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कोरोना को करीब नहीं आने देंगी ये मशीनें, जानिए इसके अविष्कारक

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Published : May 9, 2020, 9:46 PM IST

देहरादून के अभिजीत रॉय ने यूबी लाइट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सैनिटाइजिंग बॉक्स बनाया है. इसमें मात्र 10 मिनट में ही खाने के पैकेट से लेकर कपड़े और दूसरे सामान भी सैनिटाइज हो जाएंगे. वहीं, डीआरडीओ के वैज्ञानिक शब्बीर अहमद ने मिसू (MESU) नाम की मशीन बनाई है.

कोरोना को करीब नहीं आने देंगी ये मशीनें, जानिए इसके अविष्कारक
कोरोना को करीब नहीं आने देंगी ये मशीनें, जानिए इसके अविष्कारक

देहरादूनः इंसानी सुरक्षा और सहूलियतों के लिए अविष्कार हमेशा जरूरी रहे हैं. कोरोना काल में भी जहां दुनिया वायरस से खौफजदा है तो वहीं, इससे बचाव और वैक्सीन को लेकर तमाम वैज्ञानिक व विशेषज्ञ जुटे हुए हैं. आज ईटीवी भारत आपको ऐसे योद्धाओं से रूबरू कराएगा, जिन्होंने ऐसे अविष्कार किए हैं जो कोरोना से आपको बचा सकते हैं. देखिए खास रिपोर्ट...

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण में मेडिकल स्टाफ, पुलिस, सफाई कर्मी समेत दूसरे कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया जा रहा है. लेकिन, आज बात ऐसे कोरोना योद्धाओं की करते हैं जो अपनी अलग सोच के जरिये इस महामारी के खिलाफ जंग में जुटे हैं. ईटीवी भारत पर ऐसी दो मशीनों की जानकारी देंगे, जो कोरोना को आपके पास भी नहीं फटकने देंगी.

दरअसल, देहरादून के अभिजीत रॉय ने संक्रमण से बचने के लिए लोगों को सैनिटाइजिंग बॉक्स की सौगात दी है. ग्राफिक एरा में बीटेक के छात्र अभिजीत और उनके चार साथी यूं तो नए इन्वेंशन पर ही काम करते हैं और अपने एक इन्वेंशन के लिए उन्हें उत्तराखंड स्टार्ट अप चैलेंज का विनर भी घोषित किया गया है.

कोरोना को करीब नहीं आने देंगी ये मशीनें.

यूबी लाइट टेक्नोलॉजी से सैनिटाइजिंग

इस बार उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सैनिटाइजिंग बॉक्स बनाया है. इसमें मात्र 10 मिनट में ही खाने के पैकेट से लेकर कपड़े और दूसरा सामान भी सैनिटाइज हो जाएगा. अभिजीत ग्रुप ने विकसित देशों में इस्तेमाल की जाने वाली यूबी लाइट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके इस बॉक्स को बनाया है. इसकी डिमांड कई अस्पतालों की ओर से भी उन्हें मिलने लगी है.

यूबी लाइट टेक्नोलॉजी बैक्टीरिया या वायरस को खत्म करने में बेहद असरदार होती है. खास बात ये है कि यह मशीन मात्र 2,200 रुपये तक की कॉस्ट में तैयार की गई है. जबकि, मार्केट में ऐसी ही मशीन 7,000 से 15,000 तक की मिलती हैं. नई सोच रखने वाले अभिजीत और उनके साथियों का यह प्रयास सराहनीय है, जिसे हर कोई सराह रहा है.

ये भी पढ़ेंः आर्सेनिक-30 को प्रमोट कर रहा आयुष मंत्रालय, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है दवा

DRDO के वैज्ञानिक शब्बीर अहमद ने बनाई मिसू (MESU) मशीन

उधर, देश की रक्षा के लिए मिसाइल और हथियार बनाने वाली संस्था डीआरडीओ के वैज्ञानिक शब्बीर अहमद भी अपनी वैज्ञानिक सोच का इस्तेमाल कोराना को हराने के लिए कर रहे हैं. शब्बीर अहमद ने कोरोना वायरस को आम लोगों से दूर रखने के लिए हैंड एंड फुट वेयर सैनिटाइजिंग मशीन तैयार की है. इससे दूर से ही हाथों को न केवल सैनिटाइज किया जा सकता है बल्कि, आपके फुटवियर भी इससे पूरी तरह वायरस मुक्त हो जाते हैं.

मिसू (MESU) नाम की इस मशीन को शब्बीर और उनके साथियों ने महज 7 दिनों में तैयार किया है. शबीर अहमद ने 3 मशीनें बनाई हैं जिन्हें वो कोरोना वॉरियर्स को देना चाहते हैं. शब्बीर के मुताबिक वे प्रशासन, पुलिस और अस्पताल को यह मशीनें भेंट करेंगे. बता दें कि इससे पहले शब्बीर हैंड वॉशिंग मशीन भी बना चुके हैं जिसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी वैज्ञानिक शब्बीर को बधाई दी थी.

देहरादूनः इंसानी सुरक्षा और सहूलियतों के लिए अविष्कार हमेशा जरूरी रहे हैं. कोरोना काल में भी जहां दुनिया वायरस से खौफजदा है तो वहीं, इससे बचाव और वैक्सीन को लेकर तमाम वैज्ञानिक व विशेषज्ञ जुटे हुए हैं. आज ईटीवी भारत आपको ऐसे योद्धाओं से रूबरू कराएगा, जिन्होंने ऐसे अविष्कार किए हैं जो कोरोना से आपको बचा सकते हैं. देखिए खास रिपोर्ट...

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण में मेडिकल स्टाफ, पुलिस, सफाई कर्मी समेत दूसरे कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया जा रहा है. लेकिन, आज बात ऐसे कोरोना योद्धाओं की करते हैं जो अपनी अलग सोच के जरिये इस महामारी के खिलाफ जंग में जुटे हैं. ईटीवी भारत पर ऐसी दो मशीनों की जानकारी देंगे, जो कोरोना को आपके पास भी नहीं फटकने देंगी.

दरअसल, देहरादून के अभिजीत रॉय ने संक्रमण से बचने के लिए लोगों को सैनिटाइजिंग बॉक्स की सौगात दी है. ग्राफिक एरा में बीटेक के छात्र अभिजीत और उनके चार साथी यूं तो नए इन्वेंशन पर ही काम करते हैं और अपने एक इन्वेंशन के लिए उन्हें उत्तराखंड स्टार्ट अप चैलेंज का विनर भी घोषित किया गया है.

कोरोना को करीब नहीं आने देंगी ये मशीनें.

यूबी लाइट टेक्नोलॉजी से सैनिटाइजिंग

इस बार उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सैनिटाइजिंग बॉक्स बनाया है. इसमें मात्र 10 मिनट में ही खाने के पैकेट से लेकर कपड़े और दूसरा सामान भी सैनिटाइज हो जाएगा. अभिजीत ग्रुप ने विकसित देशों में इस्तेमाल की जाने वाली यूबी लाइट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके इस बॉक्स को बनाया है. इसकी डिमांड कई अस्पतालों की ओर से भी उन्हें मिलने लगी है.

यूबी लाइट टेक्नोलॉजी बैक्टीरिया या वायरस को खत्म करने में बेहद असरदार होती है. खास बात ये है कि यह मशीन मात्र 2,200 रुपये तक की कॉस्ट में तैयार की गई है. जबकि, मार्केट में ऐसी ही मशीन 7,000 से 15,000 तक की मिलती हैं. नई सोच रखने वाले अभिजीत और उनके साथियों का यह प्रयास सराहनीय है, जिसे हर कोई सराह रहा है.

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DRDO के वैज्ञानिक शब्बीर अहमद ने बनाई मिसू (MESU) मशीन

उधर, देश की रक्षा के लिए मिसाइल और हथियार बनाने वाली संस्था डीआरडीओ के वैज्ञानिक शब्बीर अहमद भी अपनी वैज्ञानिक सोच का इस्तेमाल कोराना को हराने के लिए कर रहे हैं. शब्बीर अहमद ने कोरोना वायरस को आम लोगों से दूर रखने के लिए हैंड एंड फुट वेयर सैनिटाइजिंग मशीन तैयार की है. इससे दूर से ही हाथों को न केवल सैनिटाइज किया जा सकता है बल्कि, आपके फुटवियर भी इससे पूरी तरह वायरस मुक्त हो जाते हैं.

मिसू (MESU) नाम की इस मशीन को शब्बीर और उनके साथियों ने महज 7 दिनों में तैयार किया है. शबीर अहमद ने 3 मशीनें बनाई हैं जिन्हें वो कोरोना वॉरियर्स को देना चाहते हैं. शब्बीर के मुताबिक वे प्रशासन, पुलिस और अस्पताल को यह मशीनें भेंट करेंगे. बता दें कि इससे पहले शब्बीर हैंड वॉशिंग मशीन भी बना चुके हैं जिसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी वैज्ञानिक शब्बीर को बधाई दी थी.

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