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नेपाल पुलिस की फायरिंग में घायल जितेंद्र की हालत ठीक, परिजन ने बताई आपबीती

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Published : Jul 20, 2020, 11:10 PM IST

नेपाल पुलिस की ओर से की गई फायरिंग में घायल जितेंद्र की हालत फिलहाल ठीक बताई जा रही है. उनके भाई ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि आखिर उस दिन बॉर्डर पर क्या हुआ था?

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नेपाल पुलिस की फायरिंग में घायल शख्स पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पूर्णिया: बीते दिनों किशनगंज के टेढ़ागाछ प्रखंड के फतेहपुर बॉर्डर एरिया में एक भारतीय युवक पर नेपाल ईपीएफ ने फायरिंग की थी. यह मुद्दा धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है. हर कोई यह जानना चाह रहा है कि आखिर नेपाल पुलिस ने एक मवेशी ढूंढ रहे किसान को निशाना क्यों बनाया? एक निहत्थे युवक पर गोली क्यों चलाई गई? आखिर उस दिन हुआ क्या?

इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत ने घटना में घायल हुए जितेंद्र कुमार सिंह के परिजनों से खास बातचीत की. जितेंद्र कुमार के भाई रंजीत प्रसाद सिंह ने बताया कि बीते शनिवार दोपहर को गोलीबारी की घटना घटी. रंजीत ने कहा कि जितेंद्र रोजाना की ही तरह ही अपने दो अन्य ग्रामीण दोस्त गुलशन और बबलू के साथ टेढ़ागाछ प्रखंड स्थित फतेहपुर गांव में मवेशियों को चरा रहा था.

नेपाल पुलिस की फायरिंग में घायल शख्स पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

साथियों के साथ मवेशी खोज रहा था जितेंद्र
घायल युवक जितेंद्र कुमार के भाई रंजीत प्रसाद सिंह ने बताया कि मवेशी चराने के दौरान जानवर भटक गए. तब जितेंद्र और अन्य साथी मवेशी खोजने लगे. तभी नेपाल पुलिस ने गोली दाग दी. उस दौरान अन्य साथी भाग निकले और जितेंद्र को गोली लगी.

नेपाल को बेनकाब करेगा जितेंद्र का ये बयान
रंजीत प्रसाद ने बताया कि जितेंद्र ने अपने बयान में यह दावा किया कि वह तब भारतीय सीमा में ही था. जबकि नेपाल पुलिस ने भारतीय सीमा में दाखिल होकर उसपर निशाना साधा. जितेंद्र के साथियों ने बताया कि गोलीकांड के बाद जब वे घटनास्थल पर गए तो वहां एक भी जवान नहीं था. इससे साफ होता है कि नेपाल पुलिस भारतीय सेना में दाखिल हुई थी.

खतरे से बाहर है जितेंद्र
घायल जितेंद्र के भाई रंजीत ने बताया कि घटना के कुछ ही देर बाद जितेंद्र के साथी उसे घायल हाल में लेकर गांव पहुंचे. जहां उसे फतेहपुर के पीएचसी में भर्ती कराया गया. हालांकि खून अधिक बह जाने की वजह से जितेंद्र को नाजुक हाल में पूर्णिया रेफर कर दिया गया. जिसके बाद लाइन बाजार स्थित एक निजी क्लीनिक में उसका इलाज जारी है. डॉक्टर लगातार नजर बनाए हुए हैं. बता दें कि नेपाल सैनिक की गोली का शिकार हुए जितेंद्र फिलहाल खतरे से बाहर हैं.

पूर्णिया: बीते दिनों किशनगंज के टेढ़ागाछ प्रखंड के फतेहपुर बॉर्डर एरिया में एक भारतीय युवक पर नेपाल ईपीएफ ने फायरिंग की थी. यह मुद्दा धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है. हर कोई यह जानना चाह रहा है कि आखिर नेपाल पुलिस ने एक मवेशी ढूंढ रहे किसान को निशाना क्यों बनाया? एक निहत्थे युवक पर गोली क्यों चलाई गई? आखिर उस दिन हुआ क्या?

इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत ने घटना में घायल हुए जितेंद्र कुमार सिंह के परिजनों से खास बातचीत की. जितेंद्र कुमार के भाई रंजीत प्रसाद सिंह ने बताया कि बीते शनिवार दोपहर को गोलीबारी की घटना घटी. रंजीत ने कहा कि जितेंद्र रोजाना की ही तरह ही अपने दो अन्य ग्रामीण दोस्त गुलशन और बबलू के साथ टेढ़ागाछ प्रखंड स्थित फतेहपुर गांव में मवेशियों को चरा रहा था.

नेपाल पुलिस की फायरिंग में घायल शख्स पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

साथियों के साथ मवेशी खोज रहा था जितेंद्र
घायल युवक जितेंद्र कुमार के भाई रंजीत प्रसाद सिंह ने बताया कि मवेशी चराने के दौरान जानवर भटक गए. तब जितेंद्र और अन्य साथी मवेशी खोजने लगे. तभी नेपाल पुलिस ने गोली दाग दी. उस दौरान अन्य साथी भाग निकले और जितेंद्र को गोली लगी.

नेपाल को बेनकाब करेगा जितेंद्र का ये बयान
रंजीत प्रसाद ने बताया कि जितेंद्र ने अपने बयान में यह दावा किया कि वह तब भारतीय सीमा में ही था. जबकि नेपाल पुलिस ने भारतीय सीमा में दाखिल होकर उसपर निशाना साधा. जितेंद्र के साथियों ने बताया कि गोलीकांड के बाद जब वे घटनास्थल पर गए तो वहां एक भी जवान नहीं था. इससे साफ होता है कि नेपाल पुलिस भारतीय सेना में दाखिल हुई थी.

खतरे से बाहर है जितेंद्र
घायल जितेंद्र के भाई रंजीत ने बताया कि घटना के कुछ ही देर बाद जितेंद्र के साथी उसे घायल हाल में लेकर गांव पहुंचे. जहां उसे फतेहपुर के पीएचसी में भर्ती कराया गया. हालांकि खून अधिक बह जाने की वजह से जितेंद्र को नाजुक हाल में पूर्णिया रेफर कर दिया गया. जिसके बाद लाइन बाजार स्थित एक निजी क्लीनिक में उसका इलाज जारी है. डॉक्टर लगातार नजर बनाए हुए हैं. बता दें कि नेपाल सैनिक की गोली का शिकार हुए जितेंद्र फिलहाल खतरे से बाहर हैं.

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