नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी की 190 घटनाएं हुईं और इसमें संलिप्त 250 लोग अभी जेल में हैं.
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि इस साल अक्टूबर तक सीमा से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के प्रयास की 171 घटनाएं हुई और इनमें से 114 प्रयास सफल रहे.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घुसपैठ के 'सफल' प्रयास की घटनाओं में अगस्त में 59, अक्टूबर में सात, सितंबर में 20 और अगस्त में 32 घटनाएं हुईं.
वर्ष 2018 में सफल घुसपैठ की 143 घटनाएं, 2017 में 136 और 2016 में 119 घटनाएं हुईं.
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इस साल अब तक पत्थरबाजी की 544 घटनाएं हुईं और उनमें से 190 घटनाएं पांच अगस्त के बाद हुईं, जब अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किया गया.
अधिकारी ने बताया कि आठ दिसंबर तक जम्मू कश्मीर के 356 लोग जेल में थे और उनमें से 250 पत्थरबाज हैं .
वर्ष 2018 में पत्थरबाजी की 802 घटनाएं हुई थी.