चेन्नई : लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ 'हिंसक टकराव' के दौरान भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए, जिसमें तमिलनाडु के रामनाथपुरम के हवलदार पलानी शामिल थे.
पलानी 22 वर्षों से सेना में थे और परिवार के अनुसार अगले साल सेवानिवृत्त होने वाले थे. उनकी पत्नी ने कहा कि वह हमारे नवनिर्मित निवास के गृहप्रवेश समारोह में नहीं शामिल हो सके थे और अब वह हमारे साथ रहने के लिए कभी नहीं आएंगे.
चूंकि उन्हें चीन का सामना करने वाले फॉरवर्ड पोस्ट में रखा गया था, इसलिए वे जून में होने वाले अपने निवास के गृहप्रवेश समारोह में नहीं जा पाए थे. उन्होंने अपने परिवार को बताया कि वह जल्द ही वापस लौटेंगे.
तीन दिन पहले पलानी ने अपनी पत्नी से कहा था कि सीमा की स्थिति में सुधार हो रहा है और चिंता की कोई बात नहीं है.
पलानी के ससुर नचियप्पन ने कहा, 'सुबह 9 बजे, हमारे पास (मुख्यालय से) फोन आया कि मेरे दामाद की सीमा पर टकराव के दौरान मौत हो गई है. हम इस पर विश्वास नहीं कर सके. मैंने पलानी के भाई इथायाकानी से संपर्क किया, जो सेना में हैं. इथायाकानी ने हमें पुष्टि की कि पलानी भारत-चीन सीमा पर मारे गए लोगों में से हैं.'
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नचियप्पन ने कहा कि पलानी का पूरा परिवार उनके वेतन पर निर्भर था और उनके दो बच्चों को अपनी शिक्षा पूरी करना है, इसलिए सरकार को पलानी के बलिदान का सम्मान करना चाहिए.
परिवार को उम्मीद है कि एक-दो जिन में पलानी के शव को अनके गांव में अंतिम संस्कार के लिए ले आया जाएगा. उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा.