है.

उन्होंने बताया, 'हमारी टीम फिरोजाबाद गई थी, जहां हमने बहुत से घायलों से मुलाकात की. मगर उनमें पुलिस का इतना ज्यादा डर था कि वे कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि पुलिस उनके खिलाफ एफआईआर न दर्ज कर दे.'

तिरंगा लेकर प्रदर्शन करने वालों को गद्दार बताना अफसोसनाक
सुधांशु ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस की कार्रवाई अफसोसनाक है, जो लोग कानून की कॉपियां और तिरंगा लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, उन्हें गद्दार बताया गया यह शर्मनाक है.

उन्होंने कहा, 'आज हमें ऐसे समाज को तैयार करने की जरूरत है, जो अल्पसंख्यकों, दलितों और आदिवासियों ks हो रहे अत्याचारों पर आवाज बुलंद करें.'

Intro:उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सी ए आर एन आर सी के खिलाफ हुए प्रदर्शन में हिंसा को लेकर भारत की 1 दर्जन से ज्यादा विश्वविद्यालय के छात्रों ने यूपी के मुख्तलिफ शहरों का दौरा किया और पुलिस के द्वारा की गई गोलीबारी में मारे गए परिजनों और लाठीचार्ज में हुए घायलों से मुलाकात की.
राजधानी के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेस वार्ता के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, आईआईटी दिल्ली, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय और दूसरे विश्वविद्यालय के छात्रों ने यूपी पुलिस की बर्बरता को शर्मनाक बताते हुए न्यायिक जांच की मांग की.


यूपी पुलिस ने ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया

इस मौके पर डीयू की छात्रा अनन्या भारद्वाज ने बताया कि हमारी टीम ने मेरठ के विभिन्न इलाकों का दौरा किया था, जिसमें पाया के लोगों में अभी तक डर और खौफ है, और करीब 240 लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि हमने देखा कि यूपी पुलिस ने ही बहुत सी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, मगर प्रदर्शनकारियों पर इल्जाम लगा दिया. उन्होंने अफसोस के साथ बताया कि राष्ट्रपति से सम्मानित टीचर को भी यूपी पुलिस ने लाठी और डंडों से पीटा और मदरसे के बच्चों को जानवरों की तरह से मारा-पीटा, सिर्फ उनकी गलती यह थी के वह सड़कों पर उतर कर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे.

यूपी. पुलिस की गुंडागर्दी शर्मनाक
आईआईएमसी के छात्र आकाश पांडे ने बताया कि प्रदर्शन करने वाले लोगों को मेंस्ट्रीम मीडिया दंगाई बनाने में लगा हुआ है, वही प्रिंट मीडिया ने फर्जी खबरें छाप कर पुलिस को खुश कर रहा है, जब के जो वहां पुलिस की गुंडागर्दी हुई है वह सब ने देखा है, और यूपी पुलिस के द्वारा की गई गुंडागर्दी निंदनीय है. उन्होंने बताया कि हमारी टीम फिरोजाबाद गई थी जहां हमने बहुत से घायलों से मुलाकात की मगर उनमें पुलिस का इतना ज्यादा डर ऑफ था कि वह कुछ भी बताने से इंकार कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि पुलिस उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज ना कर दे.

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कानून की कापियां और तिरंगा लेकर प्रदर्शन करने वालों को गद्दार बताना अफसोसनाक

सुधांशु ने अफसोस के साथ कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों को पुलिस की कार्रवाई अफसोस नाक है, जो लोग क़ानून की कॉपियां और तिरंगा लेकर प्रदर्शन कर रहे थे उन्हें गद्दार बताया गया यह शर्मनाक है, आज हमें ऐसे समाज को तैयार करने की जरूरत है, जो अल्पसंख्यको दलितों और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों पर आवाज बुलंद करें.Conclusion:बाइट. अनन्या भारद्वाज
छात्र, दिल्ली विश्वविद्यालय

बाइट. सुधांशु
छात्र, जेएनयू

बाइट. आकाश पांडे
छात्र, आईआईएमसी
Last Updated : Feb 18, 2020, 4:12 AM IST
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