नई दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी पर स्थाई समिति की मंगलवार को संसद में एक बैठक हुई. समिति ने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में 5G टेलीकॉम और इंटरनेट शटडाउन पर चर्चा की. पैनल को दूरसंचार सेवाओं के निलंबन, इसके प्रभाव और 5 जी के लिए तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई.
सूत्रों के अनुसार जम्मू और कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने और समिति के सदस्यों द्वारा संभावित बहाली पर सवाल उठाया गया था. मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि 2 जी सेवाओं को बहाल कर दिया गया है और 4 जी सेवाओं की बहाली पर अंतिम कॉल गृह मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा. जम्मू और कश्मीर में इंटरनेट सेवा 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त करने के बाद निलंबित कर दी गई थी.
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने जनवरी 2020 में इंटरनेट निलंबन की आवधिक समीक्षा और अवधि प्रदान करने के लिए केंद्र को दिशा-निर्देश दिए थे. समिति के सदस्यों ने पूछा कि संचार मंत्रालय नए प्रोटोकॉल लागू करने में विफल क्यों रहा है. सूत्रों के अनुसार आईटी अधिकारियों ने कहा कि संशोधन प्रक्रियाधीन है और निलंबन पर निर्णय गृह मंत्रालय और उस राज्य द्वारा लिया जाता है जहां इंटरनेट निलंबन हुआ था.
पैनल ने भारत में 5 जी के बारे में भी चर्चा की. दूरसंचार मंत्रालय के अधिकारियों ने बैठक में 5G के लिए भारत की तैयारियों के बारे में जानकारी दी और बताया कि भारत मार्च 2021 तक 5G नेटवर्क शुरू करने की स्थिति में होगा.
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स्थायी समिति की बैठक में भारत नेट ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी परियोजना पर भी चर्चा हुई. भारत में एक लाख से अधिक गांवों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी में देरी के बारे में पूछताछ की गई. इस परियोजना के तहत मार्च 2019 तक लगभग 2.5 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जानी थी. बैठक में सूत्रों के अनुसार मंत्रालय के अधिकारी इन परियोजनाओं में देरी के कारण का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके.
इस समिति के अध्यक्ष शशि थरूर हैं और इस बैठक में लगभग एक तिहाई समिति के सदस्यों ने भाग लिया. लोक सभा वेबसाइट के अनुसार लोकसभा में 21 सदस्य हैं और वर्तमान में राज्यसभा के 9 सदस्य स्थायी समिति का हिस्सा हैं. राज्यसभा सांसद बेनी प्रसाद वर्मा के निधन के बाद 27 मार्च से एक सीट खाली है.