नई दिल्ली : भारत और ईरान के बीच आज से विशेष विमान सेवा शुरू कर दी जाएगी. यह विमान सेवा कोरोना के कारण दोनों देशों में फंसे अपने-अपने नागिरकों की स्वदेश वापसी के लिए शुरू की जा रही है. उल्लेखनीय है कि ईरान में 2000 से अधिक भारतीय फंसे हुए हैं, जबकि भारत में भी कई ईरानी नागरिक मौजूद हैं जो स्वदेश वापस जाना चाहते हैं.
कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के मद्देनजर ईरान में फंसे भारतीयों को सामान्य विमानन सेवाओं के जरिए वापस लाने के इंतजाम किए जा रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि ईरान में कोई भी भारतीय कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस से प्रभावित हर देश में भारतीय दूतावास सक्रिय है. उन्होंने कहा कि ईरान में भारतीय दूतावास नियमित रूप से स्थिति की जानकारी दे रहा है और देश में मछुआरों सहित हर भारतीय के साथ मिशन सम्पर्क में है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी कहा था कि भारतीय चिकित्सा दल आज ही ईरान पहुंच जाएगा और अधिकारी कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर वहां फंसे भारतीयों की वापसी के लिए ईरान के अपने समकक्षों के साथ तौर तरीकों पर काम कर रहे हैं. जयशंकर ने कहा कि भारतीय चिकित्सा दल द्वारा कोरोना वायरस के लिए जांच करने के वास्ते शाम तक कोम में पहला क्लीनिक स्थापित करने की संभावना है.
मंत्री ने ट्वीट किया, 'ईरान में फंसे भारतीयों और उनके परिवारों के लिए जानकारी : जांच के लिए हमारा चिकित्सा दल आज ईरान पहुंच रहा है. शाम तक कोम में पहला क्लीनिक शुरू करने की उम्मीद है. इसके तुरंत बाद जांच प्रक्रिया शुरू होगी. भारतीयों की वापसी के लिए तौर तरीकों पर ईरानी अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.'
भारत में मौजूद 495 ईरानी पर्यटकों पर सवाल किए जाने पर कुमार ने कहा कि विदेश मंत्रालय को ईरानी दूतावास से कोई जानकारी नहीं मिली है.
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उन्होंने कहा, 'जिन पर्यटकों की हम बात कर रहे हैं वे कोरोना वायरस फैलने से पहले ही यहां थे और वे वापस नहीं जा सकते क्योंकि दोनों देशो के बीच अभी विमान सेवाएं बंद हैं. विमान सेवाएं बहाल होने पर वे वापस लौट जाएंगे, घबराने की जरूरत नहीं है.'
कुमार ने कहा कि ईरान में मौजूद भारतीयों को भी डब्ल्यूएचओ और स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा गया है.