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कोरोना से लड़ाई में अहम है वेंटिलेटर, जानें क्या होता है इसका काम

आखिर यह वेंटिलेटर है क्या? और कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के लिए यह कितना और क्यों जरूरी है? क्या हमारे देश में वेंटिलेटर की कमी है? ऐसे ढेरों सवाल हमारे सामने हैं. चलिए इस रिपोर्ट में आपको इन सभी सवालों के जवाब देते हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

वेंटिलेटर
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Published : Apr 2, 2020, 3:21 PM IST

चंडीगढ़ : पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है. हर रोज नए मामले सामने आ रहे हैं. चारों तरफ बस कोरोना-कोरोना ही चर्चा में है, लेकिन इन सबसे के बीच जो एक और शब्द चर्चा में है वह है वेंटिलेटर. पिछले तीन-चार दिन से दुनियाभर में वेंटिलेटर की कमी को लेकर चिंता बढ़ गई है.

वेंटिलेटर एक ऐसी मशीन है, जो ऐसे मरीजों की जिंदगी बचाती है, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है या स्वयं सांस नहीं ले पा रहे होते हैं. समान्यतौर पर बीमारी की वजह से फेफड़े अपना काम नहीं कर पाते हैं, तो वेंटिलेटर सांस लेने में मदद करता है.

कोरोना संक्रमित मरीज के लिए वेंटिलेशन मशीन कितनी जरूरी है?

डॉक्टरों का साफ कहना है कि वेंटिलेशन मशीन से कोरोना वायरस का इलाज नहीं होता है. यह मशीन बस सांस लेने में मदद करती है.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

शोध में यह सामने आया है कि कोरोना वायरस बुजुर्ग और बच्चों पर तेजी से असर करता है. शारीरिक रूप से कमजोर संक्रमित मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. ऐसे में वेंटिलेशन मशीन की जरूरत होती है. हालांकि 80 प्रतिशत युवा मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत नहीं होती है. क्वारंटाइन अवधि के दौरान ही तमाम मरीज ठीक हो जाते हैं. आपको बता दें कि आम इंसान 21 से 22 प्रतिशत ऑक्सीजन खुली हवा से प्राप्त करता है, लेकिन वेंटिलेशन मशीन मरीज को 21 से 100 प्रतिशत तक शुद्ध ऑक्सीजन उसके शरीर में पहुंचाने में मदद करती है.

चंडीगढ़ : पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है. हर रोज नए मामले सामने आ रहे हैं. चारों तरफ बस कोरोना-कोरोना ही चर्चा में है, लेकिन इन सबसे के बीच जो एक और शब्द चर्चा में है वह है वेंटिलेटर. पिछले तीन-चार दिन से दुनियाभर में वेंटिलेटर की कमी को लेकर चिंता बढ़ गई है.

वेंटिलेटर एक ऐसी मशीन है, जो ऐसे मरीजों की जिंदगी बचाती है, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है या स्वयं सांस नहीं ले पा रहे होते हैं. समान्यतौर पर बीमारी की वजह से फेफड़े अपना काम नहीं कर पाते हैं, तो वेंटिलेटर सांस लेने में मदद करता है.

कोरोना संक्रमित मरीज के लिए वेंटिलेशन मशीन कितनी जरूरी है?

डॉक्टरों का साफ कहना है कि वेंटिलेशन मशीन से कोरोना वायरस का इलाज नहीं होता है. यह मशीन बस सांस लेने में मदद करती है.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

शोध में यह सामने आया है कि कोरोना वायरस बुजुर्ग और बच्चों पर तेजी से असर करता है. शारीरिक रूप से कमजोर संक्रमित मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. ऐसे में वेंटिलेशन मशीन की जरूरत होती है. हालांकि 80 प्रतिशत युवा मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत नहीं होती है. क्वारंटाइन अवधि के दौरान ही तमाम मरीज ठीक हो जाते हैं. आपको बता दें कि आम इंसान 21 से 22 प्रतिशत ऑक्सीजन खुली हवा से प्राप्त करता है, लेकिन वेंटिलेशन मशीन मरीज को 21 से 100 प्रतिशत तक शुद्ध ऑक्सीजन उसके शरीर में पहुंचाने में मदद करती है.

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