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जब मनाली में गूंजी थी वाजपेयी की कविता

अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने दूसरे 'घर' हिमाचल में तीन बार कविता पाठ भी किया था. मनाली में माउंटनेयरिंग इंस्टीट्यूट में दो बार और एक दफा अन्य स्थान पर कवि सम्मेलन आयोजित किया गया था. पढे़ं पूरा विवरण....

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Published : Dec 25, 2019, 3:08 PM IST

5th birth anniversary of atal bihari Vajpayee
स्व. अटल बिहारी वाजपेयी

शिमला: भारत रत्न और कवि हृदय राजनेता स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने दूसरे घर हिमाचल में तीन बार कविता पाठ भी किया था. मनाली में माउंटनेयरिंग इंस्टीट्यूट में दो बार और एक दफा अन्य स्थान पर कवि सम्मेलन आयोजित किया गया था.

न केवल प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दौरान बल्कि वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में भी अटल जी के कवि सम्मेलन हुए. हिमाचल के राज्यपाल स्व. विष्णुकांत शास्त्री भी एक कवि सम्मेलन में मौजूद थे. मौत से ठन गई कविता पाठ के दौरान अटल जी के साथ स्व. विष्णुकांत शास्त्री भी स्टेज पर थे.

हिमाचली कवियों की मौजूदगी में सुनाई थीं अपनी रचनाएं

ये भी पढ़ेंः PM मोदी ने वाजपेयी की जयंती पर अटल भूजल योजना का शुभारंभ किया

मनाली में कवि सम्मेलन के दौरान हिमाचल के कई लेखकों ने अटल बिहारी वाजपेयी को अपनी पुस्तकें भेंट की थीं. उस दौरान मंच संचालन हिमाचल के वरिष्ठ लेखक और तब के भाषा विभाग के उप निदेशक सुदर्शन वशिष्ठ ने किया था.

वशिष्ठ उस समय को याद करते हुए कहते हैं कि अटल जी का व्यक्तित्क सम्मोहक था. उनका कविता पढ़ने का अंदाज प्रभावशाली रहता था. प्रधानमंत्री बनने के बाद आयोजित कवि सम्मलेन में अटल जी ने कहा था कि अब जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं तो कविता लिखना नहीं हो पाता. ये कवि सम्मेलन जून 2000 में हुआ था.

शिमला: भारत रत्न और कवि हृदय राजनेता स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने दूसरे घर हिमाचल में तीन बार कविता पाठ भी किया था. मनाली में माउंटनेयरिंग इंस्टीट्यूट में दो बार और एक दफा अन्य स्थान पर कवि सम्मेलन आयोजित किया गया था.

न केवल प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दौरान बल्कि वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में भी अटल जी के कवि सम्मेलन हुए. हिमाचल के राज्यपाल स्व. विष्णुकांत शास्त्री भी एक कवि सम्मेलन में मौजूद थे. मौत से ठन गई कविता पाठ के दौरान अटल जी के साथ स्व. विष्णुकांत शास्त्री भी स्टेज पर थे.

हिमाचली कवियों की मौजूदगी में सुनाई थीं अपनी रचनाएं

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मनाली में कवि सम्मेलन के दौरान हिमाचल के कई लेखकों ने अटल बिहारी वाजपेयी को अपनी पुस्तकें भेंट की थीं. उस दौरान मंच संचालन हिमाचल के वरिष्ठ लेखक और तब के भाषा विभाग के उप निदेशक सुदर्शन वशिष्ठ ने किया था.

वशिष्ठ उस समय को याद करते हुए कहते हैं कि अटल जी का व्यक्तित्क सम्मोहक था. उनका कविता पढ़ने का अंदाज प्रभावशाली रहता था. प्रधानमंत्री बनने के बाद आयोजित कवि सम्मलेन में अटल जी ने कहा था कि अब जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं तो कविता लिखना नहीं हो पाता. ये कवि सम्मेलन जून 2000 में हुआ था.

मनाली में तीन बार गूंजी अटल की कविताएं, हिमाचल के कवियों की मौजूदगी में सुनाई थीं अपनी रचनाएं
शिमला। भारत रत्न और कवि हृदय राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने दूसरे घर हिमाचल में तीन बार कविता पाठ भी किया था। मनाली में माउंटनेयरिंग इंस्टीट्यूट में दो बार और एक दफा अन्य स्थान पर कवि सम्मेलन आयोजित किया गया था। न केवल प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दौरान बल्कि वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में भी अटल जी के कवि सम्मेलन हुए। हिमाचल के राज्यपाल स्व. विष्णुकांत शास्त्री भी एक कवि सम्मेलन में मौजूद थे। मौत से ठन गई कविता पाठ के दौरान अटल जी के साथ स्व. विष्णुकांत शास्त्री भी स्टेज पर थे। मनाली में कवि सम्मेलन के दौरान हिमाचल के कई लेखकों ने अटल बिहारी वाजपेयी को अपनी पुस्तकें भेंट की थीं। उस दौरान मंच संचालन हिमाचल के वरिष्ठ लेखक और तब के भाषा विभाग के उप निदेशक सुदर्शन वशिष्ठ ने किया था। वशिष्ठ उस समय को याद करते हुए कहते हैं कि अटल जी का व्यक्तित्क सम्मोहक था। उनका कविता पढऩे का अंदाज प्रभावशाली रहता था। प्रधानमंत्री बनने के बाद आयोजित कवि सम्मलेन में अटल जी ने कहा था कि अब जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं तो कविता लिखना नहीं हो पाता। ये कवि सम्मेलन जून 2000 में हुआ था।
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