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कभी भारत का 31 प्रतिशत वोट कांग्रेस का था, अब बदल गया है नजारा : सीपी जोशी

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ और सीएसडीएस की ओर से हुए सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने देश की राजनीति का युग पुरुष बताया तो वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने उन्हें राजनीति का भीष्म पितामह तक करार दे दिया. पढ़ें पूरी खबर...

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के सेमिनार में सीपी जोशी
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Published : Aug 1, 2019, 11:20 PM IST

जयपुरःगुरुवार को आयोजित सेमिनार के शुभारंभ सत्र के संबोधन के दौरान स्पीकर जोशी की जुबां पर देश की सियासत में कांग्रेस की शिखर की स्थिति से लेकर मौजूदा स्थिति तक का जिक्र आ गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कभी देश में कांग्रेस का 31 प्रतिशत और भाजपा का 19 फीसदी वोट था, लेकिन आज स्थिति बदल चुकी है.

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रमंडल संसदीय संघ राजस्थान शाखा के अध्यक्ष और विधानसभा स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी ने प्रणब मुखर्जी को राजनीति का युग पुरुष बताया. उन्होंने भारत रत्न के लिए मुखर्जी को प्रदेशवासियों की ओर से शुभकामनाएं दी. जोशी ने कहा कि प्रणब दा देश की राजनीतिक पीढ़ियों के आईविटनेस हैं. इन्हें देश की राजनीति का इनसाइक्लोपीडिया भी कहा जा सकता है.

जोशी के अनुसार एक समय था जब देश की राजनीति में 1952 से लेकर कई सालों तक देश का 50 फीसदी वोट दो राष्ट्रीय पार्टियों में बंटा था. जिसमें कांग्रेस के पास 31 प्रतिशत और भाजपा के पास 19 प्रतिशत था. लेकिन साल 2014 में देश की राजनीति में परिवर्तन हुआ और देश का 31 फीसदी वोट भाजपा के खाते में और 19 फीसदी वोट कांग्रेस के खाते में चला गया.

पढ़ें: अयोध्या भूमि विवाद : मध्यस्थता कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, कल सुनवाई

जोशी के अनुसार साल 2019 में देश की राजनीति एक कदम और आगे बढ़ी. तब से 37 फीसदी वोट बैंक भाजपा के खाते में गया तो 20 फीसदी कांग्रेस के खाते में. जोशी के अनुसार यह 7 फीसदी बढ़ा वह वोट बैंक रीजनल पार्टी को प्रभावित करता है. जोशी के अनुसार आज इस देश की राजनीति जिस चौराहे पर खड़ी है, उसमें बीजेपी का विचार और व्यक्ति कैसे देश की संसदीय लोकतंत्र को प्रभावित करेगा इस बात की चर्चा होने लगी है.

प्रणब दा राजनीति के भीष्म पितामह
वहीं, सेमिनार को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि प्रणब मुखर्जी को देश की राजनीति में तीन पीढ़ियों का अनुभव है. उनके अनुसार देश के लोकतंत्र की यात्रा का यदि प्रणब दा को भीष्म पितामह कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगा.

कटारिया के अनुसार प्रणब दा ने देश में पूर्ण बहुमत की सरकार भी देखी है तो अल्प बहुमत की सरकारें भी देखी है. वह स्थिति भी देखी है जब देश में और राज्यों में एक ही पार्टी की सरकार हुआ करती थी.

उनके अनुसार देश के संसदीय लोकतंत्र को जिस नजरिए से प्रणब दा ने देखा है उसका आशीर्वाद आज प्रदेश के विधायक और पूर्व विधायकों को भी मिल रहा है. ये हम सबके लिए सौभाग्य की बात है.

सेमिनार में विभिन्न सत्रों में चर्चा हुई जिसमें तुलनात्मक वैश्विक संदर्भ में संसदीय लोकतंत्र और भारत का योगदान विषय के साथ ही भारत में बदलती दलीय व्यवस्था और संसदीय लोकतंत्र की समसामयिक चुनौतियों के विषय पर भी चर्चा हुई.

जयपुरःगुरुवार को आयोजित सेमिनार के शुभारंभ सत्र के संबोधन के दौरान स्पीकर जोशी की जुबां पर देश की सियासत में कांग्रेस की शिखर की स्थिति से लेकर मौजूदा स्थिति तक का जिक्र आ गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कभी देश में कांग्रेस का 31 प्रतिशत और भाजपा का 19 फीसदी वोट था, लेकिन आज स्थिति बदल चुकी है.

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रमंडल संसदीय संघ राजस्थान शाखा के अध्यक्ष और विधानसभा स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी ने प्रणब मुखर्जी को राजनीति का युग पुरुष बताया. उन्होंने भारत रत्न के लिए मुखर्जी को प्रदेशवासियों की ओर से शुभकामनाएं दी. जोशी ने कहा कि प्रणब दा देश की राजनीतिक पीढ़ियों के आईविटनेस हैं. इन्हें देश की राजनीति का इनसाइक्लोपीडिया भी कहा जा सकता है.

जोशी के अनुसार एक समय था जब देश की राजनीति में 1952 से लेकर कई सालों तक देश का 50 फीसदी वोट दो राष्ट्रीय पार्टियों में बंटा था. जिसमें कांग्रेस के पास 31 प्रतिशत और भाजपा के पास 19 प्रतिशत था. लेकिन साल 2014 में देश की राजनीति में परिवर्तन हुआ और देश का 31 फीसदी वोट भाजपा के खाते में और 19 फीसदी वोट कांग्रेस के खाते में चला गया.

पढ़ें: अयोध्या भूमि विवाद : मध्यस्थता कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, कल सुनवाई

जोशी के अनुसार साल 2019 में देश की राजनीति एक कदम और आगे बढ़ी. तब से 37 फीसदी वोट बैंक भाजपा के खाते में गया तो 20 फीसदी कांग्रेस के खाते में. जोशी के अनुसार यह 7 फीसदी बढ़ा वह वोट बैंक रीजनल पार्टी को प्रभावित करता है. जोशी के अनुसार आज इस देश की राजनीति जिस चौराहे पर खड़ी है, उसमें बीजेपी का विचार और व्यक्ति कैसे देश की संसदीय लोकतंत्र को प्रभावित करेगा इस बात की चर्चा होने लगी है.

प्रणब दा राजनीति के भीष्म पितामह
वहीं, सेमिनार को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि प्रणब मुखर्जी को देश की राजनीति में तीन पीढ़ियों का अनुभव है. उनके अनुसार देश के लोकतंत्र की यात्रा का यदि प्रणब दा को भीष्म पितामह कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगा.

कटारिया के अनुसार प्रणब दा ने देश में पूर्ण बहुमत की सरकार भी देखी है तो अल्प बहुमत की सरकारें भी देखी है. वह स्थिति भी देखी है जब देश में और राज्यों में एक ही पार्टी की सरकार हुआ करती थी.

उनके अनुसार देश के संसदीय लोकतंत्र को जिस नजरिए से प्रणब दा ने देखा है उसका आशीर्वाद आज प्रदेश के विधायक और पूर्व विधायकों को भी मिल रहा है. ये हम सबके लिए सौभाग्य की बात है.

सेमिनार में विभिन्न सत्रों में चर्चा हुई जिसमें तुलनात्मक वैश्विक संदर्भ में संसदीय लोकतंत्र और भारत का योगदान विषय के साथ ही भारत में बदलती दलीय व्यवस्था और संसदीय लोकतंत्र की समसामयिक चुनौतियों के विषय पर भी चर्चा हुई.

Intro:राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की सेमिनार

सीपी जोशी ने प्रणव दा का बताया राजनीति का युग पुरुष,कटारिया ने बताया राजनीति का भीष्म पितामह

एक समय था जब देश में 31 प्रतिशत वोट कांग्रेस का और 19 फीसदी भाजपा का था लेकिन अब बदल गया नजारा-सीपी जोशी

जयपुर (इंट्रो)
राष्ट्रीय मंडल संसदीय संघ और सीएसडीएस की ओर से हुए सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने देश की राजनीति का युग पुरुष बताया तो वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने उन्हें राजनीति का भीष्म पितामह तक करार दे दिया। सेमिनार के शुभारंभ सत्र के संबोधन के दौरान स्पीकर जोशी की जुबा पर देेश की सियासत में कांग्रेस में शिखर की स्थिति से लेकर मौजूदा स्थिति तक का जिक्र आ गया।

Body:कभी देश में 31 प्रतिशत वोट कांग्रेस का और 19 फीसदी भाजपा का था लेकिन अब बदल गया नजारा -सीपी जोशी

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रमंडल संसदीय संघ राजस्थान शाखा के अध्यक्ष और विधानसभा स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी प्रणव मुखर्जी को राजनीति का युग पुरुष बताया और कहां कि भारत रत्न के लिए मुखर्जी को प्रदेशवासियों की और से शुभकामनाएं .जोशी ने कहा प्रणव दा देश की राजनीतिक पीढ़ियों क्या आईविटनेस है और इन्हें देश की राजनीति का इनसाइक्लोपीडिया भी कहा जा सकता है। जोशी के अनुसार एक समय था जब देश की राजनीति में 1952 से लेकर कई सालों तक देश का 50 फ़ीसदी वोट 2 नेशनल पार्टी हो में ही बटा था जिसमें कांग्रेस के पास 31 परसेंट और भाजपा के पास 19 पर्सेंट था लेकिन साल 2014 में देश की राजनीति में परिवर्तन हुआ और देश का 31 फ़ीसदी वोट भाजपा के खाते में और 19 फ़ीसदी वोट कांग्रेस के खाते में चला गया जोशी के अनुसार साल 2019 में देश की राजनीति एक कदम और आगे बढ़ी और तब से 37 फ़ीसदी वोट बैंक भाजपा के खाते में गया तो 20वीं सदी कांग्रेस के खाते में जोशी के अनुसार यह 7% बढ़ा वह वोट बैंक रीजनल पार्टी को प्रभावित करता है। जोशी के अनुसार आज इस देश की राजनीति जिस चौराहे पर खड़ी है उसमें बीजेपी का विचार और व्यक्ति कैसे देश की संसदीय लोकतंत्र को प्रभावित करेगा।

प्रणव दा राजनीति के भीष्म पितामह- कटारिया

सेमिनार को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा प्रणव मुखर्जी को देश की राजनीति में तीन पीढ़ियों का अनुभव है उनके अनुसार देश के लोकतंत्र की यात्रा का यदि प्रणव दा को भीष्म पितामह कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगा हटाने के अनुसार प्रणव दा ने देश में पूर्ण बहुमत की सरकार भी देखी है तो अल्प बहुमत की सरकारें भी देखी है और वह स्थिति भी देखी है जब देश में और राज्यों में एक ही पार्टी की सरकार हुआ करती थी उनके अनुसार देश के संसदीय लोकतंत्र को जिस नजरिए से प्रणव दा ने देखा है उसका आशीर्वाद आज प्रदेश के विधायक और पूर्व विधायकों को भी मिल रहा है ये हम सबके लिए सौभाग्य की बात है।

बाईट- गुलाबचंद कटारिया नेता प्रतिपक्ष

सेमिनार में विभिन्न सत्रों में चर्चा हुई जिसमें तुलनात्मक वैश्विक संदर्भ में संसदीय लोकतंत्र और भारत का योगदान विषय के साथ ही भारत ने बदलती दलीय व्यवस्था और संसदीय लोकतंत्र की समसामयिक चुनौतियों विषय पर भी चर्चा हुई।

(Edited vo pkg-seminar joshi kataria)

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